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तुम शब्द हो, मैं अर्थ हूं, अन्यथा मैं व्यर्थ हूं। तुम जो सिद्ध कर चुके, मैं वो अकाट्य तर्क हूं। तुम सजग रहे सदा, ये देख मैं सतर्क हूं। तुम ठान लो, जो कर सको, मैं भी अभी समर्थ हूं। जो मुझे आदेश दो, उस हेतु ही तदर्थ हूं। अगर तुमने छल किया, तो मैं महा अनर्थ हूं। ©Kalpana Tomar

#nojoto_poetry #nojohindi #nojolove #nojolife  तुम शब्द हो, मैं अर्थ हूं,
अन्यथा मैं व्यर्थ हूं।

तुम जो सिद्ध कर चुके,
मैं वो अकाट्य तर्क हूं।

तुम सजग रहे सदा,
ये देख मैं सतर्क हूं।

तुम ठान लो, जो कर सको,
मैं भी अभी समर्थ हूं।

जो मुझे आदेश दो,
उस हेतु ही तदर्थ हूं।

अगर तुमने छल किया,
तो मैं महा अनर्थ हूं।

©Kalpana Tomar

मैं शब्द तुम अर्थ #nojohindi #nojolife #nojolove #nojoto_poetry

14 Love

#विचार #sitarmusic  💫 ✨

#sitarmusic दीपावली का आध्यात्मिक अर्थ 🎊🎉 नये अच्छे विचार

144 View

White सब कुछ व्यर्थ है फिर भी जीवन के बहुत गहरे अर्थ है। ©Drjagriti

#कोट्स #अर्थ  White सब कुछ व्यर्थ है फिर
 भी जीवन के बहुत गहरे अर्थ है।

©Drjagriti

#अर्थ मोटिवेशनल कोट्स हिंदी

15 Love

अर्थ के अनर्थ होने के बाद क्या रह जाता है... सार्थक होने को..... ©Saba Rasheed

#सार्थक #अनर्थ #अर्थ #nojotohindi #HindiQuote #Quotes  अर्थ के अनर्थ होने के बाद
क्या रह जाता है...
सार्थक होने को.....

©Saba Rasheed

नजारे , नजरो के सामने कई नजर आते है , कमबख्त नजर बस तेरी नजर को तरस जाती है । ऐसी लगी नजर जमाने की , तेरी याद तो आती है , लेकिन तू नजर नहीं आती है । ©Lõkêsh

 नजारे , नजरो के सामने कई नजर आते है , कमबख्त नजर बस तेरी नजर को तरस जाती है । ऐसी लगी नजर जमाने की , तेरी याद तो आती है , लेकिन तू नजर नहीं आती है ।

©Lõkêsh

नजर , शब्द एक अर्थ अनेक 😂

12 Love

तुम कफन में लिपटे हो 000000000000 सनातन से दूर होकर तुम जिहादियों से पीटते हो, मेरी नजरों में तुम सदा कफन में लिपटे हो। कब तक मोहब्बत का नारा लगाते रहोगे, कब तक मोहब्बत में खुद को जलते रहोगे। निशा मिट रहा है तुम्हारा , मिट जाएगा, तुम्हारे भगवान का भजन फिर कौन गाएगा। मुसलमान तुम्हारा ना हुआ है ना होगा कभी, जो बिखरे हो टुकड़ों में एक हो जाओ अभी। कहीं सर तन से जुदा , कहीं बेटी घर से जुदा, इंसानों के हत्यारों का मालिक,वह कैसा है खुदा। धर्म ग्रंथो को पढ़कर अपना ताकत तुम बढ़ा लो, जिहादियों को अपने दिल से अभी तुम हटा लो। पूजा का थाली या पेट का हो दाना, हिंदुओं से कर लो तुम सौदा चाहे मकान हो बनाना। भाईचारा निभाने वालों तुम तो सिर्फ काफिर हो, कट्टर नहीं बने अगर तुम,तो कुछ पल के मुसाफिर हो। धर्म में नहीं जातिवाद में तुम सिमटे हो, मेरी नजरों में तुम सदा कफन में लिपटे हो।। ######################### प्रमोद मालाकार की कलम से...19.08.24 ©pramod malakar

 तुम कफन में लिपटे हो
000000000000 
सनातन से दूर होकर तुम जिहादियों से पीटते हो, 
मेरी नजरों में तुम  सदा कफन में  लिपटे हो।
कब  तक मोहब्बत  का  नारा  लगाते  रहोगे,
कब तक  मोहब्बत में खुद को  जलते रहोगे।
निशा  मिट  रहा   है  तुम्हारा , मिट   जाएगा,
तुम्हारे भगवान का भजन फिर कौन गाएगा। 
मुसलमान तुम्हारा ना हुआ है ना होगा कभी, 
जो बिखरे हो टुकड़ों में एक हो जाओ अभी। 
कहीं सर तन से जुदा , कहीं बेटी घर से जुदा,
इंसानों के हत्यारों का मालिक,वह कैसा है खुदा।
धर्म ग्रंथो को पढ़कर अपना ताकत तुम बढ़ा लो, 
जिहादियों को अपने दिल से अभी तुम हटा लो। 
पूजा का थाली या पेट का हो दाना,
हिंदुओं से कर लो तुम सौदा चाहे मकान हो बनाना। 
भाईचारा निभाने वालों तुम तो सिर्फ काफिर हो, 
कट्टर नहीं बने अगर तुम,तो कुछ पल के मुसाफिर हो। 
धर्म  में  नहीं  जातिवाद  में  तुम  सिमटे  हो,
मेरी नजरों में तुम सदा कफन में लिपटे हो।।
#########################
प्रमोद मालाकार की कलम से...19.08.24

©pramod malakar

# तुम कफ़न में लिपटे हो

14 Love

तुम शब्द हो, मैं अर्थ हूं, अन्यथा मैं व्यर्थ हूं। तुम जो सिद्ध कर चुके, मैं वो अकाट्य तर्क हूं। तुम सजग रहे सदा, ये देख मैं सतर्क हूं। तुम ठान लो, जो कर सको, मैं भी अभी समर्थ हूं। जो मुझे आदेश दो, उस हेतु ही तदर्थ हूं। अगर तुमने छल किया, तो मैं महा अनर्थ हूं। ©Kalpana Tomar

#nojoto_poetry #nojohindi #nojolove #nojolife  तुम शब्द हो, मैं अर्थ हूं,
अन्यथा मैं व्यर्थ हूं।

तुम जो सिद्ध कर चुके,
मैं वो अकाट्य तर्क हूं।

तुम सजग रहे सदा,
ये देख मैं सतर्क हूं।

तुम ठान लो, जो कर सको,
मैं भी अभी समर्थ हूं।

जो मुझे आदेश दो,
उस हेतु ही तदर्थ हूं।

अगर तुमने छल किया,
तो मैं महा अनर्थ हूं।

©Kalpana Tomar

मैं शब्द तुम अर्थ #nojohindi #nojolife #nojolove #nojoto_poetry

14 Love

#विचार #sitarmusic  💫 ✨

#sitarmusic दीपावली का आध्यात्मिक अर्थ 🎊🎉 नये अच्छे विचार

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White सब कुछ व्यर्थ है फिर भी जीवन के बहुत गहरे अर्थ है। ©Drjagriti

#कोट्स #अर्थ  White सब कुछ व्यर्थ है फिर
 भी जीवन के बहुत गहरे अर्थ है।

©Drjagriti

#अर्थ मोटिवेशनल कोट्स हिंदी

15 Love

अर्थ के अनर्थ होने के बाद क्या रह जाता है... सार्थक होने को..... ©Saba Rasheed

#सार्थक #अनर्थ #अर्थ #nojotohindi #HindiQuote #Quotes  अर्थ के अनर्थ होने के बाद
क्या रह जाता है...
सार्थक होने को.....

©Saba Rasheed

नजारे , नजरो के सामने कई नजर आते है , कमबख्त नजर बस तेरी नजर को तरस जाती है । ऐसी लगी नजर जमाने की , तेरी याद तो आती है , लेकिन तू नजर नहीं आती है । ©Lõkêsh

 नजारे , नजरो के सामने कई नजर आते है , कमबख्त नजर बस तेरी नजर को तरस जाती है । ऐसी लगी नजर जमाने की , तेरी याद तो आती है , लेकिन तू नजर नहीं आती है ।

©Lõkêsh

नजर , शब्द एक अर्थ अनेक 😂

12 Love

तुम कफन में लिपटे हो 000000000000 सनातन से दूर होकर तुम जिहादियों से पीटते हो, मेरी नजरों में तुम सदा कफन में लिपटे हो। कब तक मोहब्बत का नारा लगाते रहोगे, कब तक मोहब्बत में खुद को जलते रहोगे। निशा मिट रहा है तुम्हारा , मिट जाएगा, तुम्हारे भगवान का भजन फिर कौन गाएगा। मुसलमान तुम्हारा ना हुआ है ना होगा कभी, जो बिखरे हो टुकड़ों में एक हो जाओ अभी। कहीं सर तन से जुदा , कहीं बेटी घर से जुदा, इंसानों के हत्यारों का मालिक,वह कैसा है खुदा। धर्म ग्रंथो को पढ़कर अपना ताकत तुम बढ़ा लो, जिहादियों को अपने दिल से अभी तुम हटा लो। पूजा का थाली या पेट का हो दाना, हिंदुओं से कर लो तुम सौदा चाहे मकान हो बनाना। भाईचारा निभाने वालों तुम तो सिर्फ काफिर हो, कट्टर नहीं बने अगर तुम,तो कुछ पल के मुसाफिर हो। धर्म में नहीं जातिवाद में तुम सिमटे हो, मेरी नजरों में तुम सदा कफन में लिपटे हो।। ######################### प्रमोद मालाकार की कलम से...19.08.24 ©pramod malakar

 तुम कफन में लिपटे हो
000000000000 
सनातन से दूर होकर तुम जिहादियों से पीटते हो, 
मेरी नजरों में तुम  सदा कफन में  लिपटे हो।
कब  तक मोहब्बत  का  नारा  लगाते  रहोगे,
कब तक  मोहब्बत में खुद को  जलते रहोगे।
निशा  मिट  रहा   है  तुम्हारा , मिट   जाएगा,
तुम्हारे भगवान का भजन फिर कौन गाएगा। 
मुसलमान तुम्हारा ना हुआ है ना होगा कभी, 
जो बिखरे हो टुकड़ों में एक हो जाओ अभी। 
कहीं सर तन से जुदा , कहीं बेटी घर से जुदा,
इंसानों के हत्यारों का मालिक,वह कैसा है खुदा।
धर्म ग्रंथो को पढ़कर अपना ताकत तुम बढ़ा लो, 
जिहादियों को अपने दिल से अभी तुम हटा लो। 
पूजा का थाली या पेट का हो दाना,
हिंदुओं से कर लो तुम सौदा चाहे मकान हो बनाना। 
भाईचारा निभाने वालों तुम तो सिर्फ काफिर हो, 
कट्टर नहीं बने अगर तुम,तो कुछ पल के मुसाफिर हो। 
धर्म  में  नहीं  जातिवाद  में  तुम  सिमटे  हो,
मेरी नजरों में तुम सदा कफन में लिपटे हो।।
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प्रमोद मालाकार की कलम से...19.08.24

©pramod malakar

# तुम कफ़न में लिपटे हो

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