तुम्हारे बाद मुझसे बात करती हैं
मेरी किताबें औऱ मेरा दुःख बाटती हैं मेरी कविताएँ,
तुम्हारा दिया खालीपन भरा जा सकता था,
पर मैंने भरा नही,
तुम्हारे अलावा भी कही दिल
लगाया जा सकता था पर मैंने लगाया नही,
तुम्हें पता है इस दुनियां में
ऐसा कोई ज़ख्म नही जिसे वक़्त कभी न भर सके,
फ़िर भी मैंने भरने ना दिया कभी मेरी ज़िंदगी मे तुम्हारी जगह...
©Vijendra Pratap
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