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#jaishreeradhekrishna #jaishreekrishna #AnjaliSinghal #Radheradhe

"हे प्रभु! पीर हरो इस सारे संसार की, शीश हमारे है धरी पाप की गठरी भार की। रोम-रोम में तू ही बसा पर कभी कोशिश न की मिलान की, पूरी उम्र चिंता

117 View

#jaishreeradhekrishna #jaishreekrishna #AnjaliSinghal #Radheradhe

"हे प्रभु! पीर हरो इस सारे संसार की, शीश हमारे है धरी पाप की गठरी भार की। रोम-रोम में तू ही बसा पर कभी कोशिश न की मिलान की, पूरी उम्र चिंता

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#बेजुबानशायर143 #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #हरहरमहादेव #कविता95 #कविता  White ।। जिस काले गोले से होता है , इस ब्रह्मांड का विनाश है, 
वह काला गोला महादेव के बस एक सूक्ष्म अंश के वो समान है ।।

आदि ना ही अंत जिनका, कंठ समुद्र समान है 
गले मैं अजय बासुकी, बाल गरुण समान है 

रूप मानो ऐसा जिसके मुट्ठी में ब्रह्मांड है 
एक रूप ऐसा जहा ब्रह्मांडधारि पुष्प पे सवार है, 

जिनका तप सहस्त्र सूर्यो के समान है
 जिनका मन पूर्ण चंद्र सा महान है, 
जिनके नेत्र में है बस्ता,वो अंतिम खंड 
इस समाज का ऐसा ना समझो कि,
भैरव बस नाम वो विनाश का ।

आदियोगी, सर्वयोगी, पूर्णयोगी, महानयोगी । 
बह रहे हैं गंगाधारी, 
नदियों के बहाव में चल रहे हैं चंद्रधारी, 
हिमालय की हवाओं में 

जिनको महसूस हो रहे जो वो " मां " नाम की पुकार में सहला रहे हैं 
छाती मेरी ममता के आवास में, रो रहे हैं भोलेनाथ जी भूख की पुकार में ।।

लड़ रहे हैं रूद्र बनके, उग रहे हैं पुष्प बनके
हंस रहे हैं चंद्र बनके, जल रहे हैं कोयला बनके,
 हर रहे हैं मां बनके, 
और मुझे डांट रहे हैं पितृ बनके ।

।। जिनके हाथ में है भार मेरे हाथ का, 
जिनकी आंखों में है तेज मेरी आंख का, 
जिनकी बुद्धि है शोध मेरे ज्ञान का, 
महादेव कहो या शिव संपूर्ण अर्थ बस यही काल का ।।

ॐ  हर हर महादेव ॐ

©बेजुबान शायर shivkumar
#जीवन_धारा #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  जीवन धारा (दोहे)

जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर।
जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।।

रंज से जीवन न कटे, कहते सभी सुजान।
होती पीड़ा है बहुत, मत रहना अनजान।।

जीवन धारा कह रही, मत रुक ऐ नादान।
चलता जा बस मार्ग पर, क्यों होता हैरान।।

कांँटे भी इस पर मिलें, रहना है तैयार।
जीवन ही ये जंग है, मत समझो तुम भार।।

जीवन जीने की कला, समझ सके इंसान।
उत्तम उससे कुछ नहीं, ये उसकी पहचान।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#जीवन_धारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।।

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#जीवन_धारा #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  जीवन धारा (दोहे)

जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर।
जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।।

रंज से जीवन न कटे, कहते सभी सुजान।
होती पीड़ा है बहुत, मत रहना अनजान।।

जीवन धारा कह रही, मत रुक ऐ नादान।
चलता जा बस मार्ग पर, क्यों होता हैरान।।

कांँटे भी इस पर मिलें, रहना है तैयार।
जीवन ही ये जंग है, मत समझो तुम भार।।

जीवन जीने की कला, समझ सके इंसान।
उत्तम उससे कुछ नहीं, ये उसकी पहचान।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#जीवन_धारा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।।

144 View

#बिन_दौलत_के_जिंदगी #दोहे #sandiprohila  बिन दौलत के जिंदगी (दोहे)

बिन दौलत के जिंदगी, होती है दुश्वार।
ताने भी भरपूर हों, जीवन ये बेकार।।

बिन दौलत के जिंदगी, करती है हैरान।
मन मारे भी रह रहे, बिखरे हैं अरमान।।

कलह रहे घर-बार में, चुभते शूल समान।
जीवन यापन हो कठिन, जैसे कसी कमान।।

रह जाते कुछ काम हैं, बिन दौलत के जान।
होती है पीड़ा बड़ी, खोता खुद का मान।।

असमंजस में बीतता, जीवन का यह भार।
जैसे पड़ती हो कभी, कुदरत की है मार।।

कुछ करते अपराध भी, पाने की जो चाह।
गलत तरीके ढूंँढते, है जीवन की राह।।

बिन दौलत के जिंदगी, होती है अभिशाप।
इससे जो भी है घिरा, उसको है संताप।।

तड़प रही है जिंदगी, भरने को अब पेट।
कैसे भी कुछ भी मिले, करते हैं आखेट।।

बिन दौलत के जिंदगी, होती है गुमराह।
कदम भटकते राह से, कहीं न इसकी थाह।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#बिन_दौलत_के_जिंदगी #दोहे बिन दौलत के जिंदगी (दोहे) बिन दौलत के जिंदगी, होती है दुश्वार। ताने भी भरपूर हों, जीवन ये बेकार।। बिन दौलत के ज

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#jaishreeradhekrishna #jaishreekrishna #AnjaliSinghal #Radheradhe

"हे प्रभु! पीर हरो इस सारे संसार की, शीश हमारे है धरी पाप की गठरी भार की। रोम-रोम में तू ही बसा पर कभी कोशिश न की मिलान की, पूरी उम्र चिंता

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#jaishreeradhekrishna #jaishreekrishna #AnjaliSinghal #Radheradhe

"हे प्रभु! पीर हरो इस सारे संसार की, शीश हमारे है धरी पाप की गठरी भार की। रोम-रोम में तू ही बसा पर कभी कोशिश न की मिलान की, पूरी उम्र चिंता

135 View

#बेजुबानशायर143 #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर #हरहरमहादेव #कविता95 #कविता  White ।। जिस काले गोले से होता है , इस ब्रह्मांड का विनाश है, 
वह काला गोला महादेव के बस एक सूक्ष्म अंश के वो समान है ।।

आदि ना ही अंत जिनका, कंठ समुद्र समान है 
गले मैं अजय बासुकी, बाल गरुण समान है 

रूप मानो ऐसा जिसके मुट्ठी में ब्रह्मांड है 
एक रूप ऐसा जहा ब्रह्मांडधारि पुष्प पे सवार है, 

जिनका तप सहस्त्र सूर्यो के समान है
 जिनका मन पूर्ण चंद्र सा महान है, 
जिनके नेत्र में है बस्ता,वो अंतिम खंड 
इस समाज का ऐसा ना समझो कि,
भैरव बस नाम वो विनाश का ।

आदियोगी, सर्वयोगी, पूर्णयोगी, महानयोगी । 
बह रहे हैं गंगाधारी, 
नदियों के बहाव में चल रहे हैं चंद्रधारी, 
हिमालय की हवाओं में 

जिनको महसूस हो रहे जो वो " मां " नाम की पुकार में सहला रहे हैं 
छाती मेरी ममता के आवास में, रो रहे हैं भोलेनाथ जी भूख की पुकार में ।।

लड़ रहे हैं रूद्र बनके, उग रहे हैं पुष्प बनके
हंस रहे हैं चंद्र बनके, जल रहे हैं कोयला बनके,
 हर रहे हैं मां बनके, 
और मुझे डांट रहे हैं पितृ बनके ।

।। जिनके हाथ में है भार मेरे हाथ का, 
जिनकी आंखों में है तेज मेरी आंख का, 
जिनकी बुद्धि है शोध मेरे ज्ञान का, 
महादेव कहो या शिव संपूर्ण अर्थ बस यही काल का ।।

ॐ  हर हर महादेव ॐ

©बेजुबान शायर shivkumar
#जीवन_धारा #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  जीवन धारा (दोहे)

जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर।
जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।।

रंज से जीवन न कटे, कहते सभी सुजान।
होती पीड़ा है बहुत, मत रहना अनजान।।

जीवन धारा कह रही, मत रुक ऐ नादान।
चलता जा बस मार्ग पर, क्यों होता हैरान।।

कांँटे भी इस पर मिलें, रहना है तैयार।
जीवन ही ये जंग है, मत समझो तुम भार।।

जीवन जीने की कला, समझ सके इंसान।
उत्तम उससे कुछ नहीं, ये उसकी पहचान।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#जीवन_धारा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।।

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#जीवन_धारा #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  जीवन धारा (दोहे)

जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर।
जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।।

रंज से जीवन न कटे, कहते सभी सुजान।
होती पीड़ा है बहुत, मत रहना अनजान।।

जीवन धारा कह रही, मत रुक ऐ नादान।
चलता जा बस मार्ग पर, क्यों होता हैरान।।

कांँटे भी इस पर मिलें, रहना है तैयार।
जीवन ही ये जंग है, मत समझो तुम भार।।

जीवन जीने की कला, समझ सके इंसान।
उत्तम उससे कुछ नहीं, ये उसकी पहचान।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#जीवन_धारा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।।

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#बिन_दौलत_के_जिंदगी #दोहे #sandiprohila  बिन दौलत के जिंदगी (दोहे)

बिन दौलत के जिंदगी, होती है दुश्वार।
ताने भी भरपूर हों, जीवन ये बेकार।।

बिन दौलत के जिंदगी, करती है हैरान।
मन मारे भी रह रहे, बिखरे हैं अरमान।।

कलह रहे घर-बार में, चुभते शूल समान।
जीवन यापन हो कठिन, जैसे कसी कमान।।

रह जाते कुछ काम हैं, बिन दौलत के जान।
होती है पीड़ा बड़ी, खोता खुद का मान।।

असमंजस में बीतता, जीवन का यह भार।
जैसे पड़ती हो कभी, कुदरत की है मार।।

कुछ करते अपराध भी, पाने की जो चाह।
गलत तरीके ढूंँढते, है जीवन की राह।।

बिन दौलत के जिंदगी, होती है अभिशाप।
इससे जो भी है घिरा, उसको है संताप।।

तड़प रही है जिंदगी, भरने को अब पेट।
कैसे भी कुछ भी मिले, करते हैं आखेट।।

बिन दौलत के जिंदगी, होती है गुमराह।
कदम भटकते राह से, कहीं न इसकी थाह।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#बिन_दौलत_के_जिंदगी #दोहे बिन दौलत के जिंदगी (दोहे) बिन दौलत के जिंदगी, होती है दुश्वार। ताने भी भरपूर हों, जीवन ये बेकार।। बिन दौलत के ज

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