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New घुट मन डोल रहे Status, Photo, Video

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कद न अंगुष्ट सा मन बैरी दुष्ट सा नैनों से नीर ले पैरों को पीर दे चर्म चर्म चीर के.. आप में संतुष्ट सा अंग अंग रुष्ट सा... मन बैरी दुष्ट सा... करता मनमानी है आफत में प्राणी है.. इसकी ना मानी तो काया को हानी है रोग लगे कुष्ट सा.. मन बैरी दुष्ट सा.. अवलम्बित देह का स्वारथ के नेह का प्रेरक प्रमेह का सत्य में संदेह सा छिन छिन में पुष्ट सा.. मन बैरी दुष्ट सा.. संगी एकांत का प्यासा देहांत का मृत्यु तक छोड़े ना.. दामन भी तोड़े ना.. उददंड अतुष्ट सा... मन बैरी दुष्ट सा.. ©अज्ञात

#कविता #मन  कद न अंगुष्ट सा 
  मन बैरी दुष्ट सा
       नैनों से नीर ले 
             पैरों को पीर दे 
                चर्म चर्म चीर के.. 
                  आप में संतुष्ट सा 
                      अंग अंग रुष्ट सा... 
                          मन बैरी दुष्ट सा...
         करता मनमानी है 
          आफत में प्राणी है.. 
              इसकी ना मानी तो 
                   काया को हानी है 
                      रोग लगे कुष्ट सा.. 
                          मन बैरी दुष्ट सा..
अवलम्बित देह का 
  स्वारथ के नेह का 
         प्रेरक प्रमेह का
          सत्य में संदेह सा 
             छिन छिन में पुष्ट सा.. 
                 मन बैरी दुष्ट सा..
संगी एकांत का 
     प्यासा देहांत का  
        मृत्यु तक छोड़े ना.. 
           दामन भी तोड़े ना.. 
               उददंड अतुष्ट सा...
                  मन बैरी दुष्ट सा..

©अज्ञात

#मन

17 Love

#कविता #मन

#मन

117 View

मन का दीपक जला लो,बस एक बार , फिर कोई भी अन्धेरा, तुम्हें डरा नहीं पायेगा जीत जाओगे जिस दिन खुद को खुद से , फिर कोई तुम्हें ,हरा नहीं पायेगा ©Kamlesh Kandpal

#कविता  मन का दीपक जला लो,बस एक बार ,
फिर कोई भी अन्धेरा, तुम्हें  डरा नहीं पायेगा

जीत जाओगे जिस दिन खुद को खुद  से ,
फिर कोई तुम्हें ,हरा नहीं पायेगा

©Kamlesh Kandpal

मन

19 Love

White तेरी बात जब आए मेरा मन मुस्कुराए मेरी आँखों में चेहरा तेरे स्वप्न दिखाए ©Ekta Singh

#लव  White तेरी बात जब आए 
मेरा मन मुस्कुराए 
मेरी आँखों में चेहरा 
तेरे स्वप्न दिखाए

©Ekta Singh

मन

10 Love

White तुमने कभी घुट घुट कर किसी को रोते हुए देखा है?. खुल कर रोने मे आंसू बहते हैँ. जबकि घुट घुटकर रोने वाला आंसू नही बहाता जबकि बहने वाले आंसुओ को या तो खुद पी जाता है या उसे अपने भीतर ही बहा देता. है ©Parasram Arora

#कविता  White तुमने कभी घुट घुट कर किसी को 
रोते हुए देखा है?.

खुल कर रोने  मे आंसू बहते  हैँ.
जबकि घुट घुटकर   रोने वाला आंसू नही  बहाता जबकि बहने वाले आंसुओ 
को या तो खुद पी जाता है या उसे  अपने भीतर ही बहा देता. है

©Parasram Arora

घुट घुट कर

15 Love

White मेरा मन हमेशा अंतर्द्वंध से लड़ता रहता है कभी ख्वाबों के पुलिंदे सजाता है तो कभी मायूसी को गले लगाता है कभी भविष्य की संभावनाओं को निहारता है तो कभी अतीत के जख्मों को टटोलता है कभी समझदार बनकर जिम्मेदारियों से डरता है तो कभी सारे बंधन तोड़ आजाद होने को करता है कभी मान सम्मान के दायरे तय करता है तो कभी कल्पनाओं के साकार होने की दुआ करता है कभी स्वार्थ में खुद के लिए प्रेम ढूंढता है तो कभी निस्वार्थ बन अपने हिस्से का प्रेम भी ओरो के लिए उड़ेल देता है कभी जो हासिल हुआ उसी में सब्र कर लेता है तो कभी जो पाना रह गया उसकी शिकायते करता रहता है मेरा मन हमेशा अंतर्द्वध से लड़ता है क्या तुम्हारा भी मन कभी अंतर्द्वंध से लड़ता है। ©seema patidar

 White मेरा मन हमेशा अंतर्द्वंध से लड़ता रहता है
कभी ख्वाबों के पुलिंदे सजाता है 
तो कभी मायूसी को गले लगाता है
कभी भविष्य की संभावनाओं को निहारता है
तो कभी अतीत के जख्मों को टटोलता है
कभी समझदार बनकर जिम्मेदारियों से डरता है 
तो कभी सारे बंधन तोड़ आजाद होने को करता है
कभी मान सम्मान के दायरे तय करता है
तो कभी कल्पनाओं के साकार होने की दुआ करता है
कभी स्वार्थ में खुद के लिए  प्रेम ढूंढता है
तो कभी निस्वार्थ बन अपने हिस्से का प्रेम भी 
ओरो के लिए उड़ेल देता है
कभी जो हासिल हुआ उसी में सब्र  कर लेता है 
तो कभी जो पाना रह गया उसकी शिकायते करता रहता है
मेरा मन हमेशा अंतर्द्वध से लड़ता है
क्या तुम्हारा भी मन कभी अंतर्द्वंध से लड़ता है।

©seema patidar

मेरा मन

13 Love

कद न अंगुष्ट सा मन बैरी दुष्ट सा नैनों से नीर ले पैरों को पीर दे चर्म चर्म चीर के.. आप में संतुष्ट सा अंग अंग रुष्ट सा... मन बैरी दुष्ट सा... करता मनमानी है आफत में प्राणी है.. इसकी ना मानी तो काया को हानी है रोग लगे कुष्ट सा.. मन बैरी दुष्ट सा.. अवलम्बित देह का स्वारथ के नेह का प्रेरक प्रमेह का सत्य में संदेह सा छिन छिन में पुष्ट सा.. मन बैरी दुष्ट सा.. संगी एकांत का प्यासा देहांत का मृत्यु तक छोड़े ना.. दामन भी तोड़े ना.. उददंड अतुष्ट सा... मन बैरी दुष्ट सा.. ©अज्ञात

#कविता #मन  कद न अंगुष्ट सा 
  मन बैरी दुष्ट सा
       नैनों से नीर ले 
             पैरों को पीर दे 
                चर्म चर्म चीर के.. 
                  आप में संतुष्ट सा 
                      अंग अंग रुष्ट सा... 
                          मन बैरी दुष्ट सा...
         करता मनमानी है 
          आफत में प्राणी है.. 
              इसकी ना मानी तो 
                   काया को हानी है 
                      रोग लगे कुष्ट सा.. 
                          मन बैरी दुष्ट सा..
अवलम्बित देह का 
  स्वारथ के नेह का 
         प्रेरक प्रमेह का
          सत्य में संदेह सा 
             छिन छिन में पुष्ट सा.. 
                 मन बैरी दुष्ट सा..
संगी एकांत का 
     प्यासा देहांत का  
        मृत्यु तक छोड़े ना.. 
           दामन भी तोड़े ना.. 
               उददंड अतुष्ट सा...
                  मन बैरी दुष्ट सा..

©अज्ञात

#मन

17 Love

#कविता #मन

#मन

117 View

मन का दीपक जला लो,बस एक बार , फिर कोई भी अन्धेरा, तुम्हें डरा नहीं पायेगा जीत जाओगे जिस दिन खुद को खुद से , फिर कोई तुम्हें ,हरा नहीं पायेगा ©Kamlesh Kandpal

#कविता  मन का दीपक जला लो,बस एक बार ,
फिर कोई भी अन्धेरा, तुम्हें  डरा नहीं पायेगा

जीत जाओगे जिस दिन खुद को खुद  से ,
फिर कोई तुम्हें ,हरा नहीं पायेगा

©Kamlesh Kandpal

मन

19 Love

White तेरी बात जब आए मेरा मन मुस्कुराए मेरी आँखों में चेहरा तेरे स्वप्न दिखाए ©Ekta Singh

#लव  White तेरी बात जब आए 
मेरा मन मुस्कुराए 
मेरी आँखों में चेहरा 
तेरे स्वप्न दिखाए

©Ekta Singh

मन

10 Love

White तुमने कभी घुट घुट कर किसी को रोते हुए देखा है?. खुल कर रोने मे आंसू बहते हैँ. जबकि घुट घुटकर रोने वाला आंसू नही बहाता जबकि बहने वाले आंसुओ को या तो खुद पी जाता है या उसे अपने भीतर ही बहा देता. है ©Parasram Arora

#कविता  White तुमने कभी घुट घुट कर किसी को 
रोते हुए देखा है?.

खुल कर रोने  मे आंसू बहते  हैँ.
जबकि घुट घुटकर   रोने वाला आंसू नही  बहाता जबकि बहने वाले आंसुओ 
को या तो खुद पी जाता है या उसे  अपने भीतर ही बहा देता. है

©Parasram Arora

घुट घुट कर

15 Love

White मेरा मन हमेशा अंतर्द्वंध से लड़ता रहता है कभी ख्वाबों के पुलिंदे सजाता है तो कभी मायूसी को गले लगाता है कभी भविष्य की संभावनाओं को निहारता है तो कभी अतीत के जख्मों को टटोलता है कभी समझदार बनकर जिम्मेदारियों से डरता है तो कभी सारे बंधन तोड़ आजाद होने को करता है कभी मान सम्मान के दायरे तय करता है तो कभी कल्पनाओं के साकार होने की दुआ करता है कभी स्वार्थ में खुद के लिए प्रेम ढूंढता है तो कभी निस्वार्थ बन अपने हिस्से का प्रेम भी ओरो के लिए उड़ेल देता है कभी जो हासिल हुआ उसी में सब्र कर लेता है तो कभी जो पाना रह गया उसकी शिकायते करता रहता है मेरा मन हमेशा अंतर्द्वध से लड़ता है क्या तुम्हारा भी मन कभी अंतर्द्वंध से लड़ता है। ©seema patidar

 White मेरा मन हमेशा अंतर्द्वंध से लड़ता रहता है
कभी ख्वाबों के पुलिंदे सजाता है 
तो कभी मायूसी को गले लगाता है
कभी भविष्य की संभावनाओं को निहारता है
तो कभी अतीत के जख्मों को टटोलता है
कभी समझदार बनकर जिम्मेदारियों से डरता है 
तो कभी सारे बंधन तोड़ आजाद होने को करता है
कभी मान सम्मान के दायरे तय करता है
तो कभी कल्पनाओं के साकार होने की दुआ करता है
कभी स्वार्थ में खुद के लिए  प्रेम ढूंढता है
तो कभी निस्वार्थ बन अपने हिस्से का प्रेम भी 
ओरो के लिए उड़ेल देता है
कभी जो हासिल हुआ उसी में सब्र  कर लेता है 
तो कभी जो पाना रह गया उसकी शिकायते करता रहता है
मेरा मन हमेशा अंतर्द्वध से लड़ता है
क्या तुम्हारा भी मन कभी अंतर्द्वंध से लड़ता है।

©seema patidar

मेरा मन

13 Love

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