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#badalsinghkalamgar #शायरी #sad_shayari #Hindi

#sad_shayari शुभ शरद ऋतु #badalsinghkalamgar #Hindi #Nojoto #Shayari हिंदी शायरी @VED PRAKASH 73 Anil kumar jatav @Rakesh Srivastava Arsha

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#sad_shayari #लव

#sad_shayari शरद ऋतु का गीत

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बादलो के बीच रहकर भी चंद्रमा अपनी शीतलता बिखरता है... लुकाछिपी आरोह-अवरोह सभी मे अपना अस्तित्व रखता है शरद पुर्णिमा की पूर्णता योगिता को जीवनचक्र सिखाता है.. अमृत की पावनता से व्यक्तित्व निखरता है... ©Yogita Harne

#कविता  बादलो के बीच रहकर भी चंद्रमा  अपनी शीतलता बिखरता है...
लुकाछिपी आरोह-अवरोह सभी मे अपना अस्तित्व रखता है 
 शरद पुर्णिमा की पूर्णता योगिता को जीवनचक्र  सिखाता है..
अमृत की पावनता से व्यक्तित्व निखरता है...

©Yogita Harne

शरद पुनम

12 Love

#Bhakti

शरद पूर्णिमा

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White शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बाली, है पसरी चहुँमुख हरियाली। गया दशहरा, आया मेला, धूप गुनगुना, मोहक बेला। पड़ने लगे तुहिन कण। शरद ऋतु का आगमन।। गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं। क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें, परत सफेद गगन में बिखरे। रवि रथ पर दक्षिणायन । शरद ऋतु का आगमन।। उफनाईं नदियाँ सिमट रही, तने से लताएँ लिपट रही। धीवर चले ले जलधि में नाव, मन मोहक अब लगता गाँव। निखर उठे हैं तन - मन। शरद ऋतु का आगमन।। लहराते खेतों में किसान, मन ही मन गा रहा है गान। धरती सार सहज बतलाती, धूप छांव जीवन समझाती। नाच रहे मस्त मगन , शरद ऋतु का आगमन।। ©बेजुबान शायर shivkumar

#हरियाली #ठिठुरने #नदियाँ #कविता #बरसात #मौसम  White शरद ऋतु का आगमन।।

गदराई धानों की बाली,
     है पसरी चहुँमुख हरियाली।
           गया दशहरा, आया मेला,
               धूप गुनगुना, मोहक बेला।

                     पड़ने लगे तुहिन कण।
                       शरद ऋतु का आगमन।।

             
गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, 
    बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं।
         क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें,
               परत सफेद गगन में बिखरे।
                      
                      रवि रथ पर दक्षिणायन ।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

            
उफनाईं नदियाँ सिमट रही,
      तने से लताएँ लिपट रही।
            धीवर चले ले जलधि में नाव,
                 मन मोहक अब लगता गाँव।

                     निखर उठे हैं तन - मन।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

लहराते खेतों में किसान,
     मन ही मन गा रहा है गान।
           धरती सार  सहज बतलाती,
                 धूप छांव जीवन समझाती।
                         
                      नाच रहे मस्त मगन ,
                            शरद ऋतु का आगमन।।

©बेजुबान शायर shivkumar

#मौसम @Sethi Ji @Bhanu Priya @Kshitija @Sana naaz @puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बा

13 Love

#olympics

ऋतु

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#badalsinghkalamgar #शायरी #sad_shayari #Hindi

#sad_shayari शुभ शरद ऋतु #badalsinghkalamgar #Hindi #Nojoto #Shayari हिंदी शायरी @VED PRAKASH 73 Anil kumar jatav @Rakesh Srivastava Arsha

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#sad_shayari #लव

#sad_shayari शरद ऋतु का गीत

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बादलो के बीच रहकर भी चंद्रमा अपनी शीतलता बिखरता है... लुकाछिपी आरोह-अवरोह सभी मे अपना अस्तित्व रखता है शरद पुर्णिमा की पूर्णता योगिता को जीवनचक्र सिखाता है.. अमृत की पावनता से व्यक्तित्व निखरता है... ©Yogita Harne

#कविता  बादलो के बीच रहकर भी चंद्रमा  अपनी शीतलता बिखरता है...
लुकाछिपी आरोह-अवरोह सभी मे अपना अस्तित्व रखता है 
 शरद पुर्णिमा की पूर्णता योगिता को जीवनचक्र  सिखाता है..
अमृत की पावनता से व्यक्तित्व निखरता है...

©Yogita Harne

शरद पुनम

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शरद पूर्णिमा

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White शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बाली, है पसरी चहुँमुख हरियाली। गया दशहरा, आया मेला, धूप गुनगुना, मोहक बेला। पड़ने लगे तुहिन कण। शरद ऋतु का आगमन।। गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं। क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें, परत सफेद गगन में बिखरे। रवि रथ पर दक्षिणायन । शरद ऋतु का आगमन।। उफनाईं नदियाँ सिमट रही, तने से लताएँ लिपट रही। धीवर चले ले जलधि में नाव, मन मोहक अब लगता गाँव। निखर उठे हैं तन - मन। शरद ऋतु का आगमन।। लहराते खेतों में किसान, मन ही मन गा रहा है गान। धरती सार सहज बतलाती, धूप छांव जीवन समझाती। नाच रहे मस्त मगन , शरद ऋतु का आगमन।। ©बेजुबान शायर shivkumar

#हरियाली #ठिठुरने #नदियाँ #कविता #बरसात #मौसम  White शरद ऋतु का आगमन।।

गदराई धानों की बाली,
     है पसरी चहुँमुख हरियाली।
           गया दशहरा, आया मेला,
               धूप गुनगुना, मोहक बेला।

                     पड़ने लगे तुहिन कण।
                       शरद ऋतु का आगमन।।

             
गर्म कपड़े धुलने लगे हैं, 
    बूढ़े अब ठिठुरने लगे हैं।
         क्षितिज़ पर छाने लगे कुहरें,
               परत सफेद गगन में बिखरे।
                      
                      रवि रथ पर दक्षिणायन ।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

            
उफनाईं नदियाँ सिमट रही,
      तने से लताएँ लिपट रही।
            धीवर चले ले जलधि में नाव,
                 मन मोहक अब लगता गाँव।

                     निखर उठे हैं तन - मन।
                          शरद ऋतु का आगमन।।

लहराते खेतों में किसान,
     मन ही मन गा रहा है गान।
           धरती सार  सहज बतलाती,
                 धूप छांव जीवन समझाती।
                         
                      नाच रहे मस्त मगन ,
                            शरद ऋतु का आगमन।।

©बेजुबान शायर shivkumar

#मौसम @Sethi Ji @Bhanu Priya @Kshitija @Sana naaz @puja udeshi हिंदी कविता कविताएं कविता कोश बारिश पर शरद ऋतु का आगमन।। गदराई धानों की बा

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