मन बना कर आयी थी ,
लड़ना है,
कितना कुछ बोलना है,
कितने हिसाब लेने है,,,
आग लगे तेरी मुस्कान को,,, जिसने
सब भुला दिया
कितना कुछ तुमको कहना
आज फिर रह गया,,,,,
मून,✍️🖤
अच्छा तो ये क्या कोई सवाल है,,,,????
जवाब मुझे इसका आता नही,
जाओ , ,,,जवाब देने का मन नहीं,,,,
तेरी गरम सांस
मुझ तक आती है,,
टकरा कर टुट जाती है,,,,
क्या अब भी पूछोगे!!!!
की ,,,,
हमारे बीच क्या है!!!!!✍️✍️✍️🖤🖤
समय की अपनी ही रफ्तार है,,,
हम ही बेवजह भाग रहे है,,,
जबकी मालूम है,,,,
बड़े -बड़े कह गए है,,,,
जो होना होगा समय पे होगा
बस मेहनत अपना काम है
बाकी ऊपर बैठा
अल्लाह और राम है,,,,✍️🖤
छट जाएगा,,,
धीरे - धीरे.....
जो ज़ोर लगाया ,भूलने की
तेरी यादों से भागने की,,,,
कोहरा सा और गहराया
भीगी बादल सा,,,
मुझसे और लिपट गया,,,
मैं भीग गई
और तर हो गईं
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