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#Bhakti

Om

135 View

#विचार  White radhe radhe 
jai jai siyaram 🙏🙏

©Tripurari Pandey

om

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ऐसे है गिरधर गोपाल....२ उदयाँचल मस्तक भुज विशाल चंचल नेत्र अरु अधर लाल कंठे माला वैजयंतन की विपदाएं हरे सब संतन की जैसे नदियों का जलप्रपात पड़ता है शीला पर कर अघात वैसे ही कुटिल दुर्जनों को कर्मोचित फल देते गोपाल ऐसे है गिरधर गोपाल....२ पालनहार वो सृष्टि के जन जन को पालना जानते है सूखे वृक्षों की शाखा पर सोते जीव संभालना जानते है वो जानते है सबके मन की अच्छा बुरा पहचानते है पहचान छीपाए जो फिरते कपटी कामी नर है फिरते सबका उद्धार करेंगे वो जन कारण चक्र धरेंगे वो पाप मुक्त कर इस धरती को करते है भक्तो को खुशहाल ऐसे है गिरधर गोपाल....२ ©kunal shrotriy

#कृष्णजन्माष्टमी #कविता  ऐसे है गिरधर गोपाल....२
उदयाँचल मस्तक भुज विशाल
चंचल नेत्र अरु अधर लाल
कंठे माला वैजयंतन की
विपदाएं हरे सब संतन की
जैसे नदियों का जलप्रपात
पड़ता है शीला पर कर अघात
वैसे ही कुटिल दुर्जनों को
कर्मोचित फल देते गोपाल
ऐसे है गिरधर गोपाल....२
पालनहार वो सृष्टि के
जन जन को पालना जानते है
सूखे वृक्षों की शाखा पर
सोते जीव संभालना जानते है
वो जानते है सबके मन की
अच्छा बुरा पहचानते है
पहचान छीपाए जो फिरते
कपटी कामी नर है फिरते
सबका उद्धार करेंगे वो
जन कारण चक्र धरेंगे वो
पाप मुक्त कर इस धरती को
करते है भक्तो को खुशहाल
ऐसे है गिरधर गोपाल....२

©kunal shrotriy
#Videos

vyas sankalp

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#Bhakti

Om

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jai jai siyaram 🙏🙏

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ऐसे है गिरधर गोपाल....२ उदयाँचल मस्तक भुज विशाल चंचल नेत्र अरु अधर लाल कंठे माला वैजयंतन की विपदाएं हरे सब संतन की जैसे नदियों का जलप्रपात पड़ता है शीला पर कर अघात वैसे ही कुटिल दुर्जनों को कर्मोचित फल देते गोपाल ऐसे है गिरधर गोपाल....२ पालनहार वो सृष्टि के जन जन को पालना जानते है सूखे वृक्षों की शाखा पर सोते जीव संभालना जानते है वो जानते है सबके मन की अच्छा बुरा पहचानते है पहचान छीपाए जो फिरते कपटी कामी नर है फिरते सबका उद्धार करेंगे वो जन कारण चक्र धरेंगे वो पाप मुक्त कर इस धरती को करते है भक्तो को खुशहाल ऐसे है गिरधर गोपाल....२ ©kunal shrotriy

#कृष्णजन्माष्टमी #कविता  ऐसे है गिरधर गोपाल....२
उदयाँचल मस्तक भुज विशाल
चंचल नेत्र अरु अधर लाल
कंठे माला वैजयंतन की
विपदाएं हरे सब संतन की
जैसे नदियों का जलप्रपात
पड़ता है शीला पर कर अघात
वैसे ही कुटिल दुर्जनों को
कर्मोचित फल देते गोपाल
ऐसे है गिरधर गोपाल....२
पालनहार वो सृष्टि के
जन जन को पालना जानते है
सूखे वृक्षों की शाखा पर
सोते जीव संभालना जानते है
वो जानते है सबके मन की
अच्छा बुरा पहचानते है
पहचान छीपाए जो फिरते
कपटी कामी नर है फिरते
सबका उद्धार करेंगे वो
जन कारण चक्र धरेंगे वो
पाप मुक्त कर इस धरती को
करते है भक्तो को खुशहाल
ऐसे है गिरधर गोपाल....२

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