जिंदगी का सफर
जिंदगी का सफर यूं तय कर लिया,
जैसा मिला सफर वैसा ही तय किया
चीखे थे इतने के गला सुखा दिया,
रोए थे इतने के खुद को नहला दिया
हाथ थे अपने भी लेकिन, लकीरों को मिटा दिया
जिंदगी का सफर ही यूं तय कर लिया-2
जिंदगी को जीने का फैसला कर लिया
डगमगाती कश्ती को हौसलों से भर लिया
बिना पतवार के ही लहरों को तर लिया
जिंदगी का सफर यूं तय कर लिया -2
मेहनत के बल पर खुद को बना दिया
टूटे मेरे मुका को फिर से सजा दिया,
कोई गिला नहीं हमें इस जिंदगी से,
सोचा ना था जितना उतना जी लिया,
जिंदगी का सफर यूं तय कर लिया,
जिंदगी का सफर यूं तय कर लिया।
© श।यर देव Thakur
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