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New ऊँची छलांग Status, Photo, Video

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#कविता  White लोग न जाने मुझसे  क्या क्या पाने 
की उम्मीद रखते 
 है 

लेकिन वे लोग ये नही जानते कि 
मैं एक खोखला साधारण हस्ती वाला व्यक्ति हू 
 और मैंने कभी ऊँची उडाने भरने की 
कोशिश नही की है.

©Parasram Arora

ऊँची उड़ाने

126 View

दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राधिका , देखो उनके पास ।। अब तक जिनके प्रेम का , प्रकृति देखती बाट । वे तो राधेश्याम हैं , उनकी ऊँची ठाट ।। उस ग्वाले की प्रीति को , जान रहा संसार । जिसे पूजता है जगत, कहकर पालन हार ।। ग्वाले जैसा फिर कहाँ, दिया किसी ने ज्ञान । जिसको सुनकर देख लो , हुए धन्य इंसान ।। छोड़ द्वेष की भावना , करे मनुज भी रास । क्यों ऐसा दिखता नही , पूछ रहा यह दास ।। रास रचाकर आप क्यों , करते उनसे आस । यही नेह मानव करे ,  बन कर तेरा  दास ।। नाग पंचमी पर्व का , सुन लो बहुत महत्व । पढ़कर वेद पुराण को , जानो इसका तत्व ।। मानों तो संसार में , पूज्य सभी हैं जीव । तभी सनातन धर्म में , हैं यह बहुत अतीव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार ।
लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।।
यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास ।
आ बैठी हैं राधिका , देखो उनके पास ।।
अब तक जिनके प्रेम का , प्रकृति देखती बाट ।
वे तो राधेश्याम हैं , उनकी ऊँची ठाट ।।
उस ग्वाले की प्रीति को , जान रहा संसार ।
जिसे पूजता है जगत, कहकर पालन हार ।।
ग्वाले जैसा फिर कहाँ, दिया किसी ने ज्ञान ।
जिसको सुनकर देख लो , हुए धन्य इंसान ।।
छोड़ द्वेष की भावना , करे मनुज भी रास ।
क्यों ऐसा दिखता नही , पूछ रहा यह दास ।।
रास रचाकर आप क्यों , करते उनसे आस ।
यही नेह मानव करे ,  बन कर तेरा  दास ।।
नाग पंचमी पर्व का , सुन लो बहुत महत्व ।
पढ़कर वेद पुराण को , जानो इसका तत्व ।।
मानों तो संसार में , पूज्य सभी हैं जीव ।
तभी सनातन धर्म में , हैं यह बहुत अतीव ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राध

10 Love

#AnjaliSinghal #haryaliteej #teej

"रच गईं मेंहदी, खनक गईं चूड़ियाँ, तीज का त्योहार मनाने आ गईं सब सखियाँ। पेड़ों पर पड़ गए झूले, झूम रहीं डालियाँ, सखियों संग हम भी झूले उड़-उड़ गई

99 View

White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ। दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है, जिसमें मौन भी कहता है बात, हर लम्हा बेमिसाल है, जो जोड़ता है दिल से दिल के तार। कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों, पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है, तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है, जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है। तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ, हर पल को यादगार बनाएँ, कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या, हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ। ©#Mr.India

#Friendship #freinds #shayri #Shayar  White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं,
कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात,
मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो,
पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ।

दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है,
जिसमें मौन भी कहता है बात,
हर लम्हा बेमिसाल है,
जो जोड़ता है दिल से दिल के तार।

कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों,
पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है,
तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है,
जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है।

तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ,
हर पल को यादगार बनाएँ,
कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या,
हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ।

©#Mr.India

मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़र

15 Love

#love_shayari #लव  White ख़्वाबों की सैर पर आंखें चली, इनकी ऊँची बहुत है उड़ान

ग़मों की वादियों से भी ढूँढ लाएगी, ये बेशक मेरी मुस्कान ❤️

©Jeetu Gautam

#love_shayari ख़्वाबों की सैर पर आंखें चली, इनकी ऊँची बहुत है उड़ान ग़मों की वादियों से भी ढूँढ लाएगी, ये बेशक मेरी मुस्कान ❤️ शायरी लव रोम

99 View

ग़ज़ल :- आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ । आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१ इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल । भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२ देख तो ले बदनसीबी को मेरी । रोक कर रस्ता खड़ी है हर तरफ़ ।।३ दिख रही है आदमी में बुज़दिली । इसलिए तो खुदकुशी है हर तरफ़ ।।४ अब भरोसे का नही है आदमी । ये खबर भी तो छपी है हर तरफ़ ।।५ मानकर बातें सभी दिलदार की । जान की बाजी लगी है हर तरफ़ ।।६ दो निवालों के लिए है भागता । तिलमिलाती ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।७ उसके गदराये बदन को देखकर । बोली ऊँची ही लगी है हर तरफ़ ।।८ जान की कीमत नही बाजार में । गोश्त की कीमत बढ़ी है हर तरफ़ ।।९ किसलिए मायूस होना दुनिया से । हौसला रख ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।१० ज़िन्दगी में अब यही बाकी प्रखर । आज आँखों में नमी है हर तरफ़ ।।११ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ ।
आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१
इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल ।
भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२
देख तो ले बदनसीबी को मेरी ।
रोक कर रस्ता खड़ी है हर तरफ़ ।।३
दिख रही है आदमी में बुज़दिली ।
इसलिए तो खुदकुशी है हर तरफ़ ।।४
अब भरोसे का नही है आदमी ।
ये खबर भी तो छपी है हर तरफ़ ।।५
मानकर बातें सभी दिलदार की ।
जान की बाजी लगी है हर तरफ़ ।।६
दो निवालों के लिए है भागता ।
तिलमिलाती ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।७
उसके गदराये बदन को देखकर ।
बोली ऊँची ही लगी है हर तरफ़ ।।८
जान की कीमत नही बाजार में ।
गोश्त की कीमत बढ़ी है हर तरफ़ ।।९
किसलिए मायूस होना दुनिया से ।
हौसला रख ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।१०
ज़िन्दगी में अब यही बाकी प्रखर ।
आज आँखों में नमी है हर तरफ़ ।।११

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ । आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१ इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल । भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२ देख तो ले बदनसीब

12 Love

#कविता  White लोग न जाने मुझसे  क्या क्या पाने 
की उम्मीद रखते 
 है 

लेकिन वे लोग ये नही जानते कि 
मैं एक खोखला साधारण हस्ती वाला व्यक्ति हू 
 और मैंने कभी ऊँची उडाने भरने की 
कोशिश नही की है.

©Parasram Arora

ऊँची उड़ाने

126 View

दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राधिका , देखो उनके पास ।। अब तक जिनके प्रेम का , प्रकृति देखती बाट । वे तो राधेश्याम हैं , उनकी ऊँची ठाट ।। उस ग्वाले की प्रीति को , जान रहा संसार । जिसे पूजता है जगत, कहकर पालन हार ।। ग्वाले जैसा फिर कहाँ, दिया किसी ने ज्ञान । जिसको सुनकर देख लो , हुए धन्य इंसान ।। छोड़ द्वेष की भावना , करे मनुज भी रास । क्यों ऐसा दिखता नही , पूछ रहा यह दास ।। रास रचाकर आप क्यों , करते उनसे आस । यही नेह मानव करे ,  बन कर तेरा  दास ।। नाग पंचमी पर्व का , सुन लो बहुत महत्व । पढ़कर वेद पुराण को , जानो इसका तत्व ।। मानों तो संसार में , पूज्य सभी हैं जीव । तभी सनातन धर्म में , हैं यह बहुत अतीव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार ।
लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।।
यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास ।
आ बैठी हैं राधिका , देखो उनके पास ।।
अब तक जिनके प्रेम का , प्रकृति देखती बाट ।
वे तो राधेश्याम हैं , उनकी ऊँची ठाट ।।
उस ग्वाले की प्रीति को , जान रहा संसार ।
जिसे पूजता है जगत, कहकर पालन हार ।।
ग्वाले जैसा फिर कहाँ, दिया किसी ने ज्ञान ।
जिसको सुनकर देख लो , हुए धन्य इंसान ।।
छोड़ द्वेष की भावना , करे मनुज भी रास ।
क्यों ऐसा दिखता नही , पूछ रहा यह दास ।।
रास रचाकर आप क्यों , करते उनसे आस ।
यही नेह मानव करे ,  बन कर तेरा  दास ।।
नाग पंचमी पर्व का , सुन लो बहुत महत्व ।
पढ़कर वेद पुराण को , जानो इसका तत्व ।।
मानों तो संसार में , पूज्य सभी हैं जीव ।
तभी सनातन धर्म में , हैं यह बहुत अतीव ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- रूठ गई हैं राधिका, कृष्ण करें मनुहार । लगा रहे हैं केश में , वो फूलों का हार ।। यमुना तट पर बैठकर , रचा रहे हैं रास । आ बैठी हैं राध

10 Love

#AnjaliSinghal #haryaliteej #teej

"रच गईं मेंहदी, खनक गईं चूड़ियाँ, तीज का त्योहार मनाने आ गईं सब सखियाँ। पेड़ों पर पड़ गए झूले, झूम रहीं डालियाँ, सखियों संग हम भी झूले उड़-उड़ गई

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White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ। दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है, जिसमें मौन भी कहता है बात, हर लम्हा बेमिसाल है, जो जोड़ता है दिल से दिल के तार। कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों, पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है, तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है, जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है। तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ, हर पल को यादगार बनाएँ, कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या, हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ। ©#Mr.India

#Friendship #freinds #shayri #Shayar  White मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं,
कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात,
मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो,
पर उनके कुछ अंश ज़रूर हैं मेरे साथ।

दोस्ती का ये रिश्ता ख़ास है,
जिसमें मौन भी कहता है बात,
हर लम्हा बेमिसाल है,
जो जोड़ता है दिल से दिल के तार।

कृष्ण और सुदामा की मिसालें भले ही ऊँची हों,
पर हमारी यारी में भी वही प्यार और एहसास है,
तुम्हारे संग बिताए हर पल की सौगात है,
जो हर मुश्किल में देती हौसला और आस है।

तो आओ, इस दोस्ती को हम मिलकर सजाएँ,
हर पल को यादगार बनाएँ,
कृष्ण-सुदामा की तरह नहीं तो क्या,
हमारे अपने रंग में इसे ख़ास बनाएँ।

©#Mr.India

मैंने ये पंक्तियाँ तुम्हारे लिए लिखी हैं, कि तुम पढ़ो और समझो मेरे जज़्बात, मेरी दोस्ती भले कृष्ण और सुदामा की तरह न हो, पर उनके कुछ अंश ज़र

15 Love

#love_shayari #लव  White ख़्वाबों की सैर पर आंखें चली, इनकी ऊँची बहुत है उड़ान

ग़मों की वादियों से भी ढूँढ लाएगी, ये बेशक मेरी मुस्कान ❤️

©Jeetu Gautam

#love_shayari ख़्वाबों की सैर पर आंखें चली, इनकी ऊँची बहुत है उड़ान ग़मों की वादियों से भी ढूँढ लाएगी, ये बेशक मेरी मुस्कान ❤️ शायरी लव रोम

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ग़ज़ल :- आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ । आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१ इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल । भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२ देख तो ले बदनसीबी को मेरी । रोक कर रस्ता खड़ी है हर तरफ़ ।।३ दिख रही है आदमी में बुज़दिली । इसलिए तो खुदकुशी है हर तरफ़ ।।४ अब भरोसे का नही है आदमी । ये खबर भी तो छपी है हर तरफ़ ।।५ मानकर बातें सभी दिलदार की । जान की बाजी लगी है हर तरफ़ ।।६ दो निवालों के लिए है भागता । तिलमिलाती ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।७ उसके गदराये बदन को देखकर । बोली ऊँची ही लगी है हर तरफ़ ।।८ जान की कीमत नही बाजार में । गोश्त की कीमत बढ़ी है हर तरफ़ ।।९ किसलिए मायूस होना दुनिया से । हौसला रख ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।१० ज़िन्दगी में अब यही बाकी प्रखर । आज आँखों में नमी है हर तरफ़ ।।११ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ ।
आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१
इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल ।
भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२
देख तो ले बदनसीबी को मेरी ।
रोक कर रस्ता खड़ी है हर तरफ़ ।।३
दिख रही है आदमी में बुज़दिली ।
इसलिए तो खुदकुशी है हर तरफ़ ।।४
अब भरोसे का नही है आदमी ।
ये खबर भी तो छपी है हर तरफ़ ।।५
मानकर बातें सभी दिलदार की ।
जान की बाजी लगी है हर तरफ़ ।।६
दो निवालों के लिए है भागता ।
तिलमिलाती ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।७
उसके गदराये बदन को देखकर ।
बोली ऊँची ही लगी है हर तरफ़ ।।८
जान की कीमत नही बाजार में ।
गोश्त की कीमत बढ़ी है हर तरफ़ ।।९
किसलिए मायूस होना दुनिया से ।
हौसला रख ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।१०
ज़िन्दगी में अब यही बाकी प्रखर ।
आज आँखों में नमी है हर तरफ़ ।।११

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ । आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१ इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल । भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२ देख तो ले बदनसीब

12 Love

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