तुम्हारे कांधे पे सर रख रो लूँ क्या??
अरे अरे!! डरो मत, पास नही.....
दूर रह कर ही तुम्हे महसूस कर लूँ क्या??
-शफरी
Tumhare kandhe pe sar rakh ro lun kya??
Arey arey !! daro mat, paas nhi....
dur reh kar hi tumhe mehsoos kar lun kya??
-shafri
हर रोज़ मैंने उसकी यादों का पौधा उखाड़ना चाहा
की हर रोज़ मेरे अश्कों ने उस पौधे को सवारना चाहा
-शफरी
.
.
Har roz maine uski yaadon ka paudha ukhadna chaha
आना जाना तो दस्तूर है
ख्वाइश हर मरतबा पूरी हो नहीं सकती
हर तरफ हलचल मची हुई है
मैं अपने हालातों पे हस भी नही सकती
तुम पूछोगे क्या हुआ 'शफरी'
ये मैं बता नहीं सकती
-शफरी
Aana jana to dastoor hai
Khwaish har martaba puri ho nahi sakti
Har taraf halchal machi hui hai
Main apne halaaton pe has bhi nahi sakti
Tum puchoge kya hua 'shafri'
Ye main bta nahi sakti
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here