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दास विजय नहीं जो खुद पर पाता बन जाता है दास इक पिजरे में कैदी बनता घुटती रहती साँस मन उसको कर लेता वश में हरदम है भटकाता छल से है विवेक छीनकर कर देता है नाश सदा लक्ष्य से दूर भटकता लगता कभी न हाथ मन उसको करने नहीं देता मन से उस प्रयास बेखुद दास बनाए मन को वही बने दिग्विजयी जीवन में हर बाधा की वह करता सत्यानाश ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #दास  दास

विजय नहीं जो खुद पर पाता
बन जाता है दास
इक पिजरे में कैदी बनता
घुटती रहती साँस

मन उसको कर लेता वश में
हरदम है भटकाता
छल से है विवेक छीनकर
कर देता है नाश

सदा लक्ष्य से दूर भटकता
लगता कभी न हाथ
मन उसको करने नहीं देता
मन से उस प्रयास

बेखुद दास बनाए मन को
वही बने दिग्विजयी
जीवन में हर बाधा की वह
करता सत्यानाश

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#दास

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समझ न सका कोई,ऐसा किरदार निभाता है, चाहे जितनी हो मुश्किलें,अकेले पार करता है, दिल के जख्मों पर ,मरहम लगातार लगाता है पर मेरे आँखों से कभी ,अश्क़ न बहने देता है.... | ©Amol M. Bodke

#कविता  समझ न सका कोई,ऐसा किरदार निभाता है, 
चाहे जितनी हो मुश्किलें,अकेले पार करता है, 
दिल के जख्मों पर ,मरहम लगातार लगाता है 
पर मेरे आँखों से कभी ,अश्क़ न बहने देता है.... |

©Amol M. Bodke

प्रेम कविता मराठी कविता कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता Maa पर कविता

10 Love

#कविता

कविता कोश मराठी कविता कुमार विश्वास की कविता Kalki हिंदी कविता

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गोपाल दास हनुमान मंदिर आश्रम बनवारा ## भक्ति वीडियो वीडियो डाउनलोड

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शोभा हूॅं मैं घर आंगन की, क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं। बार बार तुम खींच रहे जो, अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं। पावन सुत्र के मोती धुमिल अब, समस्त यह गांठ ही रह जाएगी। एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #swiftbird  शोभा हूॅं मैं घर आंगन की,
क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं।
बार बार तुम खींच रहे जो,
अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं।
पावन सुत्र के मोती धुमिल अब,
समस्त यह गांठ ही रह जाएगी।
एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी।

©Ritika Vijay Shrivastava

#swiftbird कविता हिंदी कविता हिंदी कविता कुमार विश्वास की कविता कविता कोश

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#कविता  













पद्म श्री स्व. गोपालदास नीरज की कविता

देश के नाम एक पैगाम गोपालदास नीरज जी की कविता।

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दास विजय नहीं जो खुद पर पाता बन जाता है दास इक पिजरे में कैदी बनता घुटती रहती साँस मन उसको कर लेता वश में हरदम है भटकाता छल से है विवेक छीनकर कर देता है नाश सदा लक्ष्य से दूर भटकता लगता कभी न हाथ मन उसको करने नहीं देता मन से उस प्रयास बेखुद दास बनाए मन को वही बने दिग्विजयी जीवन में हर बाधा की वह करता सत्यानाश ©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#कविता #दास  दास

विजय नहीं जो खुद पर पाता
बन जाता है दास
इक पिजरे में कैदी बनता
घुटती रहती साँस

मन उसको कर लेता वश में
हरदम है भटकाता
छल से है विवेक छीनकर
कर देता है नाश

सदा लक्ष्य से दूर भटकता
लगता कभी न हाथ
मन उसको करने नहीं देता
मन से उस प्रयास

बेखुद दास बनाए मन को
वही बने दिग्विजयी
जीवन में हर बाधा की वह
करता सत्यानाश

©Sunil Kumar Maurya Bekhud

#दास

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समझ न सका कोई,ऐसा किरदार निभाता है, चाहे जितनी हो मुश्किलें,अकेले पार करता है, दिल के जख्मों पर ,मरहम लगातार लगाता है पर मेरे आँखों से कभी ,अश्क़ न बहने देता है.... | ©Amol M. Bodke

#कविता  समझ न सका कोई,ऐसा किरदार निभाता है, 
चाहे जितनी हो मुश्किलें,अकेले पार करता है, 
दिल के जख्मों पर ,मरहम लगातार लगाता है 
पर मेरे आँखों से कभी ,अश्क़ न बहने देता है.... |

©Amol M. Bodke

प्रेम कविता मराठी कविता कुमार विश्वास की कविता देशभक्ति कविता Maa पर कविता

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गोपाल दास हनुमान मंदिर आश्रम बनवारा ## भक्ति वीडियो वीडियो डाउनलोड

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शोभा हूॅं मैं घर आंगन की, क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं। बार बार तुम खींच रहे जो, अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं। पावन सुत्र के मोती धुमिल अब, समस्त यह गांठ ही रह जाएगी। एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी। ©Ritika Vijay Shrivastava

#कविता #swiftbird  शोभा हूॅं मैं घर आंगन की,
क्यों मेरा तनिक भी मोल नहीं।
बार बार तुम खींच रहे जो,
अटूट बंधन है कच्ची डोर नहीं।
पावन सुत्र के मोती धुमिल अब,
समस्त यह गांठ ही रह जाएगी।
एक दिन... चिड़िया उड़ जाएगी।

©Ritika Vijay Shrivastava

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पद्म श्री स्व. गोपालदास नीरज की कविता

देश के नाम एक पैगाम गोपालदास नीरज जी की कविता।

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