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New धुंधली हुए हैं मंजर Status, Photo, Video

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White चलता है वो अंधेरी गलियों में, जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है। हर कदम पर छिपी है चुभन, जैसे ज़िंदगी सवाल करती है। आंखों में सपनों का शोर था कभी, अब वहां सन्नाटे का बसेरा है। दिल के कोने में कहीं, अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है। वक्त जैसे थम गया हो, पर घड़ी चलती है बेहिसाब। उसकी हर सांस, हर धड़कन, सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल। हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह, पर दर्द उसके साथ चलता है। हर खुशी से दूरी बनाने की राह, पर अकेलापन उसके पास पलता है। फिजाओं में भटकती उसकी सोचें, खुद से खुद को छुपाने की कोशिश। हंसी के पीछे छिपा सूनापन, जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता। राह कहां है, वो नहीं जानता, बस चलता है, अपने साये के साथ। जाने किस मंज़िल की तलाश में, वो खुद से ही भागता जाता है। ©Avinash Jha

#धुंधली #good_night  White चलता है वो अंधेरी गलियों में,
जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है।
हर कदम पर छिपी है चुभन,
जैसे ज़िंदगी सवाल करती है।

आंखों में सपनों का शोर था कभी,
अब वहां सन्नाटे का बसेरा है।
दिल के कोने में कहीं,
अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है।

वक्त जैसे थम गया हो,
पर घड़ी चलती है बेहिसाब।
उसकी हर सांस, हर धड़कन,
सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल।

हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह,
पर दर्द उसके साथ चलता है।
हर खुशी से दूरी बनाने की राह,
पर अकेलापन उसके पास पलता है।

फिजाओं में भटकती उसकी सोचें,
खुद से खुद को छुपाने की कोशिश।
हंसी के पीछे छिपा सूनापन,
जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता।

राह कहां है, वो नहीं जानता,
बस चलता है, अपने साये के साथ।
जाने किस मंज़िल की तलाश में,
वो खुद से ही भागता जाता है।

©Avinash Jha

हम आपस में बँटे हुए, रिश्तों से हैं कटे हुए, झुके कौन पहले सोचे, मनमर्जी पर डटे हुए, कोई नहीं बेदाग यहाँ, दामन सबके फटे हुए, ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ कहते, मन्त्र एक बस रटे हुए, दुनिया हुई दिखावे की, पीछे सब अटपटे हुए, खीरा भीतर खाने तीन, बाहर दिखते सटे हुए, ख़्वाहिश भरूँ उड़ान नई, 'गुंजन' हैं पर कटे हुए, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता  हम आपस में बँटे हुए, 
रिश्तों  से  हैं  कटे हुए, 

झुके कौन पहले सोचे, 
मनमर्जी  पर  डटे हुए, 

कोई नहीं बेदाग यहाँ, 
दामन सबके फटे हुए,

ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ कहते, 
मन्त्र एक बस  रटे हुए,

दुनिया हुई दिखावे की, 
पीछे  सब  अटपटे हुए,

खीरा भीतर खाने तीन, 
बाहर  दिखते  सटे हुए,

ख़्वाहिश भरूँ उड़ान नई, 
'गुंजन'  हैं  पर  कटे  हुए,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#'गुंजन' हैं पर कटे हुए#

10 Love

White दूर तलक धुंध का पहरा अनजान डगर,अनजान शहर मन व्याकुल,तन थका थका, ना जाने कंहा,इस रात का है दिनकर. ©arvind bhanwra ambala. India

 White दूर तलक धुंध का पहरा
अनजान डगर,अनजान शहर
मन व्याकुल,तन थका थका,
ना जाने कंहा,इस रात का है दिनकर.

©arvind bhanwra ambala. India

धुंधली रैना

14 Love

White इस दुनिया के झूबसूरत मंजर देखने की काबलियत उन्हें ही नसीब हो सकतेी है जिनकी आँखे दूर तक देखने मे सक्षम हो जबकि मेरी नजर तो पहले से ही धुंधली हो चुकी. और इन नज़रो को देझने वाली भीड़ मे मैं सबसे पीछे खड़ा हू ©Parasram Arora

#कविता  White इस दुनिया के झूबसूरत 
मंजर देखने की काबलियत उन्हें ही नसीब हो सकतेी है   जिनकी  आँखे दूर तक  देखने मे सक्षम हो 


जबकि मेरी नजर तो पहले से ही धुंधली हो चुकी. और इन नज़रो को देझने वाली भीड़ मे मैं 
सबसे पीछे खड़ा हू

©Parasram Arora

खूबसूरत मंजर

15 Love

#मोटिवेशनल

रख हौसलाओ मंजर भी आएगा

117 View

#विचार  White वातावरण का अंदाजा इस धुंधली तस्वीर से ही लगाया जा सकता है साहब! कि दुनियां किस ओर जा रही है अगर ऐसा ही धुंधलापन प्रकृति के ऊपर चढ़ता रहा तो हमारी तस्वीरें भी धुंधली ही दिखाई देगी।

©Satish Kumar Meena

धुंधली तस्वीर

135 View

White चलता है वो अंधेरी गलियों में, जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है। हर कदम पर छिपी है चुभन, जैसे ज़िंदगी सवाल करती है। आंखों में सपनों का शोर था कभी, अब वहां सन्नाटे का बसेरा है। दिल के कोने में कहीं, अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है। वक्त जैसे थम गया हो, पर घड़ी चलती है बेहिसाब। उसकी हर सांस, हर धड़कन, सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल। हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह, पर दर्द उसके साथ चलता है। हर खुशी से दूरी बनाने की राह, पर अकेलापन उसके पास पलता है। फिजाओं में भटकती उसकी सोचें, खुद से खुद को छुपाने की कोशिश। हंसी के पीछे छिपा सूनापन, जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता। राह कहां है, वो नहीं जानता, बस चलता है, अपने साये के साथ। जाने किस मंज़िल की तलाश में, वो खुद से ही भागता जाता है। ©Avinash Jha

#धुंधली #good_night  White चलता है वो अंधेरी गलियों में,
जहां सन्नाटा कहानियां बुनता है।
हर कदम पर छिपी है चुभन,
जैसे ज़िंदगी सवाल करती है।

आंखों में सपनों का शोर था कभी,
अब वहां सन्नाटे का बसेरा है।
दिल के कोने में कहीं,
अधूरी ख्वाहिशों का डेरा है।

वक्त जैसे थम गया हो,
पर घड़ी चलती है बेहिसाब।
उसकी हर सांस, हर धड़कन,
सिर्फ जवाब ढूंढती है बेहाल।

हर दर्द को पीछे छोड़ने की चाह,
पर दर्द उसके साथ चलता है।
हर खुशी से दूरी बनाने की राह,
पर अकेलापन उसके पास पलता है।

फिजाओं में भटकती उसकी सोचें,
खुद से खुद को छुपाने की कोशिश।
हंसी के पीछे छिपा सूनापन,
जैसे आईना भी उसका सच नहीं कहता।

राह कहां है, वो नहीं जानता,
बस चलता है, अपने साये के साथ।
जाने किस मंज़िल की तलाश में,
वो खुद से ही भागता जाता है।

©Avinash Jha

हम आपस में बँटे हुए, रिश्तों से हैं कटे हुए, झुके कौन पहले सोचे, मनमर्जी पर डटे हुए, कोई नहीं बेदाग यहाँ, दामन सबके फटे हुए, ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ कहते, मन्त्र एक बस रटे हुए, दुनिया हुई दिखावे की, पीछे सब अटपटे हुए, खीरा भीतर खाने तीन, बाहर दिखते सटे हुए, ख़्वाहिश भरूँ उड़ान नई, 'गुंजन' हैं पर कटे हुए, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता  हम आपस में बँटे हुए, 
रिश्तों  से  हैं  कटे हुए, 

झुके कौन पहले सोचे, 
मनमर्जी  पर  डटे हुए, 

कोई नहीं बेदाग यहाँ, 
दामन सबके फटे हुए,

ख़ुद को सर्वश्रेष्ठ कहते, 
मन्त्र एक बस  रटे हुए,

दुनिया हुई दिखावे की, 
पीछे  सब  अटपटे हुए,

खीरा भीतर खाने तीन, 
बाहर  दिखते  सटे हुए,

ख़्वाहिश भरूँ उड़ान नई, 
'गुंजन'  हैं  पर  कटे  हुए,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#'गुंजन' हैं पर कटे हुए#

10 Love

White दूर तलक धुंध का पहरा अनजान डगर,अनजान शहर मन व्याकुल,तन थका थका, ना जाने कंहा,इस रात का है दिनकर. ©arvind bhanwra ambala. India

 White दूर तलक धुंध का पहरा
अनजान डगर,अनजान शहर
मन व्याकुल,तन थका थका,
ना जाने कंहा,इस रात का है दिनकर.

©arvind bhanwra ambala. India

धुंधली रैना

14 Love

White इस दुनिया के झूबसूरत मंजर देखने की काबलियत उन्हें ही नसीब हो सकतेी है जिनकी आँखे दूर तक देखने मे सक्षम हो जबकि मेरी नजर तो पहले से ही धुंधली हो चुकी. और इन नज़रो को देझने वाली भीड़ मे मैं सबसे पीछे खड़ा हू ©Parasram Arora

#कविता  White इस दुनिया के झूबसूरत 
मंजर देखने की काबलियत उन्हें ही नसीब हो सकतेी है   जिनकी  आँखे दूर तक  देखने मे सक्षम हो 


जबकि मेरी नजर तो पहले से ही धुंधली हो चुकी. और इन नज़रो को देझने वाली भीड़ मे मैं 
सबसे पीछे खड़ा हू

©Parasram Arora

खूबसूरत मंजर

15 Love

#मोटिवेशनल

रख हौसलाओ मंजर भी आएगा

117 View

#विचार  White वातावरण का अंदाजा इस धुंधली तस्वीर से ही लगाया जा सकता है साहब! कि दुनियां किस ओर जा रही है अगर ऐसा ही धुंधलापन प्रकृति के ऊपर चढ़ता रहा तो हमारी तस्वीरें भी धुंधली ही दिखाई देगी।

©Satish Kumar Meena

धुंधली तस्वीर

135 View

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