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New रवींद्रनाथ टैगोर की कविता हिंदी में Status, Photo, Video

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White कहने को कुछ भी कहे, जीवन को संसार | उसको मुझसे प्यार है, मुझको उससे प्यार || ©कवि प्रभात

#कविता #Sad_Status  White कहने को कुछ भी कहे, जीवन को संसार |
उसको मुझसे प्यार है, मुझको उससे प्यार ||

©कवि प्रभात

#Sad_Status हिंदी दिवस पर कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी कविता

11 Love

drawing by neetesh ©Neetesh kumar

#कविता  drawing by neetesh

©Neetesh kumar

देशभक्ति कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता कविताएं

12 Love

#कविता

# कुमार विश्वास की कविता हिंदी कविता प्रेम कविता हिंदी दिवस पर कविता

108 View

सच की चाहत में जलते हुए, छलावे के जाल में चलते हुए। . ©Dhaneshdwivediwriter

#कविता #fakesmile  सच की चाहत में जलते हुए,
 छलावे के जाल में चलते हुए।

















.

©Dhaneshdwivediwriter

#fakesmile सच की चाहत में जलते हुए, छलावे के जाल में चलते हुए। कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी

9 Love

White जो लक्ष्मण रेखा तोड़ेगा पंचवटी में सोने का मृग, देख सिया जी हरसाई। नंदनवन में चहल मची थी, मायामृग की चतुराई। बोली राघव स्वर्ण मृग का, शिकार कर प्रभु लाओ। कनक कुटी की सजा को, स्वर्ण चर्म से सजवाओ। बोले राम प्राण प्रिए सीते, स्वर्ण मृग जग ना होते। होनी तो होकर रहती, क्यों राम लखन निर्जन सोते। मायाजाल रचा रावण ने, खुद रामचंद्र अवतारी नर। चल पड़े पीछे मृग के तब, बीत चुका था तीन प्रहर। अंधकार में असुर शक्ति, प्रबल प्रभावी हो जाती। लक्ष्मण बचाओ प्राण मेरे, पंचवटी में ध्वनि आती। जाओ लक्ष्मण प्राण प्रिय, रघुनंदन स्वामी मेरे हैं। भाई की रक्षा करना, कर्तव्य लखन अब तेरे हैं। मेरी चिंता छोड़ो लखन, स्वामी के प्राण बचाने है। मेरी आज्ञा को मानो, अब तुमको फर्ज निभाने है। ईश्वर यह कैसी माया है, रघुवर से कौन टकराएगा। जो लक्ष्मण रेखा तोड़ेगा, तत्काल भस्म हो जाएगा। ©IG @kavi_neetesh

#कविता #sad_quotes  White जो लक्ष्मण रेखा तोड़ेगा

पंचवटी में सोने का मृग, देख सिया जी हरसाई।
नंदनवन में चहल मची थी, मायामृग की चतुराई।

बोली राघव स्वर्ण मृग का, शिकार कर प्रभु लाओ। 
कनक कुटी की सजा को, स्वर्ण चर्म से सजवाओ। 

बोले राम प्राण प्रिए सीते, स्वर्ण मृग जग ना होते। 
होनी तो होकर रहती, क्यों राम लखन निर्जन सोते।
 
मायाजाल रचा रावण ने, खुद रामचंद्र अवतारी नर।
चल पड़े पीछे मृग के तब, बीत चुका था तीन प्रहर।

अंधकार में असुर शक्ति, प्रबल प्रभावी हो जाती। 
लक्ष्मण बचाओ प्राण मेरे, पंचवटी में ध्वनि आती।
 
जाओ लक्ष्मण प्राण प्रिय, रघुनंदन स्वामी मेरे हैं।
भाई की रक्षा करना, कर्तव्य लखन अब तेरे हैं।
 
मेरी चिंता छोड़ो लखन, स्वामी के प्राण बचाने है। 
मेरी आज्ञा को मानो, अब तुमको फर्ज निभाने है।

ईश्वर यह कैसी माया है, रघुवर से कौन टकराएगा। 
जो लक्ष्मण रेखा तोड़ेगा, तत्काल भस्म हो जाएगा।

©IG @kavi_neetesh

#sad_quotes हिंदी कविता कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविताएं

10 Love

शोभा हूॅं मैं घर आंगन की, क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं। बार बार तुम खींच रहे जो, अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं। पावन सुत्र के मोती धुमिल अब, समस्त यह गांठ ही रह जाएगी। एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #swiftbird  शोभा हूॅं मैं घर आंगन की,
क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं।
बार बार तुम खींच रहे जो,
अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं।
पावन सुत्र के मोती धुमिल अब,
समस्त यह गांठ ही रह जाएगी।
एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी।

©Ritika Vijay Shrivastava

#swiftbird कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कुमार विश्वास की कविता कविता कोश

15 Love

White कहने को कुछ भी कहे, जीवन को संसार | उसको मुझसे प्यार है, मुझको उससे प्यार || ©कवि प्रभात

#कविता #Sad_Status  White कहने को कुछ भी कहे, जीवन को संसार |
उसको मुझसे प्यार है, मुझको उससे प्यार ||

©कवि प्रभात

#Sad_Status हिंदी दिवस पर कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी कविता

11 Love

drawing by neetesh ©Neetesh kumar

#कविता  drawing by neetesh

©Neetesh kumar

देशभक्ति कविता कुमार विश्वास की कविता हिंदी दिवस पर कविता हिंदी कविता कविताएं

12 Love

#कविता

# कुमार विश्वास की कविता हिंदी कविता प्रेम कविता हिंदी दिवस पर कविता

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सच की चाहत में जलते हुए, छलावे के जाल में चलते हुए। . ©Dhaneshdwivediwriter

#कविता #fakesmile  सच की चाहत में जलते हुए,
 छलावे के जाल में चलते हुए।

















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©Dhaneshdwivediwriter

#fakesmile सच की चाहत में जलते हुए, छलावे के जाल में चलते हुए। कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी

9 Love

White जो लक्ष्मण रेखा तोड़ेगा पंचवटी में सोने का मृग, देख सिया जी हरसाई। नंदनवन में चहल मची थी, मायामृग की चतुराई। बोली राघव स्वर्ण मृग का, शिकार कर प्रभु लाओ। कनक कुटी की सजा को, स्वर्ण चर्म से सजवाओ। बोले राम प्राण प्रिए सीते, स्वर्ण मृग जग ना होते। होनी तो होकर रहती, क्यों राम लखन निर्जन सोते। मायाजाल रचा रावण ने, खुद रामचंद्र अवतारी नर। चल पड़े पीछे मृग के तब, बीत चुका था तीन प्रहर। अंधकार में असुर शक्ति, प्रबल प्रभावी हो जाती। लक्ष्मण बचाओ प्राण मेरे, पंचवटी में ध्वनि आती। जाओ लक्ष्मण प्राण प्रिय, रघुनंदन स्वामी मेरे हैं। भाई की रक्षा करना, कर्तव्य लखन अब तेरे हैं। मेरी चिंता छोड़ो लखन, स्वामी के प्राण बचाने है। मेरी आज्ञा को मानो, अब तुमको फर्ज निभाने है। ईश्वर यह कैसी माया है, रघुवर से कौन टकराएगा। जो लक्ष्मण रेखा तोड़ेगा, तत्काल भस्म हो जाएगा। ©IG @kavi_neetesh

#कविता #sad_quotes  White जो लक्ष्मण रेखा तोड़ेगा

पंचवटी में सोने का मृग, देख सिया जी हरसाई।
नंदनवन में चहल मची थी, मायामृग की चतुराई।

बोली राघव स्वर्ण मृग का, शिकार कर प्रभु लाओ। 
कनक कुटी की सजा को, स्वर्ण चर्म से सजवाओ। 

बोले राम प्राण प्रिए सीते, स्वर्ण मृग जग ना होते। 
होनी तो होकर रहती, क्यों राम लखन निर्जन सोते।
 
मायाजाल रचा रावण ने, खुद रामचंद्र अवतारी नर।
चल पड़े पीछे मृग के तब, बीत चुका था तीन प्रहर।

अंधकार में असुर शक्ति, प्रबल प्रभावी हो जाती। 
लक्ष्मण बचाओ प्राण मेरे, पंचवटी में ध्वनि आती।
 
जाओ लक्ष्मण प्राण प्रिय, रघुनंदन स्वामी मेरे हैं।
भाई की रक्षा करना, कर्तव्य लखन अब तेरे हैं।
 
मेरी चिंता छोड़ो लखन, स्वामी के प्राण बचाने है। 
मेरी आज्ञा को मानो, अब तुमको फर्ज निभाने है।

ईश्वर यह कैसी माया है, रघुवर से कौन टकराएगा। 
जो लक्ष्मण रेखा तोड़ेगा, तत्काल भस्म हो जाएगा।

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10 Love

शोभा हूॅं मैं घर आंगन की, क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं। बार बार तुम खींच रहे जो, अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं। पावन सुत्र के मोती धुमिल अब, समस्त यह गांठ ही रह जाएगी। एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #swiftbird  शोभा हूॅं मैं घर आंगन की,
क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं।
बार बार तुम खींच रहे जो,
अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं।
पावन सुत्र के मोती धुमिल अब,
समस्त यह गांठ ही रह जाएगी।
एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी।

©Ritika Vijay Shrivastava

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15 Love

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