English
White भाषा कि शोभा,श्रृंगार है हिन्दी। छोटे घरों में,बड़ा परिवार है हिन्दी। है,हिन्दी से,जन-जन जुड़ा हुआ, कहीं वीर रस,कहीं प्यार है हिन्दी।। "दीप" ©Deepak Kumar Deep
Deepak Kumar Deep
13 Love
White छोड़ के घोंसला पंछियों को भी जाना पड़ता है। बस,पेट पालने के लिए साहब,कमाना पड़ता है। यहां,कौन अपनी गलियों को याद करके रोता नहीं, पर, सबकी खुशियों के लिए मुस्कुराना पड़ता है।। ©Deepak Kumar Deep
सूरज फिर निकलेगा भंवरे गुन-गुनाएंगे। यार उदास मत हो अच्छे दिन लौट आएंगे।। "दीप" ©Deepak Kumar Deep
5 Love
ॐ नमः शिवाय खुद विष का प्याला पी कर, औरों में अमृत बांट गए। हम उस शंभू के चेले हैं, जो सबके संकट काट गए।। "दीप" ©Deepak Kumar Deep
6 Love
वो मेरा सपनों से भरा आसमां ले गए, दौलत वाले मेरे सारे अरमां ले गए।। "दीप" ©Deepak Kumar Deep
7 Love
अंधेरी-अंधेरी ये रात क्यों है, आखिर,मेरे ही शहर के,ये हालात क्यों है।। "दीप" ©Deepak Kumar Deep
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