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#विचार  White नई हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती है 
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है 
जो जुर्म करते हैं इतने बुरे नहीं होते 
सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती है..!

©Shalini Pandey

अदालत बिगाड़ देती है..

81 View

White ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा  हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा  थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में  मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा  मुहब्बत में मुझपे चला जब मुकदमा  अदालत के झूठे गवाहों ने मारा  हुआ फिर अचम्भा पलट कर जो देखा  हमें तो हमारी वफ़ाओं ने मारा  मुक़द्दर पे अपने वो हैरान होगा जो पत्थर मुझे गुनहगारों ने मारा  बचेंगे कहाँ से ये आशिक जहाँ में  हमेशा इन्हें  बेवफ़ाओं ने मारा  गरीबों में चाहत सिसकती रहेगी  हसीनों के ऊँचे ख़यालों ने मारा  कहाँ हीर रांझा जनम फिर से लेंगे  उन्हें जबसे जग के रिवाज़ों ने मारा  नसीहत सभी दे रहें हैं प्रखर को  पता भी है खंज़र हज़ारों ने मारा  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
हसीनों के कातिल इशारों ने मारा 
हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा 
थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में 
मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा 
मुहब्बत में मुझपे चला जब मुकदमा 
अदालत के झूठे गवाहों ने मारा 
हुआ फिर अचम्भा पलट कर जो देखा 
हमें तो हमारी वफ़ाओं ने मारा 
मुक़द्दर पे अपने वो हैरान होगा
जो पत्थर मुझे गुनहगारों ने मारा 
बचेंगे कहाँ से ये आशिक जहाँ में 
हमेशा इन्हें  बेवफ़ाओं ने मारा 
गरीबों में चाहत सिसकती रहेगी 
हसीनों के ऊँचे ख़यालों ने मारा 
कहाँ हीर रांझा जनम फिर से लेंगे 
उन्हें जबसे जग के रिवाज़ों ने मारा 
नसीहत सभी दे रहें हैं प्रखर को 
पता भी है खंज़र हज़ारों ने मारा 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा  हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा  थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में  मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा  मुहब्ब

11 Love

#international_Justice_day #मोहब्बत #मजबूरी #JusticeAndRevenge #कविता #इंसान  White  मेरी ये मोहब्बत उनके गोंद में यु ही तड़पती रही 
और वो अपने हाथों में मेरे नाम कि वो मेहंदी को लगा कर बैठा है

मेरी बहुत से मजबूरी है ? मगर वो बे_बेवफा नहीं है  ......
मै अपने इन आंखो में बहुत सा दरिया छुपा कर बैठा है

तेरे हाथो में मेरे नाम मेंहदी का रंग लाल तो होना ही था
तू जो मेरे इस मोहब्बत का गला दबा कर बैठा है

 हम दोनो उस महफिल में यु सिसकियां को लेते रहे 
ये बे_गैरत जमाना सा , हम तो अपनी इज्जत को बचा कर रखा है

,, ये खुदा अगर वो इज्जत _दार हैं । तो वो कातिल भी है ? हमारे इस मोहब्बत के 
 वो गवाही ही झूठी है जो अदालत को सुना कर वो बैठा है ,,

,, ये खुदा मैने सुना है कि तेरे घर मे देर है मगर अंधेर नही
देख मेरी ये मोहब्बत तो.... तेरे ही इंसाफ की वो आस लगा कर बैठा है ,,

©बेजुबान शायर shivkumar

#international_Justice_day #justice #JusticeAndRevenge #Nojoto मेरी ये #मोहब्बत उनके गोंद में यु ही तड़पती रही और वो अपने हाथों में मे

108 View

#विचार  White नई हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती है 
कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है 
जो जुर्म करते हैं इतने बुरे नहीं होते 
सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती है..!

©Shalini Pandey

अदालत बिगाड़ देती है..

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White ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा  हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा  थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में  मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा  मुहब्बत में मुझपे चला जब मुकदमा  अदालत के झूठे गवाहों ने मारा  हुआ फिर अचम्भा पलट कर जो देखा  हमें तो हमारी वफ़ाओं ने मारा  मुक़द्दर पे अपने वो हैरान होगा जो पत्थर मुझे गुनहगारों ने मारा  बचेंगे कहाँ से ये आशिक जहाँ में  हमेशा इन्हें  बेवफ़ाओं ने मारा  गरीबों में चाहत सिसकती रहेगी  हसीनों के ऊँचे ख़यालों ने मारा  कहाँ हीर रांझा जनम फिर से लेंगे  उन्हें जबसे जग के रिवाज़ों ने मारा  नसीहत सभी दे रहें हैं प्रखर को  पता भी है खंज़र हज़ारों ने मारा  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
हसीनों के कातिल इशारों ने मारा 
हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा 
थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में 
मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा 
मुहब्बत में मुझपे चला जब मुकदमा 
अदालत के झूठे गवाहों ने मारा 
हुआ फिर अचम्भा पलट कर जो देखा 
हमें तो हमारी वफ़ाओं ने मारा 
मुक़द्दर पे अपने वो हैरान होगा
जो पत्थर मुझे गुनहगारों ने मारा 
बचेंगे कहाँ से ये आशिक जहाँ में 
हमेशा इन्हें  बेवफ़ाओं ने मारा 
गरीबों में चाहत सिसकती रहेगी 
हसीनों के ऊँचे ख़यालों ने मारा 
कहाँ हीर रांझा जनम फिर से लेंगे 
उन्हें जबसे जग के रिवाज़ों ने मारा 
नसीहत सभी दे रहें हैं प्रखर को 
पता भी है खंज़र हज़ारों ने मारा 

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा  हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा  थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में  मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा  मुहब्ब

11 Love

#international_Justice_day #मोहब्बत #मजबूरी #JusticeAndRevenge #कविता #इंसान  White  मेरी ये मोहब्बत उनके गोंद में यु ही तड़पती रही 
और वो अपने हाथों में मेरे नाम कि वो मेहंदी को लगा कर बैठा है

मेरी बहुत से मजबूरी है ? मगर वो बे_बेवफा नहीं है  ......
मै अपने इन आंखो में बहुत सा दरिया छुपा कर बैठा है

तेरे हाथो में मेरे नाम मेंहदी का रंग लाल तो होना ही था
तू जो मेरे इस मोहब्बत का गला दबा कर बैठा है

 हम दोनो उस महफिल में यु सिसकियां को लेते रहे 
ये बे_गैरत जमाना सा , हम तो अपनी इज्जत को बचा कर रखा है

,, ये खुदा अगर वो इज्जत _दार हैं । तो वो कातिल भी है ? हमारे इस मोहब्बत के 
 वो गवाही ही झूठी है जो अदालत को सुना कर वो बैठा है ,,

,, ये खुदा मैने सुना है कि तेरे घर मे देर है मगर अंधेर नही
देख मेरी ये मोहब्बत तो.... तेरे ही इंसाफ की वो आस लगा कर बैठा है ,,

©बेजुबान शायर shivkumar

#international_Justice_day #justice #JusticeAndRevenge #Nojoto मेरी ये #मोहब्बत उनके गोंद में यु ही तड़पती रही और वो अपने हाथों में मे

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