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जब बच्चे थे तब बचपन से खूबसूरत कुछ नहीं था जब बड़े हुए तो बचपन की यादों से खूबसूरत कुछ नहीं है आशीष त्रिपाठी ©Ashish Tripathi
Ashish Tripathi
10 Love
White कुछ बातें और भावनाएं बौद्धिकता और वैज्ञानिकता से कहीं ऊपर होती हैं, उन्हें वैज्ञानिक तर्कों और सिद्धांतों से नहीं समझाया जा सकता उन्हें सिर्फ हृदय की गहराइयों से महसूस किया जा सकता है और यही बातें बताती हैं कि हम इंसान हैं मशीन नहीं यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमें आस्था और श्रद्धा अपने चरम पर होती है एक सकारात्मक ऊर्जा हर और महसूस की जा सकती है मैं दावे के साथ कहता हूं कि नास्तिक से नास्तिक व्यक्ति भी अगर छठ के घाटों पर चला जाए तो कुछ तो है जो वह भी महसूस करेगा यही कारण है कि हर धर्म और संप्रदाय के लोग इसे बड़े हर्ष उल्लास से मनाते हैं हमें गर्व है हमारी इस परंपरा और संस्कृति पर छठ की हार्दिक-हार्दिक शुभकामनाएं ©Ashish Tripathi
11 Love
आज फिर अपने पुराने स्कूल से गुजरा आज फिर वहां से बचपन ने आवाज दी आशीष त्रिपाठी ©Ashish Tripathi
White दरख्तों के नीचे बैठो फूलों की ताजगी ओढ़ कर तो देखो यकीनन खूबसूरत लगोगे तुम बदन पर सादगी ओढ़ कर तो देखो आशीष त्रिपाठी ©Ashish Tripathi
13 Love
White बड़ी कशमकश रही है इन दोनो में हमेशा जिंदगी आगे बढ़ना चाहती है मन पीछे जाना चाहता है आशीष त्रिपाठी ©Ashish Tripathi
15 Love
White बचपन में दोस्तों के साथ खेलती थी शाम अब जिम्मेदारियां के साथ गुजर जाती है आशीष त्रिपाठी ©Ashish Tripathi
9 Love
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