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White राहें आसान होती गयी, मंजिले मिलतीं गयी , तेरे एक हाथ थामने से , मंजर ठहरते गये, महफिलें रौशन होती गयी, हमें पता ना था यू अकेले, लौटना होगा, अपनी लाश को कांधे पर तोकना होगा,,,, By Urmee ki Dairy ©Urmeela Raikwar (parihar)

#शायरी #sad_qoute  White राहें आसान होती गयी,  
मंजिले मिलतीं गयी ,
 तेरे एक हाथ  थामने से , 
मंजर ठहरते गये, 
महफिलें रौशन होती गयी,
हमें पता ना था यू अकेले,
लौटना होगा, 
अपनी लाश को कांधे पर तोकना होगा,,,,

By 
Urmee ki Dairy

©Urmeela Raikwar (parihar)

#sad_qoute यू अकेले लौटना होगा

16 Love

White अब अकेले ही खुश रहता हु.... कोई बात करता है तो कर लेता हु.. वरना ऐसे अकेले खुश रहता हूं.. हम किसी के लिए थोड़ा सा भी IMPORTANT नहीं हैं यार... 🥺 ©Ak.writer_2.0

#love_shayari #SAD  White अब अकेले ही खुश रहता हु....

कोई बात करता है तो कर लेता हु..
 वरना ऐसे अकेले खुश रहता हूं..
 हम किसी के लिए थोड़ा सा भी
 IMPORTANT नहीं हैं यार...
🥺

©Ak.writer_2.0

#love_shayari अब अकेले ही खुश रहता हु....

19 Love

White अकेले थे, अकेले है, अकेले ही रहेंगे, उसकी तलास में बता, कब तक रहेंगे, जो उसे नहीं है कदर मेरे प्यार की तो, बैठे हम उसके सहारे, कब तक रहेंगे। ,,, ,, , ©Shailendra Shainee Official

#शायरी #Sad_Status  White अकेले थे, अकेले है, अकेले ही रहेंगे,
उसकी तलास में बता, कब तक रहेंगे,
जो उसे नहीं है कदर मेरे प्यार की तो,
बैठे हम उसके सहारे, कब तक रहेंगे।
,,,
,,
,

©Shailendra Shainee Official

#Sad_Status अकेले

10 Love

White हां अकेले रहना पसंद है मुझे, पर लोग इस मेरी ego समझ लेते हैं, अब क्या कहूं इन्हें मैं अकेले तो कोई रहना नहीं चाहता, पर जमाने की रुख़ ही ऐसा है कि अकेले रहना खुद-ब-खुद आ जाता है, कहने को तो यहां हर कोई साथ हैं लेकिन जिंदगी के हर मोड़ पर हमें चलना अकेले ही है, ये बात भी इस दुनिया ने ही सिखाई है कि, आप सबके जरूरत पर खड़े रहते हो, मगर आपको जरूरत पड़ने पर सब मुंह फेर लेते हैं, इसलिए मैं अपनी जरूरत खुद बनना चाहता हूं लोगों का क्या है, वो तो छोड़ जाते हैं बीच रास्तों पर अकेले. क्योंकि, उन्हें सिर्फ हक जताना आता है, रिश्ता निभाना नहीं. और फिर जब हर बार खुद को अपने साथ अकेले ही पाना है, हर रास्ते पर खुद को मुझे अकेले ही चलना है, तो क्यों ना अकेले ही रहा जाए. वैसे भी सबके करीब जाकर देख लिया है, मुझे, मुझसा सुकून कहीं नहीं मिला. हां, इन समझदारों की दुनियां में जहां रिश्ते सिर्फ मतलब से निभाये जातें हैं, वहां मैं अकेले ही ठीक हूं बेमतलब से. जिन्हें कोई वास्ता ही नहीं उनके साथ क्यूं रहूं मैं, कम से कम झूठे सहारे से तो अच्छा है मैं खुद के साथ अपने तरीके से जियूं. अब ऐसा नहीं है कि मुझे किसी से मिलना-जुलना, बातें करना, दोस्ती-यारी रखना पसंद नहीं है, पसंद सब है मुझे. मगर उन जैसे formality करके नहीं जुड़ना चाहता मैं किसी से, यही वजह है कि ओरों से ज्यादा खुद के साथ वक्त बिताता हूं. कुछ बातें खुद से कहना, खुद की सुनना, थोड़ा खुद को समझाना, थोड़ा खुद समझा लेना अच्छा लगता है मुझको. फर्क नहीं पड़ता कौन क्या कहता है मेरे बारे में, बस अपनी आवाज़ को सुन सकूं इसलिए दुनिया के शोर से दूर रहता हूं. क्योंकि नहीं चाहता उस भीड़ का हिस्सा बनना, जिस भीड़ में मैं ही खो जाऊं, फिर चाहे कोई मुझे समझे या ना समझे, इस बात की भी कोई उम्मीद नहीं रखता किसी से. क्योंकि अब सारी बातें खुद से ही होती है, और यही फायदा है अकेले रहने का की मेरे जैसे इंसान दिखावे का नहीं हक़ीक़त की जिंदगी जीता है. क्योंकि हमें खुद से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. ©Rahul Ranjan

#कविता #Sad_Status  White हां अकेले रहना पसंद है मुझे,
पर लोग इस मेरी ego
समझ लेते हैं,
अब क्या कहूं इन्हें मैं 
अकेले तो कोई रहना नहीं चाहता,
पर जमाने की रुख़ ही ऐसा है कि
अकेले रहना खुद-ब-खुद आ जाता है,
कहने को तो यहां हर कोई साथ हैं 
लेकिन जिंदगी के हर मोड़ पर हमें चलना अकेले ही है,
ये बात भी इस दुनिया ने ही सिखाई है कि,
आप सबके जरूरत पर खड़े रहते हो,
मगर आपको जरूरत पड़ने पर सब मुंह फेर लेते हैं,
इसलिए मैं अपनी जरूरत खुद बनना चाहता हूं 
लोगों का क्या है,
वो तो छोड़ जाते हैं बीच रास्तों पर अकेले.
क्योंकि, उन्हें सिर्फ हक जताना आता है,
रिश्ता निभाना नहीं.
और फिर जब हर बार खुद को अपने साथ अकेले ही पाना है, हर रास्ते पर खुद को मुझे अकेले ही चलना है,
तो क्यों ना अकेले ही रहा जाए.
वैसे भी सबके करीब जाकर देख लिया है,
मुझे, मुझसा सुकून कहीं नहीं मिला.
हां, इन समझदारों की दुनियां में जहां रिश्ते सिर्फ 
मतलब से निभाये जातें हैं,
वहां मैं अकेले ही ठीक हूं बेमतलब से.
जिन्हें कोई वास्ता ही नहीं उनके साथ क्यूं रहूं मैं,
कम से कम झूठे सहारे से तो अच्छा है 
मैं खुद के साथ अपने तरीके से जियूं.
अब ऐसा नहीं है कि मुझे किसी से मिलना-जुलना,
बातें करना, दोस्ती-यारी रखना पसंद नहीं है,
पसंद सब है मुझे.
मगर उन जैसे formality करके नहीं जुड़ना चाहता मैं किसी से,
यही वजह है कि ओरों से ज्यादा 
खुद के साथ वक्त बिताता हूं.
कुछ बातें खुद से कहना, खुद की सुनना,
थोड़ा खुद को समझाना, 
थोड़ा खुद समझा लेना अच्छा लगता है 
मुझको.
फर्क नहीं पड़ता कौन क्या कहता है मेरे बारे में,
बस अपनी आवाज़ को सुन सकूं 
इसलिए दुनिया के शोर से दूर रहता हूं.
क्योंकि नहीं चाहता उस भीड़ का हिस्सा बनना,
जिस भीड़ में मैं ही खो जाऊं,
फिर चाहे कोई मुझे समझे या ना समझे,
इस बात की भी कोई उम्मीद नहीं रखता किसी से.
क्योंकि अब सारी बातें खुद से ही होती है,
और यही फायदा है अकेले रहने का
की मेरे जैसे इंसान दिखावे का नहीं 
हक़ीक़त की जिंदगी जीता है.
क्योंकि हमें खुद से बेहतर कोई नहीं समझ सकता.

©Rahul Ranjan

#Sad_Status अकेले रहना अच्छा लगता है

10 Love

#love_qoutes #Quotes  White प्यार का एहसास गर ना होता,
तो अब जो होता है कभी ना होता।

©Vandana Rana

प्यार का एहसास गर ना होता, तो अब जो होता है कभी ना होता।#love_qoutes

108 View

White घनघोर अंधेरा छाया है, फिर मन मेरा घबराया है, नभ मेघों से भर आया है, वो अब तक घर ना आया है... चपला चंचल है चमक रही, रह रह करके फिर गरज रही, बादल ने शोर मचाया है, वो घर अब तक ना आया है.... बारिश की भी बौछार चली, बूंदों की तेज कटार चली, आंधी ने चैन उड़ाया है, वो घर अब तक ना आया है... सब देख मेरा मन तड़प रहा , मिलने को उससे तरस रहा, तुफां ने कहर बरपाया है, वो घर अब तक ना आया है.... प्रकृति खुशियों में झूम रही, ठंडी ठंडी तब पवन चली, प्रियतम उसका भी आया है, वो घर अब तक ना आया है... हो गई तृप्त है जब धरती, नभ सतरंगी हो आया है, मिलने का मौसम आया है, वो घर अब तक ना आया है.... ©sony

#कविता #Thinking  White घनघोर अंधेरा छाया है,
फिर मन मेरा घबराया है,
नभ मेघों से भर आया है,
वो अब तक घर ना आया है...

चपला चंचल है चमक रही,
रह रह करके फिर गरज रही,
बादल ने शोर मचाया है,
वो घर अब तक ना आया है....

बारिश की भी बौछार चली,
बूंदों की तेज कटार चली,
आंधी ने चैन उड़ाया है,
वो घर अब तक ना आया है...

सब देख मेरा मन तड़प रहा ,
मिलने को उससे तरस रहा,
तुफां ने कहर बरपाया है,
वो घर अब तक ना आया है....

प्रकृति खुशियों में झूम रही,
ठंडी ठंडी तब पवन चली,
प्रियतम उसका भी आया है,
वो घर अब तक ना आया है...

हो गई तृप्त है जब धरती,
नभ सतरंगी हो आया है,
मिलने का मौसम आया है,
वो घर अब तक ना आया है....

©sony

वो अब तक घर ना आया #Thinking हिंदी कविता

26 Love

White राहें आसान होती गयी, मंजिले मिलतीं गयी , तेरे एक हाथ थामने से , मंजर ठहरते गये, महफिलें रौशन होती गयी, हमें पता ना था यू अकेले, लौटना होगा, अपनी लाश को कांधे पर तोकना होगा,,,, By Urmee ki Dairy ©Urmeela Raikwar (parihar)

#शायरी #sad_qoute  White राहें आसान होती गयी,  
मंजिले मिलतीं गयी ,
 तेरे एक हाथ  थामने से , 
मंजर ठहरते गये, 
महफिलें रौशन होती गयी,
हमें पता ना था यू अकेले,
लौटना होगा, 
अपनी लाश को कांधे पर तोकना होगा,,,,

By 
Urmee ki Dairy

©Urmeela Raikwar (parihar)

#sad_qoute यू अकेले लौटना होगा

16 Love

White अब अकेले ही खुश रहता हु.... कोई बात करता है तो कर लेता हु.. वरना ऐसे अकेले खुश रहता हूं.. हम किसी के लिए थोड़ा सा भी IMPORTANT नहीं हैं यार... 🥺 ©Ak.writer_2.0

#love_shayari #SAD  White अब अकेले ही खुश रहता हु....

कोई बात करता है तो कर लेता हु..
 वरना ऐसे अकेले खुश रहता हूं..
 हम किसी के लिए थोड़ा सा भी
 IMPORTANT नहीं हैं यार...
🥺

©Ak.writer_2.0

#love_shayari अब अकेले ही खुश रहता हु....

19 Love

White अकेले थे, अकेले है, अकेले ही रहेंगे, उसकी तलास में बता, कब तक रहेंगे, जो उसे नहीं है कदर मेरे प्यार की तो, बैठे हम उसके सहारे, कब तक रहेंगे। ,,, ,, , ©Shailendra Shainee Official

#शायरी #Sad_Status  White अकेले थे, अकेले है, अकेले ही रहेंगे,
उसकी तलास में बता, कब तक रहेंगे,
जो उसे नहीं है कदर मेरे प्यार की तो,
बैठे हम उसके सहारे, कब तक रहेंगे।
,,,
,,
,

©Shailendra Shainee Official

#Sad_Status अकेले

10 Love

White हां अकेले रहना पसंद है मुझे, पर लोग इस मेरी ego समझ लेते हैं, अब क्या कहूं इन्हें मैं अकेले तो कोई रहना नहीं चाहता, पर जमाने की रुख़ ही ऐसा है कि अकेले रहना खुद-ब-खुद आ जाता है, कहने को तो यहां हर कोई साथ हैं लेकिन जिंदगी के हर मोड़ पर हमें चलना अकेले ही है, ये बात भी इस दुनिया ने ही सिखाई है कि, आप सबके जरूरत पर खड़े रहते हो, मगर आपको जरूरत पड़ने पर सब मुंह फेर लेते हैं, इसलिए मैं अपनी जरूरत खुद बनना चाहता हूं लोगों का क्या है, वो तो छोड़ जाते हैं बीच रास्तों पर अकेले. क्योंकि, उन्हें सिर्फ हक जताना आता है, रिश्ता निभाना नहीं. और फिर जब हर बार खुद को अपने साथ अकेले ही पाना है, हर रास्ते पर खुद को मुझे अकेले ही चलना है, तो क्यों ना अकेले ही रहा जाए. वैसे भी सबके करीब जाकर देख लिया है, मुझे, मुझसा सुकून कहीं नहीं मिला. हां, इन समझदारों की दुनियां में जहां रिश्ते सिर्फ मतलब से निभाये जातें हैं, वहां मैं अकेले ही ठीक हूं बेमतलब से. जिन्हें कोई वास्ता ही नहीं उनके साथ क्यूं रहूं मैं, कम से कम झूठे सहारे से तो अच्छा है मैं खुद के साथ अपने तरीके से जियूं. अब ऐसा नहीं है कि मुझे किसी से मिलना-जुलना, बातें करना, दोस्ती-यारी रखना पसंद नहीं है, पसंद सब है मुझे. मगर उन जैसे formality करके नहीं जुड़ना चाहता मैं किसी से, यही वजह है कि ओरों से ज्यादा खुद के साथ वक्त बिताता हूं. कुछ बातें खुद से कहना, खुद की सुनना, थोड़ा खुद को समझाना, थोड़ा खुद समझा लेना अच्छा लगता है मुझको. फर्क नहीं पड़ता कौन क्या कहता है मेरे बारे में, बस अपनी आवाज़ को सुन सकूं इसलिए दुनिया के शोर से दूर रहता हूं. क्योंकि नहीं चाहता उस भीड़ का हिस्सा बनना, जिस भीड़ में मैं ही खो जाऊं, फिर चाहे कोई मुझे समझे या ना समझे, इस बात की भी कोई उम्मीद नहीं रखता किसी से. क्योंकि अब सारी बातें खुद से ही होती है, और यही फायदा है अकेले रहने का की मेरे जैसे इंसान दिखावे का नहीं हक़ीक़त की जिंदगी जीता है. क्योंकि हमें खुद से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. ©Rahul Ranjan

#कविता #Sad_Status  White हां अकेले रहना पसंद है मुझे,
पर लोग इस मेरी ego
समझ लेते हैं,
अब क्या कहूं इन्हें मैं 
अकेले तो कोई रहना नहीं चाहता,
पर जमाने की रुख़ ही ऐसा है कि
अकेले रहना खुद-ब-खुद आ जाता है,
कहने को तो यहां हर कोई साथ हैं 
लेकिन जिंदगी के हर मोड़ पर हमें चलना अकेले ही है,
ये बात भी इस दुनिया ने ही सिखाई है कि,
आप सबके जरूरत पर खड़े रहते हो,
मगर आपको जरूरत पड़ने पर सब मुंह फेर लेते हैं,
इसलिए मैं अपनी जरूरत खुद बनना चाहता हूं 
लोगों का क्या है,
वो तो छोड़ जाते हैं बीच रास्तों पर अकेले.
क्योंकि, उन्हें सिर्फ हक जताना आता है,
रिश्ता निभाना नहीं.
और फिर जब हर बार खुद को अपने साथ अकेले ही पाना है, हर रास्ते पर खुद को मुझे अकेले ही चलना है,
तो क्यों ना अकेले ही रहा जाए.
वैसे भी सबके करीब जाकर देख लिया है,
मुझे, मुझसा सुकून कहीं नहीं मिला.
हां, इन समझदारों की दुनियां में जहां रिश्ते सिर्फ 
मतलब से निभाये जातें हैं,
वहां मैं अकेले ही ठीक हूं बेमतलब से.
जिन्हें कोई वास्ता ही नहीं उनके साथ क्यूं रहूं मैं,
कम से कम झूठे सहारे से तो अच्छा है 
मैं खुद के साथ अपने तरीके से जियूं.
अब ऐसा नहीं है कि मुझे किसी से मिलना-जुलना,
बातें करना, दोस्ती-यारी रखना पसंद नहीं है,
पसंद सब है मुझे.
मगर उन जैसे formality करके नहीं जुड़ना चाहता मैं किसी से,
यही वजह है कि ओरों से ज्यादा 
खुद के साथ वक्त बिताता हूं.
कुछ बातें खुद से कहना, खुद की सुनना,
थोड़ा खुद को समझाना, 
थोड़ा खुद समझा लेना अच्छा लगता है 
मुझको.
फर्क नहीं पड़ता कौन क्या कहता है मेरे बारे में,
बस अपनी आवाज़ को सुन सकूं 
इसलिए दुनिया के शोर से दूर रहता हूं.
क्योंकि नहीं चाहता उस भीड़ का हिस्सा बनना,
जिस भीड़ में मैं ही खो जाऊं,
फिर चाहे कोई मुझे समझे या ना समझे,
इस बात की भी कोई उम्मीद नहीं रखता किसी से.
क्योंकि अब सारी बातें खुद से ही होती है,
और यही फायदा है अकेले रहने का
की मेरे जैसे इंसान दिखावे का नहीं 
हक़ीक़त की जिंदगी जीता है.
क्योंकि हमें खुद से बेहतर कोई नहीं समझ सकता.

©Rahul Ranjan

#Sad_Status अकेले रहना अच्छा लगता है

10 Love

#love_qoutes #Quotes  White प्यार का एहसास गर ना होता,
तो अब जो होता है कभी ना होता।

©Vandana Rana

प्यार का एहसास गर ना होता, तो अब जो होता है कभी ना होता।#love_qoutes

108 View

White घनघोर अंधेरा छाया है, फिर मन मेरा घबराया है, नभ मेघों से भर आया है, वो अब तक घर ना आया है... चपला चंचल है चमक रही, रह रह करके फिर गरज रही, बादल ने शोर मचाया है, वो घर अब तक ना आया है.... बारिश की भी बौछार चली, बूंदों की तेज कटार चली, आंधी ने चैन उड़ाया है, वो घर अब तक ना आया है... सब देख मेरा मन तड़प रहा , मिलने को उससे तरस रहा, तुफां ने कहर बरपाया है, वो घर अब तक ना आया है.... प्रकृति खुशियों में झूम रही, ठंडी ठंडी तब पवन चली, प्रियतम उसका भी आया है, वो घर अब तक ना आया है... हो गई तृप्त है जब धरती, नभ सतरंगी हो आया है, मिलने का मौसम आया है, वो घर अब तक ना आया है.... ©sony

#कविता #Thinking  White घनघोर अंधेरा छाया है,
फिर मन मेरा घबराया है,
नभ मेघों से भर आया है,
वो अब तक घर ना आया है...

चपला चंचल है चमक रही,
रह रह करके फिर गरज रही,
बादल ने शोर मचाया है,
वो घर अब तक ना आया है....

बारिश की भी बौछार चली,
बूंदों की तेज कटार चली,
आंधी ने चैन उड़ाया है,
वो घर अब तक ना आया है...

सब देख मेरा मन तड़प रहा ,
मिलने को उससे तरस रहा,
तुफां ने कहर बरपाया है,
वो घर अब तक ना आया है....

प्रकृति खुशियों में झूम रही,
ठंडी ठंडी तब पवन चली,
प्रियतम उसका भी आया है,
वो घर अब तक ना आया है...

हो गई तृप्त है जब धरती,
नभ सतरंगी हो आया है,
मिलने का मौसम आया है,
वो घर अब तक ना आया है....

©sony

वो अब तक घर ना आया #Thinking हिंदी कविता

26 Love

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