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New पिछला धारावाहिक Status, Photo, Video

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कभी कभी लिखी हुई बातों को, हर कोई नहीं समझ सकता..!! .क्योंकि, उसमें " एहसास " लिखा होता है , और लोग सिफ॔ " अल्फाज " पढ लेते है ..!! जितना पिछला सोचोगे, उतना आज ख़राब करोगे..!! जितना आज ख़राब करोगे, उतना आने वाले कल को अन्धकार में भरोगे..!! ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #हिन्दीकविता #अन्धकार #अल्फाज #कविता95 #कविता  कभी कभी लिखी हुई बातों को,
 हर कोई नहीं समझ सकता..!!
.क्योंकि, उसमें " एहसास " लिखा होता है ,
और लोग सिफ॔ " अल्फाज " पढ लेते है ..!!

जितना पिछला सोचोगे, 
उतना आज ख़राब करोगे..!!
जितना आज ख़राब करोगे, 
उतना आने वाले कल को अन्धकार में भरोगे..!!

©बेजुबान शायर shivkumar

कभी कभी लिखी हुई #बातों को, हर कोई नहीं #समझ सकता..!! .क्योंकि, उसमें " #एहसास " लिखा होता है , और लोग सिफ॔ " #अल्फाज " पढ लेते है ..!!

17 Love

#shayari_challenge #urdupoetrylines #shayrioftheday #top_newser #urduposts  आँखों को इंतज़ार की भट्टी पे रख दिया
मैंने दिये को आँधी की मर्ज़ी पे रख दिया

आओ तुम्हें दिखाते हैं अंजामे-ज़िंदगी
सिक्का ये कह के रेल की पटरी पे रख दिया

फिर भी न दूर हो सकी आँखों से बेवगी
मेंहदी ने सारा ख़ून हथेली पे रख दिया

दुनिया को क्या ख़बर इसे कहते हैं शायरी
मैंने शकर के दाने को चींटी पे रख दिया

अंदर की टूट -फूट छिपाने के वास्ते
जलते हुए चराग़ को खिड़की पे रख दिया

घर की ज़रूरतों के लिए अपनी उम्र को
बच्चे ने कारख़ाने की चिमनी पे रख दिया

पिछला निशान जलने का मौजूद था तो फिर
क्यों हमने हाथ जलते अँगीठी पे रख दिया

मुनव्वर राना

#horror आँखों को इंतज़ार की भट्टी पे रख दिया मैंने दिये को आँधी की मर्ज़ी पे रख दिया आओ तुम्हें दिखाते हैं अंजामे-ज़िंदगी सिक्का ये कह के

90 View

कभी कभी लिखी हुई बातों को, हर कोई नहीं समझ सकता..!! .क्योंकि, उसमें " एहसास " लिखा होता है , और लोग सिफ॔ " अल्फाज " पढ लेते है ..!! जितना पिछला सोचोगे, उतना आज ख़राब करोगे..!! जितना आज ख़राब करोगे, उतना आने वाले कल को अन्धकार में भरोगे..!! ©बेजुबान शायर shivkumar

#बेजुबानशायर143 #हिन्दीकविता #अन्धकार #अल्फाज #कविता95 #कविता  कभी कभी लिखी हुई बातों को,
 हर कोई नहीं समझ सकता..!!
.क्योंकि, उसमें " एहसास " लिखा होता है ,
और लोग सिफ॔ " अल्फाज " पढ लेते है ..!!

जितना पिछला सोचोगे, 
उतना आज ख़राब करोगे..!!
जितना आज ख़राब करोगे, 
उतना आने वाले कल को अन्धकार में भरोगे..!!

©बेजुबान शायर shivkumar

कभी कभी लिखी हुई #बातों को, हर कोई नहीं #समझ सकता..!! .क्योंकि, उसमें " #एहसास " लिखा होता है , और लोग सिफ॔ " #अल्फाज " पढ लेते है ..!!

17 Love

#shayari_challenge #urdupoetrylines #shayrioftheday #top_newser #urduposts  आँखों को इंतज़ार की भट्टी पे रख दिया
मैंने दिये को आँधी की मर्ज़ी पे रख दिया

आओ तुम्हें दिखाते हैं अंजामे-ज़िंदगी
सिक्का ये कह के रेल की पटरी पे रख दिया

फिर भी न दूर हो सकी आँखों से बेवगी
मेंहदी ने सारा ख़ून हथेली पे रख दिया

दुनिया को क्या ख़बर इसे कहते हैं शायरी
मैंने शकर के दाने को चींटी पे रख दिया

अंदर की टूट -फूट छिपाने के वास्ते
जलते हुए चराग़ को खिड़की पे रख दिया

घर की ज़रूरतों के लिए अपनी उम्र को
बच्चे ने कारख़ाने की चिमनी पे रख दिया

पिछला निशान जलने का मौजूद था तो फिर
क्यों हमने हाथ जलते अँगीठी पे रख दिया

मुनव्वर राना

#horror आँखों को इंतज़ार की भट्टी पे रख दिया मैंने दिये को आँधी की मर्ज़ी पे रख दिया आओ तुम्हें दिखाते हैं अंजामे-ज़िंदगी सिक्का ये कह के

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