tags

New अभिलाषा Status, Photo, Video

Find the latest Status about अभिलाषा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about अभिलाषा.

  • Latest
  • Popular
  • Video

White मुसीबत में जो साथ खड़ा l वो ही रिश्ता सबसे बड़ा ll जब मुझे पड़ा उससे काम, उसको कोई काम आन पड़ा l कर रहे है शहर में मजदूरी, जबकि गांव में खेत पड़ा l जब मिली नेताओं की सरपरस्ती, स्कूल भी धंधा करने निकल पड़ा l उन्हीं दोनों के हाथों मारा गया, जिनका सुलझाने आया था झगड़ा l इक मकाम के बाद, किसी के, आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ा l शराब तम्बाकू बेचने वाले नही है, असली हीरो वो, जो सरहद पे खड़ा l जमा करते है स्विस बैंक में, अब नही भरता पाप का घड़ा ll ---------------------- August 2024 ©Dimple Kumar

#डायरी_के_पन्ने #अधूरी_तमन्ना #कुछ_तुम_कहो #कुछ_हम_कहें #पाप_का_घड़ा #कुछ_लफ्ज़  White मुसीबत में जो साथ खड़ा l
वो  ही रिश्ता  सबसे बड़ा ll

जब  मुझे  पड़ा  उससे  काम, 
उसको कोई काम आन पड़ा l

कर रहे है शहर में मजदूरी,
जबकि गांव में खेत पड़ा l

जब मिली नेताओं की सरपरस्ती,
स्कूल भी धंधा करने निकल पड़ा l

उन्हीं दोनों के हाथों मारा गया,
जिनका सुलझाने आया था झगड़ा l

इक  मकाम  के  बाद,  किसी के,
आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ा l

शराब तम्बाकू बेचने वाले नही है,
असली हीरो वो, जो सरहद पे खड़ा l

जमा  करते  है  स्विस  बैंक  में,
अब नही भरता पाप का घड़ा ll
----------------------
August 2024

©Dimple Kumar

जग का पेट भरने की खातिर, बीज को चाहिए पानी मिट्टी l ©Dimple Kumar

#डायरी_के_पन्ने #अधूरी_तमन्ना #कुछ_तुम_कहो #कुछ_हम_कहें #कुछ_लफ्ज़ #कोई_आप_सा  जग का पेट भरने की खातिर,
बीज को चाहिए पानी मिट्टी l

©Dimple Kumar
#Quotes  White जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने
सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा
यही विचारकर
प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने‌
दिन गुजरे सप्ताह गुजरे 
न विश्वास की सिंचाई
न गलतियों की निराई
न जुबानी जहर को पौधों से छुटाया था उसने
फिर सहसा एक दिन खींच ले गयीं 
अभिलाषाएं उसे फसल की ओर
चींखने लगा जोर जोर से
निखोलने लगा सुषुप्त पड़ चुके प्रेम बीज को
मढ़ने लगा आरोप उसके प्रेमत्व पर
क्योंकि आज, वर्तमान पर मुरझा सा 
नीरस पुष्प ही पाया था उसने
काश! झांक पाता सहस्त्रों 
बार किये उन वादों की ओर 
जिन्हें हर गलती के बाद दोहराया था उसने

©Nitu Singh जज़्बातदिलके

जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने‌ दिन गुजरे स

81 View

#कविता  White कलयुग के हर राम को भी.सतयुगकी सीता जैसी वधु की अभिलाषा हैँ 

लेकिन आज के राम ने अपने भीतर छुपे हुए दशानन का विधवस 
अभी तक किया नही हैँ

©Parasram Arora

अभिलाषा

135 View

White मुसीबत में जो साथ खड़ा l वो ही रिश्ता सबसे बड़ा ll जब मुझे पड़ा उससे काम, उसको कोई काम आन पड़ा l कर रहे है शहर में मजदूरी, जबकि गांव में खेत पड़ा l जब मिली नेताओं की सरपरस्ती, स्कूल भी धंधा करने निकल पड़ा l उन्हीं दोनों के हाथों मारा गया, जिनका सुलझाने आया था झगड़ा l इक मकाम के बाद, किसी के, आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ा l शराब तम्बाकू बेचने वाले नही है, असली हीरो वो, जो सरहद पे खड़ा l जमा करते है स्विस बैंक में, अब नही भरता पाप का घड़ा ll ---------------------- August 2024 ©Dimple Kumar

#डायरी_के_पन्ने #अधूरी_तमन्ना #कुछ_तुम_कहो #कुछ_हम_कहें #पाप_का_घड़ा #कुछ_लफ्ज़  White मुसीबत में जो साथ खड़ा l
वो  ही रिश्ता  सबसे बड़ा ll

जब  मुझे  पड़ा  उससे  काम, 
उसको कोई काम आन पड़ा l

कर रहे है शहर में मजदूरी,
जबकि गांव में खेत पड़ा l

जब मिली नेताओं की सरपरस्ती,
स्कूल भी धंधा करने निकल पड़ा l

उन्हीं दोनों के हाथों मारा गया,
जिनका सुलझाने आया था झगड़ा l

इक  मकाम  के  बाद,  किसी के,
आने जाने से कोई फर्क नहीं पड़ा l

शराब तम्बाकू बेचने वाले नही है,
असली हीरो वो, जो सरहद पे खड़ा l

जमा  करते  है  स्विस  बैंक  में,
अब नही भरता पाप का घड़ा ll
----------------------
August 2024

©Dimple Kumar

जग का पेट भरने की खातिर, बीज को चाहिए पानी मिट्टी l ©Dimple Kumar

#डायरी_के_पन्ने #अधूरी_तमन्ना #कुछ_तुम_कहो #कुछ_हम_कहें #कुछ_लफ्ज़ #कोई_आप_सा  जग का पेट भरने की खातिर,
बीज को चाहिए पानी मिट्टी l

©Dimple Kumar
#Quotes  White जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने
सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा
यही विचारकर
प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने‌
दिन गुजरे सप्ताह गुजरे 
न विश्वास की सिंचाई
न गलतियों की निराई
न जुबानी जहर को पौधों से छुटाया था उसने
फिर सहसा एक दिन खींच ले गयीं 
अभिलाषाएं उसे फसल की ओर
चींखने लगा जोर जोर से
निखोलने लगा सुषुप्त पड़ चुके प्रेम बीज को
मढ़ने लगा आरोप उसके प्रेमत्व पर
क्योंकि आज, वर्तमान पर मुरझा सा 
नीरस पुष्प ही पाया था उसने
काश! झांक पाता सहस्त्रों 
बार किये उन वादों की ओर 
जिन्हें हर गलती के बाद दोहराया था उसने

©Nitu Singh जज़्बातदिलके

जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने‌ दिन गुजरे स

81 View

#कविता  White कलयुग के हर राम को भी.सतयुगकी सीता जैसी वधु की अभिलाषा हैँ 

लेकिन आज के राम ने अपने भीतर छुपे हुए दशानन का विधवस 
अभी तक किया नही हैँ

©Parasram Arora

अभिलाषा

135 View

Trending Topic