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सहज जीवन आकांक्षी
mujhe mere mann se hi khof h jo meri nhi sunta ©Divya Agarwal
Divya Agarwal
2 Love
मैने उसे गुलाबी कुर्ते में देखा और बस उसकी वो प्यारी मुस्कान देखती रही लेकिन उसे कभी कुछ कह नहीं पाई ©Divya Agarwal
सुनो , सुनकर मुझे सुनो यूं अनदेखा न करो ©Divya Agarwal
5 Love
जिन आंखों में मुझे खुद के लिए विश्वास दिखे ©Divya Agarwal
6 Love
भीड़ में रहकर अकेलापन दूर करना चाहा लेकिन ..... भीड़ में रहकर भी खुद को अकेला ही पाया ©Divya Agarwal
4 Love
पाँच शब्दों में बतायें 'साथ' क्या है? परिस्थिति में व्यक्ति को अकेला नही छोड़ना ©Divya Agarwal
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