White हिन्दी मात्र भाषा नही, अपितु भारतीयता के
भावों की दिव्य अभिव्यक्ति है।
भाषा, व्यवहार, विचार और संवेदनाओं के
संप्रेषण का प्रथम स्वर मातृभाषा का ही है।
अतः मातृभाषा हमारे मानसिक व बौद्धिक विकास
की दृष्टि से अधिक उपयोगी है।
घर, कार्यालय, प्रतिष्ठान और सर्वत्र गर्व से
अपनी भाषा का प्रयोग करें ।
हिन्दी केवल भाषा नहीं, अपितु सनातन
वाक् सत्ता एवं भारत का आत्म-स्वर है,
जिसमें भारत की आद्य-संस्कृति सभ्यता और
संस्कारों की दिव्यता समाहित हैं।
भारत की समस्त भाषाओं की वैविध्यपूर्ण
विधा में वैखरी के सभी सारस्वत
स्वरूप सम्माननीय हैं।
"हिन्दी दिवस" की हार्दिक शुभकामनाएँ !
©मनोज कुमार झा "मनु"
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