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jind hariyana
Priyanka atri Kaushik
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सोचा था अपनेपन से बदल दूंगी अपनो की तस्वीर। कोशिश की अपनेपन से बदल दूंगी सपनों की लकीर।। इस कद्र हार गई हूं मेरे खुदा, ना बचा भरोसा तुझ पर और ना ही ............भरोसा ए तकदीर।।। ©Priyanka atri Kaushik
33 Love
बयां करू तो तुम मेरी परछाई हो। समझू तुझे तुझे तुम हर अच्छाई हो।। याद आती है हर लम्हे तेरी, ये बेहतरीन सबूत अपनेपन की सच्चाई है।।।। ©Priyanka atri Kaushik
30 Love
शब्दों को जोड़ने के चक्कर मैं इंसानअल्फाज बयां ना कर पाता है। रिश्तों को जोड़ने के चक्कर में इंसान अक्सर ख़्वाब पूरा ना कर पाता है। (जब जमीर से समझौता करना पड़े ना तो रिश्तों से समझौता करना बेहतर होता है।) ©Priyanka atri Kaushik
25 Love
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