दिल की साफ और किस्मत कि मारी थी
कुछ ऐसी मेरी कहानी थी,
पिता भाई पति ना ही बेटा
मर्द के नाम पर अपना कोई भी तो नहीं था
लेकिन एक अजनबी आया और
जैसे मेरी जिंदगी कि हर कमी और गम को
अपना मान कर चलने लगा मुझे ऐसा लगा शायद अब तो
मेरी विरानी सी जिंदगी में एक सहारे की किरण जगमग गई उठी है, कुछ वक्त बाद उस भी हम में बहुत
कमी नजर आने लगी क्योंकि वक्त गुजरे के बाद लोगो को
आप से दूर होने का बहाना भी तो देनी होती है ।
और वह भी तो ठहड़ा दिमाग वाला💔💔
©priya kumari
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