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White इंसान समय से पहले बूढ़ा हो जाए तो समझ लेना उसे अपनों ने और अपनी जिंदगी ने बहुत दुख दिए हैं, जब वह किसी के लिए रात दिन खटता है और फिर सुनने को मिलता है कि तुमने मेरे लिए किया ही क्या ? बस यही बातें उसे दिन-ब-दिन दीमक की तरह खाने लगती हैं। ©Ganesh Din Pal

#मोटिवेशनल #इंसान  White इंसान समय से पहले 
बूढ़ा हो जाए 
तो समझ लेना 
उसे अपनों ने 
और अपनी जिंदगी ने 
बहुत दुख दिए हैं, 
जब वह किसी के लिए 
रात दिन खटता है 
और फिर सुनने को मिलता है 
कि तुमने मेरे लिए किया ही क्या ? 
बस यही बातें उसे दिन-ब-दिन 
दीमक की तरह खाने लगती हैं।

©Ganesh Din Pal

#इंसान बूढ़ा क्यों होता है

16 Love

क्यों ज़िंदगी में ऐसे फ़ैसले कर रखे हैं, क्यों इतने बंधन पाल रखे हैं। इतनी लानतें बर्दाश्त करते हैं हम, जो हमारी इज़्ज़त पर रोज़ हमला करती है। रोज़ जूता मारती है ज़िंदगी मुँह पर, फिर भी हम उसे ख़ामोशी से सहते जाते हैं। ©नवनीत ठाकुर

#क्यों #शायरी  क्यों ज़िंदगी में ऐसे फ़ैसले कर रखे हैं,
क्यों इतने बंधन पाल रखे हैं।
इतनी लानतें बर्दाश्त करते हैं हम,
जो हमारी इज़्ज़त पर रोज़ हमला करती है।
रोज़ जूता मारती है ज़िंदगी मुँह पर,
फिर भी हम उसे ख़ामोशी से सहते जाते हैं।

©नवनीत ठाकुर

#क्यों बंधन पाल रखें हैं

16 Love

White एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है किसी का साथ किसी की मुस्कुराहट चांद की चांदनी का बहुत खूबसूरत लगना एक ही इंसान में सब कुछ मिल जाना वह पहली बार मिलना बहुत सारी बातें करना दिल खोल कर रख देना वह अंदर ही अंदर खुश होना दिल के सारे दर्द किसी अपने को बता देना यह कहना कि तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं है तुम हो तो मेरी हर खुशी है एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है...…. ©Suhana safar

#justthought  White   एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है
किसी का साथ 
किसी की मुस्कुराहट    
 चांद की चांदनी का बहुत खूबसूरत  लगना 
एक  ही इंसान में सब कुछ मिल जाना
वह पहली बार मिलना 
बहुत सारी बातें करना 
दिल खोल कर रख देना 
 वह अंदर ही अंदर खुश होना 
दिल के सारे दर्द किसी अपने को बता देना
 यह कहना कि तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं है 
तुम हो तो मेरी हर खुशी है
एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है...….

©Suhana safar

आखिर क्यों... #justthought

12 Love

सफल हो या असफल हो , प्रयास कभी न विफल हो जो भागे छोड़ कर मेहनत , जय का अधिकारी क्यों हो ©Shiv Narayan Saxena

 सफल हो  या असफल हो , प्रयास कभी न  विफल हो
जो भागे  छोड़ कर मेहनत , जय का अधिकारी क्यों हो

©Shiv Narayan Saxena

जय का अधिकारी क्यों हो?

13 Love

किश्तों पर जीवन क्यों जीना..

189 View

White आदमी का स्वभाव है आदमी को महज़ खिलौना समझना जिसे वो इस्तेमाल करता है महज़ दिल बहलाने को दिल बहला लेने के बाद उसका खिलौना महज़ रह जाता है एक आधा, टूटा, बिखरा, सा खिलौना फिर उस खिलौने में दिलचस्पी खत्म होने पर आदमी ढूँढता है फिर एक नया खिलौना पुन: उसे टूटा बिखरा और अधूरा छोड़ने के लिए कितना छिछलापन है आदमी का आदमी होना वो पूर्णतः इंसान क्यों नहीं होता क्यों महज़ रहता है वो आदमी...... ©Harpinder Kaur

 White आदमी का स्वभाव है आदमी को महज़ 
खिलौना समझना
जिसे वो इस्तेमाल करता है
महज़ दिल बहलाने को
दिल बहला लेने के बाद 
उसका खिलौना महज़ रह जाता है
एक आधा, टूटा, बिखरा, सा खिलौना 
फिर उस खिलौने में  दिलचस्पी खत्म होने पर
आदमी ढूँढता है फिर एक नया खिलौना 
पुन: उसे टूटा बिखरा और अधूरा छोड़ने के लिए
कितना छिछलापन है आदमी का आदमी होना
वो पूर्णतः इंसान क्यों नहीं होता 
क्यों महज़ रहता है वो  आदमी......

©Harpinder Kaur

# आदमी.... इंसान क्यों नहीं होता?

13 Love

White इंसान समय से पहले बूढ़ा हो जाए तो समझ लेना उसे अपनों ने और अपनी जिंदगी ने बहुत दुख दिए हैं, जब वह किसी के लिए रात दिन खटता है और फिर सुनने को मिलता है कि तुमने मेरे लिए किया ही क्या ? बस यही बातें उसे दिन-ब-दिन दीमक की तरह खाने लगती हैं। ©Ganesh Din Pal

#मोटिवेशनल #इंसान  White इंसान समय से पहले 
बूढ़ा हो जाए 
तो समझ लेना 
उसे अपनों ने 
और अपनी जिंदगी ने 
बहुत दुख दिए हैं, 
जब वह किसी के लिए 
रात दिन खटता है 
और फिर सुनने को मिलता है 
कि तुमने मेरे लिए किया ही क्या ? 
बस यही बातें उसे दिन-ब-दिन 
दीमक की तरह खाने लगती हैं।

©Ganesh Din Pal

#इंसान बूढ़ा क्यों होता है

16 Love

क्यों ज़िंदगी में ऐसे फ़ैसले कर रखे हैं, क्यों इतने बंधन पाल रखे हैं। इतनी लानतें बर्दाश्त करते हैं हम, जो हमारी इज़्ज़त पर रोज़ हमला करती है। रोज़ जूता मारती है ज़िंदगी मुँह पर, फिर भी हम उसे ख़ामोशी से सहते जाते हैं। ©नवनीत ठाकुर

#क्यों #शायरी  क्यों ज़िंदगी में ऐसे फ़ैसले कर रखे हैं,
क्यों इतने बंधन पाल रखे हैं।
इतनी लानतें बर्दाश्त करते हैं हम,
जो हमारी इज़्ज़त पर रोज़ हमला करती है।
रोज़ जूता मारती है ज़िंदगी मुँह पर,
फिर भी हम उसे ख़ामोशी से सहते जाते हैं।

©नवनीत ठाकुर

#क्यों बंधन पाल रखें हैं

16 Love

White एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है किसी का साथ किसी की मुस्कुराहट चांद की चांदनी का बहुत खूबसूरत लगना एक ही इंसान में सब कुछ मिल जाना वह पहली बार मिलना बहुत सारी बातें करना दिल खोल कर रख देना वह अंदर ही अंदर खुश होना दिल के सारे दर्द किसी अपने को बता देना यह कहना कि तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं है तुम हो तो मेरी हर खुशी है एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है...…. ©Suhana safar

#justthought  White   एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है
किसी का साथ 
किसी की मुस्कुराहट    
 चांद की चांदनी का बहुत खूबसूरत  लगना 
एक  ही इंसान में सब कुछ मिल जाना
वह पहली बार मिलना 
बहुत सारी बातें करना 
दिल खोल कर रख देना 
 वह अंदर ही अंदर खुश होना 
दिल के सारे दर्द किसी अपने को बता देना
 यह कहना कि तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं है 
तुम हो तो मेरी हर खुशी है
एक वक्त के बाद सामने वाले को सब फीका-सा क्यों लगने लगता है...….

©Suhana safar

आखिर क्यों... #justthought

12 Love

सफल हो या असफल हो , प्रयास कभी न विफल हो जो भागे छोड़ कर मेहनत , जय का अधिकारी क्यों हो ©Shiv Narayan Saxena

 सफल हो  या असफल हो , प्रयास कभी न  विफल हो
जो भागे  छोड़ कर मेहनत , जय का अधिकारी क्यों हो

©Shiv Narayan Saxena

जय का अधिकारी क्यों हो?

13 Love

किश्तों पर जीवन क्यों जीना..

189 View

White आदमी का स्वभाव है आदमी को महज़ खिलौना समझना जिसे वो इस्तेमाल करता है महज़ दिल बहलाने को दिल बहला लेने के बाद उसका खिलौना महज़ रह जाता है एक आधा, टूटा, बिखरा, सा खिलौना फिर उस खिलौने में दिलचस्पी खत्म होने पर आदमी ढूँढता है फिर एक नया खिलौना पुन: उसे टूटा बिखरा और अधूरा छोड़ने के लिए कितना छिछलापन है आदमी का आदमी होना वो पूर्णतः इंसान क्यों नहीं होता क्यों महज़ रहता है वो आदमी...... ©Harpinder Kaur

 White आदमी का स्वभाव है आदमी को महज़ 
खिलौना समझना
जिसे वो इस्तेमाल करता है
महज़ दिल बहलाने को
दिल बहला लेने के बाद 
उसका खिलौना महज़ रह जाता है
एक आधा, टूटा, बिखरा, सा खिलौना 
फिर उस खिलौने में  दिलचस्पी खत्म होने पर
आदमी ढूँढता है फिर एक नया खिलौना 
पुन: उसे टूटा बिखरा और अधूरा छोड़ने के लिए
कितना छिछलापन है आदमी का आदमी होना
वो पूर्णतः इंसान क्यों नहीं होता 
क्यों महज़ रहता है वो  आदमी......

©Harpinder Kaur

# आदमी.... इंसान क्यों नहीं होता?

13 Love

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