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New मुद्रा म्हणजे काय Status, Photo, Video

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मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण भी सफेद होते हैं जिस चलते उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है. मां की चार भुजाएं हैं. मां का एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, दूसरे हाथ में त्रिशूल है, एक हाथ में डमरू और एक हाथ वर मुद्रा में रहता है. मां महागौरी का वाहन वृषभ है और इसलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां शांत मुद्रा में रहती हैं और मां का स्वरूप सौम्य नजर आता है. ©sumeet raj

#मान्यतानुसार #भक्ति #navratriday8 #sumeetworld #sumeetraj  मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण भी सफेद होते हैं जिस चलते उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है. मां की चार भुजाएं हैं. मां का एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, दूसरे हाथ में त्रिशूल है, एक हाथ में डमरू और एक हाथ वर मुद्रा में रहता है. मां महागौरी का वाहन वृषभ है और इसलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां शांत मुद्रा में रहती हैं और मां का स्वरूप सौम्य नजर आता है.

©sumeet raj

#navratriday8 #मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण

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// मां कालरात्रि // मां कालरात्रि की सातवें दिन पूजा की जाती है, मां कालरात्रि महायोगेश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी कहलाती है। मां कालरात्रि की पूजा से अकाल मौत का भय नही रहता, मां के हाथों में वर मुद्रा अभय मुद्रा खडग और लौह शास्त्र रहता। सुबह स्नान कर मां कालरात्रि की रोली कुमकुम से पूजा करें, मां को मिठाई पंच मेवा और पांच फल भोग में अर्पित करें। मां कालरात्रि ने रक्तबीज का वध किया था, शुभ निशुंभ और रक्तबीज को मार धरती को राक्षसों से मुक्त किया था। ©बेजुबान शायर shivkumar

#कालरात्रि #नवरात्रि #माँकाली #भक्ति #navratri2024 #navratri2025  // मां कालरात्रि //

मां कालरात्रि की सातवें दिन पूजा की जाती है,
मां कालरात्रि महायोगेश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी कहलाती है।

मां कालरात्रि की पूजा से अकाल मौत का भय नही रहता,
मां के हाथों में वर मुद्रा अभय मुद्रा खडग और लौह शास्त्र रहता।

सुबह स्नान कर मां कालरात्रि की रोली कुमकुम से पूजा करें,
मां को मिठाई पंच मेवा और पांच फल भोग में अर्पित करें।

मां कालरात्रि ने रक्तबीज का वध किया था,
शुभ निशुंभ और रक्तबीज को मार धरती को राक्षसों से मुक्त किया था।

©बेजुबान शायर shivkumar

मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण भी सफेद होते हैं जिस चलते उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है. मां की चार भुजाएं हैं. मां का एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, दूसरे हाथ में त्रिशूल है, एक हाथ में डमरू और एक हाथ वर मुद्रा में रहता है. मां महागौरी का वाहन वृषभ है और इसलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां शांत मुद्रा में रहती हैं और मां का स्वरूप सौम्य नजर आता है. ©sumeet raj

#मान्यतानुसार #भक्ति #navratriday8 #sumeetworld #sumeetraj  मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण भी सफेद होते हैं जिस चलते उन्हें श्वेतांबरधरा भी कहा जाता है. मां की चार भुजाएं हैं. मां का एक हाथ अभय मुद्रा में रहता है, दूसरे हाथ में त्रिशूल है, एक हाथ में डमरू और एक हाथ वर मुद्रा में रहता है. मां महागौरी का वाहन वृषभ है और इसलिए मां को वृषारूढ़ा भी कहा जाता है. मां शांत मुद्रा में रहती हैं और मां का स्वरूप सौम्य नजर आता है.

©sumeet raj

#navratriday8 #मान्यतानुसार मां महागौरी मां पार्वती का दिव्य रूप मानी जाती हैं. कहते हैं मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके आभूषण

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// मां कालरात्रि // मां कालरात्रि की सातवें दिन पूजा की जाती है, मां कालरात्रि महायोगेश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी कहलाती है। मां कालरात्रि की पूजा से अकाल मौत का भय नही रहता, मां के हाथों में वर मुद्रा अभय मुद्रा खडग और लौह शास्त्र रहता। सुबह स्नान कर मां कालरात्रि की रोली कुमकुम से पूजा करें, मां को मिठाई पंच मेवा और पांच फल भोग में अर्पित करें। मां कालरात्रि ने रक्तबीज का वध किया था, शुभ निशुंभ और रक्तबीज को मार धरती को राक्षसों से मुक्त किया था। ©बेजुबान शायर shivkumar

#कालरात्रि #नवरात्रि #माँकाली #भक्ति #navratri2024 #navratri2025  // मां कालरात्रि //

मां कालरात्रि की सातवें दिन पूजा की जाती है,
मां कालरात्रि महायोगेश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी कहलाती है।

मां कालरात्रि की पूजा से अकाल मौत का भय नही रहता,
मां के हाथों में वर मुद्रा अभय मुद्रा खडग और लौह शास्त्र रहता।

सुबह स्नान कर मां कालरात्रि की रोली कुमकुम से पूजा करें,
मां को मिठाई पंच मेवा और पांच फल भोग में अर्पित करें।

मां कालरात्रि ने रक्तबीज का वध किया था,
शुभ निशुंभ और रक्तबीज को मार धरती को राक्षसों से मुक्त किया था।

©बेजुबान शायर shivkumar
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