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New कंगाली का भेष मेरा रागनी Status, Photo, Video

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White आज निर्धनता मेरी मिज़ाज़पुरसी पूछने आई हैँ अब इस कंगाली मे भी मुझे आटा गीला न करने का ध्यान रखना हैँ ©Parasram Arora

#कविता  White आज  निर्धनता मेरी मिज़ाज़पुरसी 
पूछने  आई हैँ 

अब इस कंगाली मे भी मुझे आटा 
गीला  न करने का ध्यान  रखना हैँ

©Parasram Arora

कंगाली

14 Love

"तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा, तू ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा है मेरा, मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ लफ्ज़ों की नहीं, तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा।" ©Kiran Chaudhary

 "तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा,
तू ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा है मेरा,
मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ लफ्ज़ों की नहीं,
तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा।"

©Kiran Chaudhary

"तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा..

11 Love

White ज़ब से मैं धन जमा कर कगाली से मालदार बन गया हूँ.. और मुझमे इतना हौसला भी आ गया है कि मैं अमीरों के गिरेबान मे झाँकने के काबिल भी हो गया हू तबसे मैं डरा हुआ हू कि कही अमीरों के गिरेबान मे झाकने की सज़ा मुझे मिल जाये और हो सकता है मेरी अमीरी को छीन कर मुझे फिर से मुझे कंगाल न बना दिया जाय ©Parasram Arora

#कविता  White ज़ब से मैं धन जमा कर  कगाली से मालदार  बन गया हूँ..
और मुझमे इतना हौसला भी आ गया है कि मैं अमीरों के गिरेबान मे झाँकने के काबिल भी हो गया हू 


तबसे  मैं डरा हुआ हू कि कही अमीरों के गिरेबान मे झाकने की सज़ा   मुझे मिल जाये और हो सकता है मेरी अमीरी को छीन कर मुझे फिर से  मुझे कंगाल न बना दिया जाय

©Parasram Arora

कंगाली से अमीरी

17 Love

#वीडियो

आज का दिन, मेरा जन्मदिन.. 🌹💕🌹

108 View

पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी  तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है  तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है  तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए  पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है  तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई  खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई  तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है  धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया  पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया  उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है  कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा  पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा  कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया  के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया  उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण #कविता  पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी 

तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है 
तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है 

तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए 
पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए
उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है 

तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई 
खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई 
तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है 

धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया 
पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया 
उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है 

कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा 
पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा 
कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है

गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया 
के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया 
उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

#शायरी

रावण बैठे हैं राम के भेष में शायरी दर्द

216 View

White आज निर्धनता मेरी मिज़ाज़पुरसी पूछने आई हैँ अब इस कंगाली मे भी मुझे आटा गीला न करने का ध्यान रखना हैँ ©Parasram Arora

#कविता  White आज  निर्धनता मेरी मिज़ाज़पुरसी 
पूछने  आई हैँ 

अब इस कंगाली मे भी मुझे आटा 
गीला  न करने का ध्यान  रखना हैँ

©Parasram Arora

कंगाली

14 Love

"तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा, तू ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा है मेरा, मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ लफ्ज़ों की नहीं, तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा।" ©Kiran Chaudhary

 "तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा,
तू ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा है मेरा,
मेरी मोहब्बत तुझसे, सिर्फ लफ्ज़ों की नहीं,
तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा।"

©Kiran Chaudhary

"तेरी धड़कन ही ज़िंदगी का किस्सा है मेरा..

11 Love

White ज़ब से मैं धन जमा कर कगाली से मालदार बन गया हूँ.. और मुझमे इतना हौसला भी आ गया है कि मैं अमीरों के गिरेबान मे झाँकने के काबिल भी हो गया हू तबसे मैं डरा हुआ हू कि कही अमीरों के गिरेबान मे झाकने की सज़ा मुझे मिल जाये और हो सकता है मेरी अमीरी को छीन कर मुझे फिर से मुझे कंगाल न बना दिया जाय ©Parasram Arora

#कविता  White ज़ब से मैं धन जमा कर  कगाली से मालदार  बन गया हूँ..
और मुझमे इतना हौसला भी आ गया है कि मैं अमीरों के गिरेबान मे झाँकने के काबिल भी हो गया हू 


तबसे  मैं डरा हुआ हू कि कही अमीरों के गिरेबान मे झाकने की सज़ा   मुझे मिल जाये और हो सकता है मेरी अमीरी को छीन कर मुझे फिर से  मुझे कंगाल न बना दिया जाय

©Parasram Arora

कंगाली से अमीरी

17 Love

#वीडियो

आज का दिन, मेरा जन्मदिन.. 🌹💕🌹

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पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी  तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है  तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है  तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए  पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है  तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई  खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई  तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है  धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया  पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया  उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है  कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा  पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा  कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया  के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया  उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण #कविता  पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी 

तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है 
तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है 

तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए 
पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए
उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है 

तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई 
खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई 
तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है 

धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया 
पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया 
उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है 

कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा 
पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा 
कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है

गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया 
के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया 
उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

#शायरी

रावण बैठे हैं राम के भेष में शायरी दर्द

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