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घुट-घुटकर यूँ तो रोज, हमी जीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। जीवन में मुश्किल रोज, नयी आती हैं। नदियाँ भी तट पर मैल, बहा लाती हैं। दिन भर दिमाग में ऊँच-नीच चलती है। दुनिया की तब हर एक बात खलती है। ऐसे ही कितने साल यहाँ बीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। अदरक-इलायची संगति कर दी जाती। जब गर्म चाय कुल्लड़ में भर दी जाती। कर देता है मदहोश चाय का प्याला। न्यौछावर इस पर कई-कई मधुशाला। यूँ ही हम छोटे - बड़े घाव सीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं। इससे बढ़कर फल, फूल, नहीं मेवा है। इससे बढ़कर दूसरी नहीं सेवा है। इससे बढ़कर के पुण्य नहीं दूजा है। इससे बढ़कर कुछ अन्य नहीं पूजा है। क्यों अब तक सबके चाय-पात्र रीते हैं? बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। ©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

#कविता #hindikavita #hindipoetry #HindiPoem #Tea  घुट-घुटकर यूँ तो रोज, हमी जीते हैं।
बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

          जीवन में मुश्किल रोज, नयी आती हैं।
           नदियाँ भी तट पर मैल, बहा लाती हैं।
             दिन भर दिमाग में ऊँच-नीच चलती है।
             दुनिया की तब हर एक बात खलती है।
          ऐसे  ही  कितने  साल  यहाँ  बीते हैं।
              बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

अदरक-इलायची संगति कर दी जाती।
जब गर्म चाय कुल्लड़ में भर दी जाती।
कर देता है मदहोश  चाय का प्याला।
न्यौछावर इस पर  कई-कई मधुशाला।
यूँ ही  हम  छोटे - बड़े  घाव  सीते हैं।
बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।

             इससे बढ़कर फल, फूल, नहीं मेवा है।
             इससे   बढ़कर  दूसरी   नहीं  सेवा  है।
             इससे  बढ़कर  के  पुण्य  नहीं दूजा है।
            इससे बढ़कर कुछ अन्य नहीं पूजा है।
              क्यों अब तक सबके चाय-पात्र रीते हैं?
              बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

चलो चाय पीते हैं!!! #Tea #HindiPoem #hindipoetry #hindikavita कविताएं कविता हिंदी कविता

14 Love

कोई सवाल न कर, बस शराब दे मुझको कि मेरा होश में आना बहुत ज़रूरी है ©Ghumnam Gautam

#शायरी #ghumnamgautam #सवाल #शराब  कोई सवाल न कर, बस शराब दे मुझको
कि मेरा होश में आना बहुत ज़रूरी है

©Ghumnam Gautam

White कहा तो ये था― "गुलाब देंगे,हसीं लबों की शराब देंगे" मगर ये कहकर मुकर गए वो कि चश्म लेकर ही ख़्वाब देंगे ©Ghumnam Gautam

#ख़्वाब #ghumnamgautam #शराब #sad_quotes #Quotes  White कहा तो ये था― "गुलाब देंगे,हसीं लबों की शराब देंगे"
मगर ये कहकर मुकर गए वो कि चश्म लेकर ही ख़्वाब देंगे

©Ghumnam Gautam

White G,,,सुनो तुम ,,कुछ देर ओर ठहर जाओ न ,,मुझपे यूं कहर ढ़ाओ न ,,देखो इस रात ने चांदनी की चादर फिर से पहनी है ,, मौजूदगी में तारों की ,,मुझे तुमसे इक बात कहनी है ।। # B,,, अरे अरे कोई और मतलब रह गया बाकी ,, चलो फिर फिर शौक से कह दो न,,मेरे एहसास मत छेड़ो,, और इस चांदनी की चादर को दिलासों की तह दो न ,, गर करनी है महज बाते ,,,बताओ इन बातों में रखा क्या ।। # G,, क्यों हो गए पत्थर,, टूटकर फिर से तुम बिखर अब क्यों नहीं जाते ,, ज़रा झांको मेरी आंखों ,,ओर खुद को फिर से देखो न ,, पलकों पर जज़्बात है ठहरे ,तुम्हे क्यों नजर नहीं आते ।। # B,,, तेरी पलकों पे ,,फरेब की मानिंद नजर आते है ये आंसू,, गर मुझमें बचा हो अब,, इश्क ए हौसला तो ताकूं,, सुनो मुझको लुभाओ न ,,अपनी इन मीठी बातों से ,, गर ये वही जज्बात है तेरे ,, बताओ इन जज्बातों में है रखा क्या।। # G,,, सुनो तुम मान जाओ न ,,रात बहुत चुकी गहरी ,,मेरे लबों पर अब भी काबिज़ है ,,,जो बाते न हो सकी पूरी ,,कैसे तनहा चलोगे तुम ,,कैसे घर को जाओगे ,, इस से अच्छा अभी ठहरो,,तुम वापस लौट आओगे ।। # B,,, ये हमदर्दी कुछ पल की ,,लगी बिल्कुल नहीं अच्छी ,,हां तुम अब भी झूठी हो ,,,लगी बिल्कुल नहीं सच्ची ,,मुझे मेरे चेहरे से नफरत है ,,मैं आईने तोड़ बैठा हूं,, राहों में तनहा सायों से ,,मैं नाते जोड़ बैठा हूं,,ये रातें है महज रातें,,बताओ इन रातों में है रखा क्या ।। # G,,, चलो मैं मान लेती हूं,, जिद तुम अपनी ही करते हो ,,खुश रहते हो तनहा तुम ,,इश्क अंधेरों से करते हो ,,बताओ जब तुम सूरज की पहली किरण के साथ मेरे गली से गुजरोगे,,मुझे छत पर देखकर तुम ,,क्या फिर से मुस्कुराओगे ,,कहो मुझसे मिलोगे या ,,फिर वही नखरे दिखाओगे।। # B,,, मैं ऐसे सफ़र पे हूं,, जहां रस्ते में अब तेरा घर नहीं आता ,,मेरे दरमियां बहती है सौंदी सी इक खुश्बू,,ख्यालों में रहती है मयखाने की वो चौखट ,,मेरे ज़हन में चाहकर भी अब तेरा दर नहीं आता ,, हां तुम्हे मैं यादों में रखूंगा तेरे किस्से सुनाऊंगा ,,मैं लौटना चाहूं तो भी न लौट पाऊंगा,,वो मुलाकातें थी महज मुलाकातें ,,,बताओ अब मुलाकातों में है रखा क्या । ©#शून्य राणा

 White G,,,सुनो तुम ,,कुछ देर ओर ठहर जाओ न ,,मुझपे यूं कहर ढ़ाओ न ,,देखो इस रात ने चांदनी की चादर फिर से पहनी है ,, मौजूदगी में तारों की ,,मुझे तुमसे इक बात कहनी है ।।
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B,,, अरे अरे कोई और मतलब रह गया बाकी ,, चलो फिर फिर शौक से कह दो न,,मेरे एहसास मत छेड़ो,, और इस चांदनी की चादर को दिलासों की तह दो न ,, गर करनी है महज बाते ,,,बताओ इन बातों में रखा क्या ।।
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G,, क्यों हो गए पत्थर,, टूटकर फिर से तुम बिखर अब क्यों नहीं जाते ,, ज़रा झांको मेरी आंखों ,,ओर खुद को फिर से देखो न ,, पलकों पर जज़्बात है ठहरे ,तुम्हे क्यों नजर नहीं आते ।।
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B,,, तेरी पलकों पे ,,फरेब की मानिंद नजर आते है ये आंसू,, गर मुझमें बचा हो अब,, इश्क ए हौसला तो ताकूं,, सुनो मुझको लुभाओ न ,,अपनी इन मीठी बातों से ,, गर ये वही जज्बात है तेरे ,, बताओ इन जज्बातों में है रखा क्या।।
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G,,, सुनो तुम मान जाओ न ,,रात बहुत चुकी गहरी ,,मेरे लबों पर अब भी काबिज़ है ,,,जो बाते न हो सकी पूरी ,,कैसे तनहा चलोगे तुम ,,कैसे घर को जाओगे ,, इस से अच्छा अभी ठहरो,,तुम वापस लौट आओगे ।।
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B,,, ये हमदर्दी कुछ पल की ,,लगी बिल्कुल नहीं अच्छी ,,हां तुम अब भी झूठी हो ,,,लगी बिल्कुल नहीं सच्ची ,,मुझे मेरे चेहरे से नफरत है ,,मैं आईने तोड़ बैठा हूं,, राहों में तनहा सायों से ,,मैं नाते जोड़ बैठा हूं,,ये रातें है महज रातें,,बताओ इन रातों में है रखा क्या ।।
#
G,,, चलो मैं मान लेती हूं,, जिद तुम अपनी ही करते हो ,,खुश रहते हो तनहा तुम ,,इश्क अंधेरों से करते हो ,,बताओ जब तुम सूरज की पहली किरण के साथ मेरे गली से गुजरोगे,,मुझे छत पर देखकर तुम ,,क्या फिर से मुस्कुराओगे ,,कहो मुझसे मिलोगे या ,,फिर वही नखरे दिखाओगे।।
#
B,,, मैं ऐसे सफ़र पे हूं,, जहां रस्ते में अब तेरा घर नहीं आता ,,मेरे दरमियां बहती है सौंदी सी इक खुश्बू,,ख्यालों में रहती है मयखाने की वो चौखट ,,मेरे ज़हन में चाहकर भी अब तेरा दर नहीं आता ,, हां तुम्हे मैं यादों में रखूंगा तेरे किस्से सुनाऊंगा ,,मैं लौटना चाहूं तो भी न लौट पाऊंगा,,वो मुलाकातें थी महज मुलाकातें ,,,बताओ अब मुलाकातों में है रखा क्या ।

©#शून्य राणा

White ये ग़म नहीं है ,,,,बस इक चलन पुराना निभा रहा हूं।। लोग कहते है शराबी,,सच में सुकून मिलता है ,,,सोचो किस कदर मैं ,,शराब से याराना निभा रहा हूं।। 🥃🥃🥃🥃🥃🥃 ©#शून्य राणा

#शराब #SAD  White ये ग़म नहीं है ,,,,बस इक चलन पुराना निभा रहा हूं।।

लोग कहते है शराबी,,सच में सुकून मिलता है  ,,,सोचो किस कदर मैं ,,शराब से याराना निभा रहा हूं।।
🥃🥃🥃🥃🥃🥃

©#शून्य राणा

शराब हराम है फिर भी पी रहे है लोग ईमान मर रहा फिर भी जी रहे है लोग ©USM Initiative

#शराब #जी  शराब हराम है फिर भी पी रहे है लोग
ईमान मर रहा फिर भी जी रहे है लोग

©USM Initiative

#शराब #जी motivational shayari hindi shayari

19 Love

घुट-घुटकर यूँ तो रोज, हमी जीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। जीवन में मुश्किल रोज, नयी आती हैं। नदियाँ भी तट पर मैल, बहा लाती हैं। दिन भर दिमाग में ऊँच-नीच चलती है। दुनिया की तब हर एक बात खलती है। ऐसे ही कितने साल यहाँ बीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। अदरक-इलायची संगति कर दी जाती। जब गर्म चाय कुल्लड़ में भर दी जाती। कर देता है मदहोश चाय का प्याला। न्यौछावर इस पर कई-कई मधुशाला। यूँ ही हम छोटे - बड़े घाव सीते हैं। बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं। इससे बढ़कर फल, फूल, नहीं मेवा है। इससे बढ़कर दूसरी नहीं सेवा है। इससे बढ़कर के पुण्य नहीं दूजा है। इससे बढ़कर कुछ अन्य नहीं पूजा है। क्यों अब तक सबके चाय-पात्र रीते हैं? बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।। ©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

#कविता #hindikavita #hindipoetry #HindiPoem #Tea  घुट-घुटकर यूँ तो रोज, हमी जीते हैं।
बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

          जीवन में मुश्किल रोज, नयी आती हैं।
           नदियाँ भी तट पर मैल, बहा लाती हैं।
             दिन भर दिमाग में ऊँच-नीच चलती है।
             दुनिया की तब हर एक बात खलती है।
          ऐसे  ही  कितने  साल  यहाँ  बीते हैं।
              बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

अदरक-इलायची संगति कर दी जाती।
जब गर्म चाय कुल्लड़ में भर दी जाती।
कर देता है मदहोश  चाय का प्याला।
न्यौछावर इस पर  कई-कई मधुशाला।
यूँ ही  हम  छोटे - बड़े  घाव  सीते हैं।
बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।

             इससे बढ़कर फल, फूल, नहीं मेवा है।
             इससे   बढ़कर  दूसरी   नहीं  सेवा  है।
             इससे  बढ़कर  के  पुण्य  नहीं दूजा है।
            इससे बढ़कर कुछ अन्य नहीं पूजा है।
              क्यों अब तक सबके चाय-पात्र रीते हैं?
              बस बहुत हो चुका, चलो चाय पीते हैं।।

©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी'

चलो चाय पीते हैं!!! #Tea #HindiPoem #hindipoetry #hindikavita कविताएं कविता हिंदी कविता

14 Love

कोई सवाल न कर, बस शराब दे मुझको कि मेरा होश में आना बहुत ज़रूरी है ©Ghumnam Gautam

#शायरी #ghumnamgautam #सवाल #शराब  कोई सवाल न कर, बस शराब दे मुझको
कि मेरा होश में आना बहुत ज़रूरी है

©Ghumnam Gautam

White कहा तो ये था― "गुलाब देंगे,हसीं लबों की शराब देंगे" मगर ये कहकर मुकर गए वो कि चश्म लेकर ही ख़्वाब देंगे ©Ghumnam Gautam

#ख़्वाब #ghumnamgautam #शराब #sad_quotes #Quotes  White कहा तो ये था― "गुलाब देंगे,हसीं लबों की शराब देंगे"
मगर ये कहकर मुकर गए वो कि चश्म लेकर ही ख़्वाब देंगे

©Ghumnam Gautam

White G,,,सुनो तुम ,,कुछ देर ओर ठहर जाओ न ,,मुझपे यूं कहर ढ़ाओ न ,,देखो इस रात ने चांदनी की चादर फिर से पहनी है ,, मौजूदगी में तारों की ,,मुझे तुमसे इक बात कहनी है ।। # B,,, अरे अरे कोई और मतलब रह गया बाकी ,, चलो फिर फिर शौक से कह दो न,,मेरे एहसास मत छेड़ो,, और इस चांदनी की चादर को दिलासों की तह दो न ,, गर करनी है महज बाते ,,,बताओ इन बातों में रखा क्या ।। # G,, क्यों हो गए पत्थर,, टूटकर फिर से तुम बिखर अब क्यों नहीं जाते ,, ज़रा झांको मेरी आंखों ,,ओर खुद को फिर से देखो न ,, पलकों पर जज़्बात है ठहरे ,तुम्हे क्यों नजर नहीं आते ।। # B,,, तेरी पलकों पे ,,फरेब की मानिंद नजर आते है ये आंसू,, गर मुझमें बचा हो अब,, इश्क ए हौसला तो ताकूं,, सुनो मुझको लुभाओ न ,,अपनी इन मीठी बातों से ,, गर ये वही जज्बात है तेरे ,, बताओ इन जज्बातों में है रखा क्या।। # G,,, सुनो तुम मान जाओ न ,,रात बहुत चुकी गहरी ,,मेरे लबों पर अब भी काबिज़ है ,,,जो बाते न हो सकी पूरी ,,कैसे तनहा चलोगे तुम ,,कैसे घर को जाओगे ,, इस से अच्छा अभी ठहरो,,तुम वापस लौट आओगे ।। # B,,, ये हमदर्दी कुछ पल की ,,लगी बिल्कुल नहीं अच्छी ,,हां तुम अब भी झूठी हो ,,,लगी बिल्कुल नहीं सच्ची ,,मुझे मेरे चेहरे से नफरत है ,,मैं आईने तोड़ बैठा हूं,, राहों में तनहा सायों से ,,मैं नाते जोड़ बैठा हूं,,ये रातें है महज रातें,,बताओ इन रातों में है रखा क्या ।। # G,,, चलो मैं मान लेती हूं,, जिद तुम अपनी ही करते हो ,,खुश रहते हो तनहा तुम ,,इश्क अंधेरों से करते हो ,,बताओ जब तुम सूरज की पहली किरण के साथ मेरे गली से गुजरोगे,,मुझे छत पर देखकर तुम ,,क्या फिर से मुस्कुराओगे ,,कहो मुझसे मिलोगे या ,,फिर वही नखरे दिखाओगे।। # B,,, मैं ऐसे सफ़र पे हूं,, जहां रस्ते में अब तेरा घर नहीं आता ,,मेरे दरमियां बहती है सौंदी सी इक खुश्बू,,ख्यालों में रहती है मयखाने की वो चौखट ,,मेरे ज़हन में चाहकर भी अब तेरा दर नहीं आता ,, हां तुम्हे मैं यादों में रखूंगा तेरे किस्से सुनाऊंगा ,,मैं लौटना चाहूं तो भी न लौट पाऊंगा,,वो मुलाकातें थी महज मुलाकातें ,,,बताओ अब मुलाकातों में है रखा क्या । ©#शून्य राणा

 White G,,,सुनो तुम ,,कुछ देर ओर ठहर जाओ न ,,मुझपे यूं कहर ढ़ाओ न ,,देखो इस रात ने चांदनी की चादर फिर से पहनी है ,, मौजूदगी में तारों की ,,मुझे तुमसे इक बात कहनी है ।।
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B,,, अरे अरे कोई और मतलब रह गया बाकी ,, चलो फिर फिर शौक से कह दो न,,मेरे एहसास मत छेड़ो,, और इस चांदनी की चादर को दिलासों की तह दो न ,, गर करनी है महज बाते ,,,बताओ इन बातों में रखा क्या ।।
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G,, क्यों हो गए पत्थर,, टूटकर फिर से तुम बिखर अब क्यों नहीं जाते ,, ज़रा झांको मेरी आंखों ,,ओर खुद को फिर से देखो न ,, पलकों पर जज़्बात है ठहरे ,तुम्हे क्यों नजर नहीं आते ।।
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B,,, तेरी पलकों पे ,,फरेब की मानिंद नजर आते है ये आंसू,, गर मुझमें बचा हो अब,, इश्क ए हौसला तो ताकूं,, सुनो मुझको लुभाओ न ,,अपनी इन मीठी बातों से ,, गर ये वही जज्बात है तेरे ,, बताओ इन जज्बातों में है रखा क्या।।
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G,,, सुनो तुम मान जाओ न ,,रात बहुत चुकी गहरी ,,मेरे लबों पर अब भी काबिज़ है ,,,जो बाते न हो सकी पूरी ,,कैसे तनहा चलोगे तुम ,,कैसे घर को जाओगे ,, इस से अच्छा अभी ठहरो,,तुम वापस लौट आओगे ।।
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B,,, ये हमदर्दी कुछ पल की ,,लगी बिल्कुल नहीं अच्छी ,,हां तुम अब भी झूठी हो ,,,लगी बिल्कुल नहीं सच्ची ,,मुझे मेरे चेहरे से नफरत है ,,मैं आईने तोड़ बैठा हूं,, राहों में तनहा सायों से ,,मैं नाते जोड़ बैठा हूं,,ये रातें है महज रातें,,बताओ इन रातों में है रखा क्या ।।
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G,,, चलो मैं मान लेती हूं,, जिद तुम अपनी ही करते हो ,,खुश रहते हो तनहा तुम ,,इश्क अंधेरों से करते हो ,,बताओ जब तुम सूरज की पहली किरण के साथ मेरे गली से गुजरोगे,,मुझे छत पर देखकर तुम ,,क्या फिर से मुस्कुराओगे ,,कहो मुझसे मिलोगे या ,,फिर वही नखरे दिखाओगे।।
#
B,,, मैं ऐसे सफ़र पे हूं,, जहां रस्ते में अब तेरा घर नहीं आता ,,मेरे दरमियां बहती है सौंदी सी इक खुश्बू,,ख्यालों में रहती है मयखाने की वो चौखट ,,मेरे ज़हन में चाहकर भी अब तेरा दर नहीं आता ,, हां तुम्हे मैं यादों में रखूंगा तेरे किस्से सुनाऊंगा ,,मैं लौटना चाहूं तो भी न लौट पाऊंगा,,वो मुलाकातें थी महज मुलाकातें ,,,बताओ अब मुलाकातों में है रखा क्या ।

©#शून्य राणा

White ये ग़म नहीं है ,,,,बस इक चलन पुराना निभा रहा हूं।। लोग कहते है शराबी,,सच में सुकून मिलता है ,,,सोचो किस कदर मैं ,,शराब से याराना निभा रहा हूं।। 🥃🥃🥃🥃🥃🥃 ©#शून्य राणा

#शराब #SAD  White ये ग़म नहीं है ,,,,बस इक चलन पुराना निभा रहा हूं।।

लोग कहते है शराबी,,सच में सुकून मिलता है  ,,,सोचो किस कदर मैं ,,शराब से याराना निभा रहा हूं।।
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©#शून्य राणा

शराब हराम है फिर भी पी रहे है लोग ईमान मर रहा फिर भी जी रहे है लोग ©USM Initiative

#शराब #जी  शराब हराम है फिर भी पी रहे है लोग
ईमान मर रहा फिर भी जी रहे है लोग

©USM Initiative

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