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New लगाकर आग शहर को Status, Photo, Video

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जाल नहीं फेंको घबराकर, करो मशक्कत जोर लगाकर, दरिया की मछलियाँ सयानी, चल देती हैं चारा खाकर, तोड़ नहीं पाओगे बादल, बरसेगा ये ख़ुद ही आकर, स्वाभिमान को जिन्दा रखना, माया बन जायेगी चाकर, आँसू और मुस्कान ख़ुशी में, मन ही मन मत रखो दबाकर, बाधाओं से मत घबराना, मंज़िल तक दम लेना जाकर, 'गुंजन' छेड़ो तार हृदय का, सुनो मधुर संगीत बजाकर, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #करो  जाल  नहीं  फेंको  घबराकर, 
करो मशक्कत जोर लगाकर, 

दरिया की  मछलियाँ सयानी, 
चल  देती  हैं   चारा  खाकर, 

तोड़   नहीं   पाओगे   बादल, 
बरसेगा  ये  ख़ुद  ही  आकर, 

स्वाभिमान को जिन्दा रखना, 
माया   बन   जायेगी  चाकर, 

आँसू और  मुस्कान  ख़ुशी में, 
मन ही मन मत रखो दबाकर, 

बाधाओं   से   मत   घबराना, 
मंज़िल तक दम लेना जाकर, 

'गुंजन'  छेड़ो  तार  हृदय का, 
सुनो  मधुर  संगीत  बजाकर, 
 ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#करो मशक्कत जोर लगाकर#

12 Love

White जब Relation जबरदस्ती से चलने लगे तो ऐसे Relation को आग लगा देना चाहिये ©Arun kumar

#sad_thoughts  White जब Relation जबरदस्ती 
से चलने लगे 

तो ऐसे Relation को 
आग लगा देना चाहिये

©Arun kumar

#sad_thoughts आग लगा दो

9 Love

White कितने दर्द दबाए बैठे है, कितने जख्म छिपाये बैठे है ।यहां गांव सी भोर नहीं ,घर आंगन का छोर नहीं । नहीं यहां वो मित्र सखा,नहीं यहां वो सुख चैना। अब रास नहीं आते यह महल अटारी , हमको अपनी बस्ती प्यारी । पल पल हर पल संघर्ष यहां,खुशी का स्वांग रचाए बैठे है । न जाने इस शहर में , कितने दर्द दबाए बैठे है ... ©Lõkêsh

 White कितने दर्द दबाए बैठे है, कितने जख्म छिपाये बैठे है ।यहां गांव सी भोर नहीं ,घर आंगन का छोर नहीं । नहीं यहां वो मित्र सखा,नहीं यहां वो सुख चैना। अब रास नहीं आते यह  महल अटारी , हमको अपनी बस्ती प्यारी । पल पल हर पल संघर्ष यहां,खुशी का स्वांग रचाए बैठे है । न जाने इस शहर में , कितने दर्द दबाए बैठे है ...

©Lõkêsh

शहर…

11 Love

#विचार  White शहर में क्या है सिर्फ ऊंची इमारतें और छोटे मन वाले व्यक्ति जो पैसे के प्रति अपने प्रेम को अभिव्यक्त ना कर केवल अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर देता है,परिवार का महत्व उसके लिए ज्यादा अहमियत वाला नहीं है।

©Satish Kumar Meena

शहर

135 View

#Sad_shayri #SAD  White मैं शहर हूं
अपने पराये से बेखबर हूं
हां, मैं शहर हूं
लाखों लोग बसे हैं मुझमें
लाखों ढूंढ रहें आसयाना
उन लाखों लोगों की मैं नजर हूं,
 मैं शहर हूं
अपने पराए से बेखबर हूं

©k. k

#Sad_shayri शहर 2

207 View

#शायरी #शहर  यहां मतलब से,
हर कोई अदब से पेश आता है,
इसीलिए तो दिखावे के ,
लोगों को शहर खूब भाता है,

©Arjun Singh

#शहर

198 View

जाल नहीं फेंको घबराकर, करो मशक्कत जोर लगाकर, दरिया की मछलियाँ सयानी, चल देती हैं चारा खाकर, तोड़ नहीं पाओगे बादल, बरसेगा ये ख़ुद ही आकर, स्वाभिमान को जिन्दा रखना, माया बन जायेगी चाकर, आँसू और मुस्कान ख़ुशी में, मन ही मन मत रखो दबाकर, बाधाओं से मत घबराना, मंज़िल तक दम लेना जाकर, 'गुंजन' छेड़ो तार हृदय का, सुनो मधुर संगीत बजाकर, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #करो  जाल  नहीं  फेंको  घबराकर, 
करो मशक्कत जोर लगाकर, 

दरिया की  मछलियाँ सयानी, 
चल  देती  हैं   चारा  खाकर, 

तोड़   नहीं   पाओगे   बादल, 
बरसेगा  ये  ख़ुद  ही  आकर, 

स्वाभिमान को जिन्दा रखना, 
माया   बन   जायेगी  चाकर, 

आँसू और  मुस्कान  ख़ुशी में, 
मन ही मन मत रखो दबाकर, 

बाधाओं   से   मत   घबराना, 
मंज़िल तक दम लेना जाकर, 

'गुंजन'  छेड़ो  तार  हृदय का, 
सुनो  मधुर  संगीत  बजाकर, 
 ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#करो मशक्कत जोर लगाकर#

12 Love

White जब Relation जबरदस्ती से चलने लगे तो ऐसे Relation को आग लगा देना चाहिये ©Arun kumar

#sad_thoughts  White जब Relation जबरदस्ती 
से चलने लगे 

तो ऐसे Relation को 
आग लगा देना चाहिये

©Arun kumar

#sad_thoughts आग लगा दो

9 Love

White कितने दर्द दबाए बैठे है, कितने जख्म छिपाये बैठे है ।यहां गांव सी भोर नहीं ,घर आंगन का छोर नहीं । नहीं यहां वो मित्र सखा,नहीं यहां वो सुख चैना। अब रास नहीं आते यह महल अटारी , हमको अपनी बस्ती प्यारी । पल पल हर पल संघर्ष यहां,खुशी का स्वांग रचाए बैठे है । न जाने इस शहर में , कितने दर्द दबाए बैठे है ... ©Lõkêsh

 White कितने दर्द दबाए बैठे है, कितने जख्म छिपाये बैठे है ।यहां गांव सी भोर नहीं ,घर आंगन का छोर नहीं । नहीं यहां वो मित्र सखा,नहीं यहां वो सुख चैना। अब रास नहीं आते यह  महल अटारी , हमको अपनी बस्ती प्यारी । पल पल हर पल संघर्ष यहां,खुशी का स्वांग रचाए बैठे है । न जाने इस शहर में , कितने दर्द दबाए बैठे है ...

©Lõkêsh

शहर…

11 Love

#विचार  White शहर में क्या है सिर्फ ऊंची इमारतें और छोटे मन वाले व्यक्ति जो पैसे के प्रति अपने प्रेम को अभिव्यक्त ना कर केवल अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर देता है,परिवार का महत्व उसके लिए ज्यादा अहमियत वाला नहीं है।

©Satish Kumar Meena

शहर

135 View

#Sad_shayri #SAD  White मैं शहर हूं
अपने पराये से बेखबर हूं
हां, मैं शहर हूं
लाखों लोग बसे हैं मुझमें
लाखों ढूंढ रहें आसयाना
उन लाखों लोगों की मैं नजर हूं,
 मैं शहर हूं
अपने पराए से बेखबर हूं

©k. k

#Sad_shayri शहर 2

207 View

#शायरी #शहर  यहां मतलब से,
हर कोई अदब से पेश आता है,
इसीलिए तो दिखावे के ,
लोगों को शहर खूब भाता है,

©Arjun Singh

#शहर

198 View

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