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स्वर्णिम-सी चारु चंद्र प्रभा में थिरकती शीतल चांदनी, मानो श्वेत वर्ण लहरों संग ताल में खिले पुष्प कुमुदनी। ©Sonal Panwar

#शायरी #nojotohindi #MoonShayari #Chand #lotus  स्वर्णिम-सी चारु चंद्र प्रभा में
थिरकती शीतल चांदनी,
 मानो श्वेत वर्ण लहरों संग
ताल में खिले पुष्प कुमुदनी।

©Sonal Panwar

चंद्र प्रभा🌛✨पुष्प कुमुदिनी🪷❤✨💫 #Moon #lotus #MoonShayari #Chand #Shayari #Poetry #nojotohindi #Nojoto खूबसूरत दो लाइन शायरी शायरी हिंदी मे

14 Love

White ््दिनांक ््18,,10,,2024,, वार ्््शुक्रवार ्् समय ्््सुबह ्् दस ्् बजे ्््निजविचार ््् ्््््शीर्षक ्््् ्््भावचित्र ्् ््््दिल से दिल में अनजानी अनचाही मन की शब्द यात्रा ््् चंद़ में एक शीतल हवाओ का झरोखे में, तुझको चाहा दिल से तुम्हे खोज रहे है , किसी भी किरदार में मैं नजर आती नहीं, मेरे दिल में।। ना कोई अंदेशा ना कोई संदेश ये रिश्ता अनमोल है, समझता नहीं है ये दिल।। माना कि तुम मेरे अंदर एक सूर की मधुरम वो किरण हो जो सुन्दरत्तम की नायाब मूरत दिखती नहीं हो, सिर्फ सिर्फ एकमेव नियती में महसूस होती हो ।। वो प्यारा नजारा देखने वाले दिल मानता नहीं है,, तेरी भोली भाली सूरत हंसीं दिल को ना जाने क्या कह रही हैं,।। यह दिल का समन्दर किसी अनजाने तूफान का आगाज करने वाला है, वो शख्स है जिसने वो लफ्जो से भावना से मन से कोई निर्णय स्वप्रयास से जन्मा विचार,, दिल से दिल में क्या कह दिया पता नहीं चलता है।। जो समय के गर्भ छुपा हुआ है आयना नजरिया बदल नहीं सकता है,, अगर मगर ख्याल नहीं है भविष्य अपना काम कर रहा है, और हम दिलों से दिमाग में यह तन मन को शांति का दिलासा देते हैं।। यह शीर्षक चंद्र दर्शन शीतल जल से स्नान अंजलि हवा से पावन पर्व, हो शरद पूर्णिमा के अवसान और कार्तिक कृष्ण पक्ष एकम में दिल का दीप प्रज्जवलित ,, आत्मज्योतिनवपिण्डसाधक आनंद लें और माँ बगलामुखी साधना तपस्या खुद से खूद में सवाल उठता।। मां सरस्वती और काली लक्ष्मी पूजा दीपावली का आगाज है,, दिल से दिल में पूर्णतया विकसित हो रहा है।। देवदिवाली तक निर्गुण निराकार रूप में एक स्वर में प्रेम गान हैं ,, इस दिल का दिल से मिलन समारोह है आपका आपके लिये विचार सच है। ।््कवि शैलेंद्र आनंद ् 18,,,10,,,,2024,,, ©Shailendra Anand

#भक्ति #Sad_Status  White ््दिनांक ््18,,10,,2024,,
वार ्््शुक्रवार ््
समय ्््सुबह ्् दस ्् बजे

्््निजविचार ्््
्््््शीर्षक ््््
्््भावचित्र ््
््््दिल से दिल में अनजानी अनचाही मन की शब्द यात्रा ्््

चंद़ में एक शीतल हवाओ का झरोखे में,
 तुझको चाहा दिल से तुम्हे खोज रहे है ,
किसी भी किरदार में मैं नजर आती नहीं,
 मेरे दिल में।।
ना कोई अंदेशा ना कोई संदेश ये रिश्ता अनमोल है,
 समझता नहीं है ये दिल।।
माना कि तुम मेरे अंदर एक सूर की मधुरम वो किरण हो
 जो सुन्दरत्तम की नायाब मूरत दिखती नहीं हो,
 सिर्फ सिर्फ एकमेव नियती में महसूस होती हो ।।
वो प्यारा नजारा देखने वाले दिल मानता नहीं है,,
तेरी भोली भाली सूरत हंसीं दिल को ना जाने क्या कह रही हैं,।।
यह दिल का समन्दर किसी अनजाने तूफान का आगाज करने वाला है,
वो शख्स है जिसने वो लफ्जो से भावना से मन से कोई निर्णय स्वप्रयास से जन्मा विचार,,
 दिल से दिल में क्या कह दिया पता नहीं चलता है।।
 जो समय के गर्भ छुपा हुआ है आयना नजरिया बदल नहीं सकता है,,
अगर मगर ख्याल नहीं है भविष्य अपना काम कर रहा है,
 और हम दिलों से दिमाग में यह तन मन को शांति का दिलासा देते हैं।।
यह शीर्षक चंद्र दर्शन शीतल जल से स्नान अंजलि हवा से पावन पर्व,
 हो शरद पूर्णिमा के अवसान और कार्तिक कृष्ण पक्ष एकम में दिल का दीप प्रज्जवलित ,,
आत्मज्योतिनवपिण्डसाधक आनंद लें और माँ बगलामुखी साधना तपस्या खुद से खूद में सवाल उठता।।
 मां सरस्वती और काली लक्ष्मी पूजा दीपावली का आगाज है,,
 दिल से दिल में पूर्णतया विकसित हो रहा है।।
 देवदिवाली तक निर्गुण निराकार रूप में एक स्वर में प्रेम गान हैं ,,
इस दिल का दिल से मिलन समारोह है आपका आपके लिये विचार सच है।
।््कवि शैलेंद्र आनंद ्
18,,,10,,,,2024,,,

©Shailendra Anand

#Sad_Status भक्ति सागर ्््भावचित्र मन से मन की शब्द यात्रा सुन्दरता है मनमोहक चंद्र दर्शन ्् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

13 Love

White ।। " मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता बल्कि फैसले लेकर उन्हें सही साबित कर देता हूँ ! " ।। संसार में ऐसे व्यक्तित्व कम करिश्माई जन्म लेते हैं अपनी विराट विरासतको शिखर पर ले जाने वाले हैं संबंधों को बड़े प्रेम शिद्दत सलाहियत से निभाते है व्यापार को परिश्रम ईमानदारी शिखर पे पहुंचाते हैं रतन टाटा से रतन संसार में बिरले ही जन्म लेते हैं बड़ी खामोशी से वे अपना कर्तव्य निभाया करते है और खामोशी से हीअसार संसार से विदा लेते हैं सादगी का दिव्य स्वरूप मिलनसार जिनका था रूप दानशीलता में अग्रणी ऐसे दिव्य विभूतियां भारती बिरले ही कभी कभी इस संसार में जन्म लेते हैं करुणा की मूर्ति संसार में कम जन्म लिया करते हैं मानव रूप में करुणा की प्रतिमूर्ति विभूती अतुल्य रतन टाटा गए व्यापारीगण पारिवारिक जगत में सन्नाटा छोड़ गए उमेश चंद्र श्रीवास्तव नवांकुर मौलिक स्वरचित 10/10/2021 ©बेजुबान शायर shivkumar

#व्यक्तित्व #ईमानदारी #विश्वास #कर्तव्य #फैसले #संसार  White ।। " मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता
 बल्कि फैसले लेकर उन्हें सही साबित कर देता हूँ ! " ।।



संसार में ऐसे व्यक्तित्व कम करिश्माई जन्म लेते हैं 
अपनी विराट विरासतको शिखर पर ले जाने वाले हैं 

संबंधों को बड़े प्रेम शिद्दत सलाहियत से निभाते है 
व्यापार को परिश्रम ईमानदारी शिखर पे पहुंचाते हैं  

रतन टाटा से रतन संसार में बिरले ही जन्म लेते हैं 
बड़ी खामोशी से वे अपना कर्तव्य निभाया करते है 

और खामोशी से हीअसार संसार से विदा लेते हैं 
सादगी का दिव्य स्वरूप मिलनसार जिनका था रूप 

दानशीलता में अग्रणी ऐसे दिव्य विभूतियां भारती
बिरले ही कभी कभी इस संसार में जन्म लेते हैं

करुणा की मूर्ति संसार में कम जन्म लिया करते हैं 
मानव रूप में करुणा की 

प्रतिमूर्ति विभूती अतुल्य रतन टाटा गए
 व्यापारीगण पारिवारिक जगत में सन्नाटा छोड़ गए 


उमेश चंद्र श्रीवास्तव नवांकुर मौलिक स्वरचित 10/10/2021

©बेजुबान शायर shivkumar

#Ratan_Tata #ratantata #RIP फिल्मी दुनिया हिंदी फिल्म ।। " मैं सही #फैसले लेने में #विश्वास नहीं करता बल्कि फैसले लेकर उन्हें सही #सा

13 Love

#बेजुबानशायर143 #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #हरहरमहादेव #कविता95 #कविता  White ।। जिस काले गोले से होता है , इस ब्रह्मांड का विनाश है, 
वह काला गोला महादेव के बस एक सूक्ष्म अंश के वो समान है ।।

आदि ना ही अंत जिनका, कंठ समुद्र समान है 
गले मैं अजय बासुकी, बाल गरुण समान है 

रूप मानो ऐसा जिसके मुट्ठी में ब्रह्मांड है 
एक रूप ऐसा जहा ब्रह्मांडधारि पुष्प पे सवार है, 

जिनका तप सहस्त्र सूर्यो के समान है
 जिनका मन पूर्ण चंद्र सा महान है, 
जिनके नेत्र में है बस्ता,वो अंतिम खंड 
इस समाज का ऐसा ना समझो कि,
भैरव बस नाम वो विनाश का ।

आदियोगी, सर्वयोगी, पूर्णयोगी, महानयोगी । 
बह रहे हैं गंगाधारी, 
नदियों के बहाव में चल रहे हैं चंद्रधारी, 
हिमालय की हवाओं में 

जिनको महसूस हो रहे जो वो " मां " नाम की पुकार में सहला रहे हैं 
छाती मेरी ममता के आवास में, रो रहे हैं भोलेनाथ जी भूख की पुकार में ।।

लड़ रहे हैं रूद्र बनके, उग रहे हैं पुष्प बनके
हंस रहे हैं चंद्र बनके, जल रहे हैं कोयला बनके,
 हर रहे हैं मां बनके, 
और मुझे डांट रहे हैं पितृ बनके ।

।। जिनके हाथ में है भार मेरे हाथ का, 
जिनकी आंखों में है तेज मेरी आंख का, 
जिनकी बुद्धि है शोध मेरे ज्ञान का, 
महादेव कहो या शिव संपूर्ण अर्थ बस यही काल का ।।

ॐ  हर हर महादेव ॐ

©बेजुबान शायर shivkumar

स्वर्णिम-सी चारु चंद्र प्रभा में थिरकती शीतल चांदनी, मानो श्वेत वर्ण लहरों संग ताल में खिले पुष्प कुमुदनी। ©Sonal Panwar

#शायरी #nojotohindi #MoonShayari #Chand #lotus  स्वर्णिम-सी चारु चंद्र प्रभा में
थिरकती शीतल चांदनी,
 मानो श्वेत वर्ण लहरों संग
ताल में खिले पुष्प कुमुदनी।

©Sonal Panwar

चंद्र प्रभा🌛✨पुष्प कुमुदिनी🪷❤✨💫 #Moon #lotus #MoonShayari #Chand #Shayari #Poetry #nojotohindi #Nojoto खूबसूरत दो लाइन शायरी शायरी हिंदी मे

14 Love

White ््दिनांक ््18,,10,,2024,, वार ्््शुक्रवार ्् समय ्््सुबह ्् दस ्् बजे ्््निजविचार ््् ्््््शीर्षक ्््् ्््भावचित्र ्् ््््दिल से दिल में अनजानी अनचाही मन की शब्द यात्रा ््् चंद़ में एक शीतल हवाओ का झरोखे में, तुझको चाहा दिल से तुम्हे खोज रहे है , किसी भी किरदार में मैं नजर आती नहीं, मेरे दिल में।। ना कोई अंदेशा ना कोई संदेश ये रिश्ता अनमोल है, समझता नहीं है ये दिल।। माना कि तुम मेरे अंदर एक सूर की मधुरम वो किरण हो जो सुन्दरत्तम की नायाब मूरत दिखती नहीं हो, सिर्फ सिर्फ एकमेव नियती में महसूस होती हो ।। वो प्यारा नजारा देखने वाले दिल मानता नहीं है,, तेरी भोली भाली सूरत हंसीं दिल को ना जाने क्या कह रही हैं,।। यह दिल का समन्दर किसी अनजाने तूफान का आगाज करने वाला है, वो शख्स है जिसने वो लफ्जो से भावना से मन से कोई निर्णय स्वप्रयास से जन्मा विचार,, दिल से दिल में क्या कह दिया पता नहीं चलता है।। जो समय के गर्भ छुपा हुआ है आयना नजरिया बदल नहीं सकता है,, अगर मगर ख्याल नहीं है भविष्य अपना काम कर रहा है, और हम दिलों से दिमाग में यह तन मन को शांति का दिलासा देते हैं।। यह शीर्षक चंद्र दर्शन शीतल जल से स्नान अंजलि हवा से पावन पर्व, हो शरद पूर्णिमा के अवसान और कार्तिक कृष्ण पक्ष एकम में दिल का दीप प्रज्जवलित ,, आत्मज्योतिनवपिण्डसाधक आनंद लें और माँ बगलामुखी साधना तपस्या खुद से खूद में सवाल उठता।। मां सरस्वती और काली लक्ष्मी पूजा दीपावली का आगाज है,, दिल से दिल में पूर्णतया विकसित हो रहा है।। देवदिवाली तक निर्गुण निराकार रूप में एक स्वर में प्रेम गान हैं ,, इस दिल का दिल से मिलन समारोह है आपका आपके लिये विचार सच है। ।््कवि शैलेंद्र आनंद ् 18,,,10,,,,2024,,, ©Shailendra Anand

#भक्ति #Sad_Status  White ््दिनांक ््18,,10,,2024,,
वार ्््शुक्रवार ््
समय ्््सुबह ्् दस ्् बजे

्््निजविचार ्््
्््््शीर्षक ््््
्््भावचित्र ््
््््दिल से दिल में अनजानी अनचाही मन की शब्द यात्रा ्््

चंद़ में एक शीतल हवाओ का झरोखे में,
 तुझको चाहा दिल से तुम्हे खोज रहे है ,
किसी भी किरदार में मैं नजर आती नहीं,
 मेरे दिल में।।
ना कोई अंदेशा ना कोई संदेश ये रिश्ता अनमोल है,
 समझता नहीं है ये दिल।।
माना कि तुम मेरे अंदर एक सूर की मधुरम वो किरण हो
 जो सुन्दरत्तम की नायाब मूरत दिखती नहीं हो,
 सिर्फ सिर्फ एकमेव नियती में महसूस होती हो ।।
वो प्यारा नजारा देखने वाले दिल मानता नहीं है,,
तेरी भोली भाली सूरत हंसीं दिल को ना जाने क्या कह रही हैं,।।
यह दिल का समन्दर किसी अनजाने तूफान का आगाज करने वाला है,
वो शख्स है जिसने वो लफ्जो से भावना से मन से कोई निर्णय स्वप्रयास से जन्मा विचार,,
 दिल से दिल में क्या कह दिया पता नहीं चलता है।।
 जो समय के गर्भ छुपा हुआ है आयना नजरिया बदल नहीं सकता है,,
अगर मगर ख्याल नहीं है भविष्य अपना काम कर रहा है,
 और हम दिलों से दिमाग में यह तन मन को शांति का दिलासा देते हैं।।
यह शीर्षक चंद्र दर्शन शीतल जल से स्नान अंजलि हवा से पावन पर्व,
 हो शरद पूर्णिमा के अवसान और कार्तिक कृष्ण पक्ष एकम में दिल का दीप प्रज्जवलित ,,
आत्मज्योतिनवपिण्डसाधक आनंद लें और माँ बगलामुखी साधना तपस्या खुद से खूद में सवाल उठता।।
 मां सरस्वती और काली लक्ष्मी पूजा दीपावली का आगाज है,,
 दिल से दिल में पूर्णतया विकसित हो रहा है।।
 देवदिवाली तक निर्गुण निराकार रूप में एक स्वर में प्रेम गान हैं ,,
इस दिल का दिल से मिलन समारोह है आपका आपके लिये विचार सच है।
।््कवि शैलेंद्र आनंद ्
18,,,10,,,,2024,,,

©Shailendra Anand

#Sad_Status भक्ति सागर ्््भावचित्र मन से मन की शब्द यात्रा सुन्दरता है मनमोहक चंद्र दर्शन ्् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

13 Love

White ।। " मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता बल्कि फैसले लेकर उन्हें सही साबित कर देता हूँ ! " ।। संसार में ऐसे व्यक्तित्व कम करिश्माई जन्म लेते हैं अपनी विराट विरासतको शिखर पर ले जाने वाले हैं संबंधों को बड़े प्रेम शिद्दत सलाहियत से निभाते है व्यापार को परिश्रम ईमानदारी शिखर पे पहुंचाते हैं रतन टाटा से रतन संसार में बिरले ही जन्म लेते हैं बड़ी खामोशी से वे अपना कर्तव्य निभाया करते है और खामोशी से हीअसार संसार से विदा लेते हैं सादगी का दिव्य स्वरूप मिलनसार जिनका था रूप दानशीलता में अग्रणी ऐसे दिव्य विभूतियां भारती बिरले ही कभी कभी इस संसार में जन्म लेते हैं करुणा की मूर्ति संसार में कम जन्म लिया करते हैं मानव रूप में करुणा की प्रतिमूर्ति विभूती अतुल्य रतन टाटा गए व्यापारीगण पारिवारिक जगत में सन्नाटा छोड़ गए उमेश चंद्र श्रीवास्तव नवांकुर मौलिक स्वरचित 10/10/2021 ©बेजुबान शायर shivkumar

#व्यक्तित्व #ईमानदारी #विश्वास #कर्तव्य #फैसले #संसार  White ।। " मैं सही फैसले लेने में विश्वास नहीं करता
 बल्कि फैसले लेकर उन्हें सही साबित कर देता हूँ ! " ।।



संसार में ऐसे व्यक्तित्व कम करिश्माई जन्म लेते हैं 
अपनी विराट विरासतको शिखर पर ले जाने वाले हैं 

संबंधों को बड़े प्रेम शिद्दत सलाहियत से निभाते है 
व्यापार को परिश्रम ईमानदारी शिखर पे पहुंचाते हैं  

रतन टाटा से रतन संसार में बिरले ही जन्म लेते हैं 
बड़ी खामोशी से वे अपना कर्तव्य निभाया करते है 

और खामोशी से हीअसार संसार से विदा लेते हैं 
सादगी का दिव्य स्वरूप मिलनसार जिनका था रूप 

दानशीलता में अग्रणी ऐसे दिव्य विभूतियां भारती
बिरले ही कभी कभी इस संसार में जन्म लेते हैं

करुणा की मूर्ति संसार में कम जन्म लिया करते हैं 
मानव रूप में करुणा की 

प्रतिमूर्ति विभूती अतुल्य रतन टाटा गए
 व्यापारीगण पारिवारिक जगत में सन्नाटा छोड़ गए 


उमेश चंद्र श्रीवास्तव नवांकुर मौलिक स्वरचित 10/10/2021

©बेजुबान शायर shivkumar

#Ratan_Tata #ratantata #RIP फिल्मी दुनिया हिंदी फिल्म ।। " मैं सही #फैसले लेने में #विश्वास नहीं करता बल्कि फैसले लेकर उन्हें सही #सा

13 Love

#बेजुबानशायर143 #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #हरहरमहादेव #कविता95 #कविता  White ।। जिस काले गोले से होता है , इस ब्रह्मांड का विनाश है, 
वह काला गोला महादेव के बस एक सूक्ष्म अंश के वो समान है ।।

आदि ना ही अंत जिनका, कंठ समुद्र समान है 
गले मैं अजय बासुकी, बाल गरुण समान है 

रूप मानो ऐसा जिसके मुट्ठी में ब्रह्मांड है 
एक रूप ऐसा जहा ब्रह्मांडधारि पुष्प पे सवार है, 

जिनका तप सहस्त्र सूर्यो के समान है
 जिनका मन पूर्ण चंद्र सा महान है, 
जिनके नेत्र में है बस्ता,वो अंतिम खंड 
इस समाज का ऐसा ना समझो कि,
भैरव बस नाम वो विनाश का ।

आदियोगी, सर्वयोगी, पूर्णयोगी, महानयोगी । 
बह रहे हैं गंगाधारी, 
नदियों के बहाव में चल रहे हैं चंद्रधारी, 
हिमालय की हवाओं में 

जिनको महसूस हो रहे जो वो " मां " नाम की पुकार में सहला रहे हैं 
छाती मेरी ममता के आवास में, रो रहे हैं भोलेनाथ जी भूख की पुकार में ।।

लड़ रहे हैं रूद्र बनके, उग रहे हैं पुष्प बनके
हंस रहे हैं चंद्र बनके, जल रहे हैं कोयला बनके,
 हर रहे हैं मां बनके, 
और मुझे डांट रहे हैं पितृ बनके ।

।। जिनके हाथ में है भार मेरे हाथ का, 
जिनकी आंखों में है तेज मेरी आंख का, 
जिनकी बुद्धि है शोध मेरे ज्ञान का, 
महादेव कहो या शिव संपूर्ण अर्थ बस यही काल का ।।

ॐ  हर हर महादेव ॐ

©बेजुबान शायर shivkumar
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