Ravi Samrat

Ravi Samrat Lives in Gorakhpur, Uttar Pradesh, India

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#berang  सुनो की...
वो जिस्म के राज़ तूने जो बताए थे हमको , देख
 अब वो राज़ नहीं..
अब रकीब आकर बताते हैं कि, तू मेरे पास नहीं..
वो तेरे चेहरे से टपकती मासूमियत , जो ओस की बूंद की तरह,
अब तेरे नए आशिकों को पता है , कि 
तुझमें वो बात नही..

©Ravi Samrat

#berang

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#Save  ये उम्र सारी आशिकी में गुज़रे , 
ये ज़रूरी तो नहीं
हां, तुमपे मरते थे , पर अब तुमपे मर ही जाए, 
ये ज़रूरी तो नहीं..तुम जो
 छोड़कर हमारा दामन, शहर के किस्सों में मशहूर हो गए...
जिंदा तो नहीं रहे हम मगर ,तुम्हे सिर्फ़ इतने में बेवफ़ा कह दे ,
 ये 
ज़रूरी तो नहीं...

©Ravi Samrat

#Save

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सज़ा आए ऐसी आशिक़ी को , जो हम करते हैं, हर रोज़ मरते हैं उनपे फिर भी कम करते हैं, अब , इस हद तक भी क्या याद आना उनका जिंदगी में, ये बाते कहते तो रोज हैं खुद से, पर शिकायत है की , दिल से ज़रा कम कहते हैं.. ©Ravi Samrat

#Raftaar  सज़ा आए ऐसी आशिक़ी को , जो हम करते हैं,
हर रोज़ मरते हैं उनपे फिर भी कम करते हैं,
अब ,
इस हद तक भी क्या याद आना उनका जिंदगी में,
ये बाते कहते तो रोज हैं खुद से, पर शिकायत है की ,
दिल से ज़रा कम कहते हैं..

©Ravi Samrat

#Raftaar

15 Love

#devdas  उनपे यकीन करना एक बीमारी सी लगी है..
दर्द होता है पर ईलाज की तमन्ना नहीं,
आसूं जीतने थे सब निकल गए उस शख्स को मनाने में..
अब रोना आए भी तो दिखाने को आसूं नहीं,
और हां.. दुख है कि एक इश्क पे ऐतबार कर लिया,
पर वो दुख और हैं की ये हाल ए हकीकत लिख गया हमसे ..
जानने वालों कह देना ये सिर्फ पढ़कर भूल जाने की बात नहीं..

©Ravi Samrat

#devdas love

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#ShamBhiKoi  हो गया वो इश्क़ जो एक बार होना था.. 
अब दोबारा हो हमें ऐसी कोई बात नहीं..
औ कभी बने थे तुम्हारी चाहतों के गुरुर हम.. अब किसी को यूं ही मिल जाए ऐसी कोई बात नहीं ,
जाओ तुम्हें रिहा किया वादे~मोहब्बत की बेड़ियों से,
ये हमारा इश्क है..तुम्हारी वफा का मोहताज नहीं... से.. ये हमारा इश्क़ है तुम्हारी वफा का मोहताज नहीं  ...

#ShamBhiKoi

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गुरूर बहुत था काफिरों को अपनी बंदूकों पर, हमारी केसरिया तलवारों ने उनका हर गुरूर मिटाया है; सर उठे जो खिलाफ हिंद के ,हर वो सर हमने धड़ से हटाया है, और ये हरे चांद के पनाहगारों आज ये याद रखें, की जिन लश्करों के बूते उड़ रहे हैं, ऐसी कई तमाम लश्करों को इस सरजमीं ने अपने सीने में दफनाया है।। ©Ravi Samrat

#IndianArmy  गुरूर बहुत था काफिरों को अपनी बंदूकों पर,
हमारी केसरिया तलवारों ने उनका हर गुरूर मिटाया है;
सर उठे जो खिलाफ हिंद के ,हर वो सर हमने धड़ से हटाया है,
और ये हरे चांद के पनाहगारों आज ये याद रखें,
की जिन लश्करों के बूते उड़ रहे हैं,
ऐसी कई तमाम लश्करों को इस सरजमीं ने अपने सीने में दफनाया है।।

©Ravi Samrat
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