वह लड़का है जनाब सब कुछ सह लेगा,
यह बात जमाना कब तक कह लेगा,
रह लेता वह अकेला तो अकेले में रोता नहीं,
वो लड़का भी आजकल रातों में चैन से सोता नहीं.
घर की जिम्मेदारी उसे बहुत सताती है,
बहन की शादी माँ की फिकर उससे बड़ा रुलाती है.
आज तक पापा को गले कभी मैंने लगाया नहीं,
दिल में क्या चल रहा था वो भी कभी किसी को बताया नहीं.
अक्सर ताने मिलते हैं
तू बाप बनेगा तो पता चलेगा,
क्या मेरा बेटा मेरी खुशी के लिए झूठ कहेगा.
बिल्कुल मेरी तरह
लड़कों की जिंदगी में कुछ आम नहीं होता,
मुसीबतें ना होती तो शायद हाथों में उसके जाम नहीं होता.
लड़का होना आसान नहीं होता
दुख, दर्द, मासूमियत, बहुत होती है लड़कों में,
इसीलिए वो लड़का किसी के सामने नहीं रोता.
जमाना उसे बहुत कुछ कहेगा तो कहने दो,
जमाना भी कब तक कह लेगा,
वो लड़का हैं जनाब खुशी-खुशी हंसकर सब कुछ सह लेगा...।😊
©Anirudh Katwa
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