❤️पिता❤️
नन्हे बच्चे की खिलखिलाती पहली मुस्कान है पिता,
हमारी पहली डग से उड़ान की शोर्य है पिता,
आवर्तन से शिक्षालय तक आमदोरफ़्त करते है पिता,
जेठ की तपती धूप में बर्फ सी ठंढी हवा है पिता,
दुनिया के काले नाग और कंटीले रास्तो से हिफाज़त करते है पिता,
हमारी उम्र को अपने रगों के खून से सींचते है पिता,
अपने फ़िक्र ओ फ़न से रूबरू कराते है पिता,
अपने पसीने की बूंदों से हमारी जड़ों को खाद देते व बढ़ाते है पिता,
एक मुस्तहकम दरख्त जिसमें
इल्म की शाखें हों वो दरख्त है पिता,
अक़ीदे के फूल और फ़राएज़ के फल है पिता,
शुश्रूषा का साया और सब्र ओ सुकूँ के बर्ग है पिता,
जो हममें ढूंढते वो इंसा
जिसमें किरदार,अज़्म और हिम्मत हो वो है पिता...
पी. निश्चल...🖋️
©P. Nishchal
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