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White किसी के छोड़ जाने से, मोहब्बत ख़त्म नहीं होती दूरियां चाहे लाख हो, चाहत कम नहीं होती जो तुम कहते हो , वक्त मिटा देगा हर एहसास., तो रूह से किया गया इश्क़ , लाश के साथ दफ़न नहीं होती... ©RAVI PRAKASH

#शायरी #good_night  White किसी के छोड़ जाने से, 
मोहब्बत ख़त्म नहीं होती दूरियां चाहे लाख हो, 
चाहत कम नहीं होती जो तुम कहते हो
, वक्त मिटा देगा हर एहसास.,
 तो रूह से किया गया इश्क़
, लाश के साथ दफ़न नहीं होती...

©RAVI PRAKASH

#good_night किसी के छोड़ जाने से

9 Love

कुछ कह न सका, कुछ.. हुकुम भी तो न था मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी । पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? हाथ में दो हाथ थें कहने, सुनने के बहुत से बात थे। उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी। ख़त.... तो थे , जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें... उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है... मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं   निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!   कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों " कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों... लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! सिद्धांत ✍️ ©Dev Rishi

#कविता  कुछ कह न सका, 
कुछ.. हुकुम भी तो न था 
मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी 
मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी ।


पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? 
हाथ में दो हाथ थें
कहने, सुनने के बहुत से बात थे। 
उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी।


ख़त.... तो थे , 
जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... 
उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी 
जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  


तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं 
बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... 
पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें...
उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है...


मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं 
  निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... 
मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... 
पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!

  
कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों "
कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों...
लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... 
पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! 

सिद्धांत ✍️

©Dev Rishi

प्रेम कविता, उसके हवाले से!!

18 Love

#हरियाणा #वीडियो #बवानी

#बवानी खेड़ा से आई बड़ी खबर #हरियाणा सरपंच एसोसिशन ने दिया प्रदीप नरवाल को दिया समर्थन

135 View

White मिलें भी तो बड़े मुद्दों के बाद, फिर ना होश रहा, ना खबर..! ©Himanshu Prajapati

#love_shayari #hpstrange #लव #36gyan  White मिलें भी तो बड़े मुद्दों के बाद, 
फिर ना होश रहा, ना खबर..!

©Himanshu Prajapati

#love_shayari मिलें भी तो बड़े मुद्दों के बाद, फिर ना होश रहा, ना खबर..! #hpstrange #36gyan

18 Love

#मोटिवेशनल #मोटिवेशन #विनोद #मिश्र

"संस्कार के तने से और संस्कृति के मूल से जुड़े सनातन शावक शाबासी के पात्र हैं." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन

135 View

ज़िन्दगी चलती नहीं क़िताब से, चला करिये उम्र के हिसाब से, भोर में चिड़िया जगाने आ गई, सोईए मत जागिए भी ख़्वाब से, बारिशों में नदी हर नाला लगे, उतर जायेगा महज बहाव से, हरतरफ बैठा शिकारी घात में, आत्मरक्षा कीजिए बचाव से, सजगता से करें रक्षा फसल की, कीटनाशक डाल दें छिड़काव से, प्रेम से पालें कबूतर शांति का, धूप बारिश रोकिए मेहराब से, तिश्नगी भी बढ़ाती बेकली 'गुंजन', मिला करियेगा दिल-ए-बेताब से, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #चला  ज़िन्दगी चलती नहीं  क़िताब से, 
चला  करिये  उम्र के  हिसाब से,

भोर में चिड़िया  जगाने  आ गई, 
सोईए मत जागिए भी ख़्वाब से,

बारिशों में  नदी  हर  नाला लगे, 
उतर  जायेगा  महज  बहाव से,

हरतरफ  बैठा शिकारी  घात में, 
आत्मरक्षा   कीजिए   बचाव से,

सजगता से करें रक्षा फसल की, 
कीटनाशक डाल दें छिड़काव से,

प्रेम से पालें  कबूतर  शांति का, 
धूप  बारिश  रोकिए  मेहराब से,

तिश्नगी भी बढ़ाती बेकली 'गुंजन', 
मिला करियेगा दिल-ए-बेताब से,
   --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#चला करिये उम्र के हिसाब से#

14 Love

White किसी के छोड़ जाने से, मोहब्बत ख़त्म नहीं होती दूरियां चाहे लाख हो, चाहत कम नहीं होती जो तुम कहते हो , वक्त मिटा देगा हर एहसास., तो रूह से किया गया इश्क़ , लाश के साथ दफ़न नहीं होती... ©RAVI PRAKASH

#शायरी #good_night  White किसी के छोड़ जाने से, 
मोहब्बत ख़त्म नहीं होती दूरियां चाहे लाख हो, 
चाहत कम नहीं होती जो तुम कहते हो
, वक्त मिटा देगा हर एहसास.,
 तो रूह से किया गया इश्क़
, लाश के साथ दफ़न नहीं होती...

©RAVI PRAKASH

#good_night किसी के छोड़ जाने से

9 Love

कुछ कह न सका, कुछ.. हुकुम भी तो न था मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी । पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? हाथ में दो हाथ थें कहने, सुनने के बहुत से बात थे। उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी। ख़त.... तो थे , जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें... उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है... मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं   निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!   कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों " कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों... लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! सिद्धांत ✍️ ©Dev Rishi

#कविता  कुछ कह न सका, 
कुछ.. हुकुम भी तो न था 
मेरे भी हाथों में ....  क्षणिकता थी 
मेरे भी पैरों में... लज्जा और विषमता थी ।


पर तुम्हें  कुछ तो नहीं था ? 
हाथ में दो हाथ थें
कहने, सुनने के बहुत से बात थे। 
उसे  में भी देखकर आई... जिसमें न होने की उम्मीदें थी।


ख़त.... तो थे , 
जज़्बात, ज़िन्दगी और कुछ मौतें थी... 
उन्माद के जन्म पर... नयी सवेरा थी 
जो हो चुकी इस रश्म का.... रश्मिरथी थी।  


तो, हम ने सोचा कि... एक जात को खत्म  किया जाएं 
बारिश ए इश्क़ में..... दिल को फिर से धोया जाएं.... 
पर जो कहें कि, ....  खनक ए पायल पसंद है तुम्हें...
उस  हवस के आंख  का भी बड़े दिल से स्वागत है...


मैं... ?   पन्नों में लिखे कहानी का किरदार हूं 
  निभाएं गये  रंगमंचों  का कलाकार हूं.... 
मुझे भी...  किरदार "राम" के मिलें थे.... 
पर , मैं तो  जीता-जागता...  एक रावण हूं..!!

  
कहा जाता है हम से... "कुछ अच्छा लिखों "
कुछ न लिख सको तो,   मेरे हक़ में लिखों...
लिखों की.... मैं राम हूं, मैं ही  कृष्ण हूं.... 
पर, कुछ लिख न सा.....  न राग, न रागिनी...!! 

सिद्धांत ✍️

©Dev Rishi

प्रेम कविता, उसके हवाले से!!

18 Love

#हरियाणा #वीडियो #बवानी

#बवानी खेड़ा से आई बड़ी खबर #हरियाणा सरपंच एसोसिशन ने दिया प्रदीप नरवाल को दिया समर्थन

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White मिलें भी तो बड़े मुद्दों के बाद, फिर ना होश रहा, ना खबर..! ©Himanshu Prajapati

#love_shayari #hpstrange #लव #36gyan  White मिलें भी तो बड़े मुद्दों के बाद, 
फिर ना होश रहा, ना खबर..!

©Himanshu Prajapati

#love_shayari मिलें भी तो बड़े मुद्दों के बाद, फिर ना होश रहा, ना खबर..! #hpstrange #36gyan

18 Love

#मोटिवेशनल #मोटिवेशन #विनोद #मिश्र

"संस्कार के तने से और संस्कृति के मूल से जुड़े सनातन शावक शाबासी के पात्र हैं." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन

135 View

ज़िन्दगी चलती नहीं क़िताब से, चला करिये उम्र के हिसाब से, भोर में चिड़िया जगाने आ गई, सोईए मत जागिए भी ख़्वाब से, बारिशों में नदी हर नाला लगे, उतर जायेगा महज बहाव से, हरतरफ बैठा शिकारी घात में, आत्मरक्षा कीजिए बचाव से, सजगता से करें रक्षा फसल की, कीटनाशक डाल दें छिड़काव से, प्रेम से पालें कबूतर शांति का, धूप बारिश रोकिए मेहराब से, तिश्नगी भी बढ़ाती बेकली 'गुंजन', मिला करियेगा दिल-ए-बेताब से, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ॰प्र॰ ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #चला  ज़िन्दगी चलती नहीं  क़िताब से, 
चला  करिये  उम्र के  हिसाब से,

भोर में चिड़िया  जगाने  आ गई, 
सोईए मत जागिए भी ख़्वाब से,

बारिशों में  नदी  हर  नाला लगे, 
उतर  जायेगा  महज  बहाव से,

हरतरफ  बैठा शिकारी  घात में, 
आत्मरक्षा   कीजिए   बचाव से,

सजगता से करें रक्षा फसल की, 
कीटनाशक डाल दें छिड़काव से,

प्रेम से पालें  कबूतर  शांति का, 
धूप  बारिश  रोकिए  मेहराब से,

तिश्नगी भी बढ़ाती बेकली 'गुंजन', 
मिला करियेगा दिल-ए-बेताब से,
   --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra

#चला करिये उम्र के हिसाब से#

14 Love

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