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मेरी माता जी श्रीमती शशि वर्मा जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं...🌺 जय श्री राम ©Divyanjli Verma

#विचार  मेरी माता जी श्रीमती शशि वर्मा जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं...🌺

जय श्री राम

©Divyanjli Verma

मेरी माता जी श्रीमती शशि वर्मा जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं...🌺 जय श्री राम

13 Love

विशिष्टता के लिए.. विभिन्न आयामों खुद के अंदर होनी चाहिए.. ( मेरे गुरु जी में है) इसी पंक्ति के साथ..सर जन्मदिन की हार्दिक बधाई 🥳🤗🙏 ©Dev Rishi

#जन्मदिन #विचार  विशिष्टता के लिए..  विभिन्न आयामों खुद के अंदर होनी चाहिए.. 
( मेरे गुरु जी में है) इसी पंक्ति के साथ..सर जन्मदिन की हार्दिक बधाई 🥳🤗🙏

©Dev Rishi

ऐसा पहली बार हुआ हैं 16-17 सालो मे लव कुश हर्ष हर्षित भोलू छोटू क्षितिज अक्षांश अलग अलग एक पटना दूसरा गोड्डा मे ©ranjit Kumar rathour

#कविता  ऐसा पहली बार हुआ हैं 
16-17 सालो मे 
लव कुश 
हर्ष हर्षित 
भोलू छोटू 
क्षितिज अक्षांश 
अलग अलग 
एक पटना 
दूसरा गोड्डा 
मे

©ranjit Kumar rathour

जुदा जुदा जन्मदिन

13 Love

White मिले.. शब्दों के अंदर से.... हाथों का स्पर्श, अपनत्व सा था.. रखें आशीर्वाद के उन शब्द में...... मातृत्व के... आंचल सा था....!! मेरे...एहसास की गंगा प्रफुल्लित सी हो गयी है मन के आंगन में आज.. झमाझम बारिश भी हो गयी है जलज के उपर पर दीप जलें है... झंझावातों के आगे.... क्यों कि....  हर्षुल सा वक्ष है उन का... सहारे की लाढी बने...भाई अल्पज्ञ खड़े.......!! तो, बताओं... चेहरों की...  लालिमा पर.. संचित आशंका... आखिर क्यों भरे...? अरे, हक है कि लड़कपन ले आऊं उन में..., हक़ है कि, वसंत.. सावन... की गीत सुनीं उन से...!! समाहित मेरे शब्दों में अधुरापन भी है एक... याद आने की स्मृति..... नहीं है कोई  एक ... बंद लिफाफे में... उन्हें भी कुछ कहना होगा... शिकायत शब्द रहेंगी, बस इतना ही कहना होगा...!! और  मैं कुछ नहीं.. , आवाज और शब्दों का भूखा हूं बधाई हो राधे मां जन्मदिन की, बस यही मैं कहता हूं..!! ©Dev Rishi

#जन्मदिन #राधेमां #कविता  White मिले.. शब्दों के अंदर से....
हाथों का स्पर्श, अपनत्व सा था..
रखें आशीर्वाद के उन शब्द में......
मातृत्व के... आंचल सा था....!!

मेरे...एहसास की गंगा प्रफुल्लित सी हो गयी है 
मन के आंगन में आज.. झमाझम बारिश भी हो गयी है 
जलज के उपर पर दीप जलें है... झंझावातों के आगे....
क्यों कि....  हर्षुल सा वक्ष है उन का...
सहारे की लाढी बने...भाई अल्पज्ञ खड़े.......!!

तो, बताओं... चेहरों की...  लालिमा पर..
संचित आशंका... आखिर क्यों भरे...? 
अरे, हक है कि लड़कपन ले आऊं उन में...,
हक़ है कि, वसंत.. सावन... की गीत सुनीं उन से...!!

समाहित मेरे शब्दों में अधुरापन भी है एक...
याद आने की स्मृति..... नहीं है कोई  एक ...
बंद लिफाफे में... उन्हें भी कुछ कहना होगा...
शिकायत शब्द रहेंगी, बस इतना ही कहना होगा...!!

और  मैं कुछ नहीं.. , आवाज और शब्दों का भूखा हूं 
बधाई हो राधे मां जन्मदिन की, बस यही मैं कहता हूं..!!

©Dev Rishi
#Paris_Olympics_2024 #कविता #sandeeplguru #Comment #viral #Like  White पेरिस की भूमि पर बढ़ाया कदम, 
सपनों की उड़ान भरी संग दम। 
संघर्ष की राहों पर चलकर, 
जीत का दीपक जलाया हरदम।
सपनों की आंखों में चमक दिखी, 
मेहनत की बूँदों से कहानी लिखी। 
हर कदम पर तुमने दिखाई ताकत, 
साहस की राह पर न छोड़ी आदत।
पसीने की बूंदें बनीं तुम्हारी पहचान, 
जीवन के हर पल को बना दिया महान। 
ओलंपिक की धारा में बहा दिए सपने, 
तुम्हारी कहानी अब हर दिल में बसने।
उड़ान भरते रहो ऐसे ही अनंत, 
तुम्हारी जीत का दीप जले अनवरत।

©Sandeep Lucky Singh

पेरिस ओलंपिक में आपकी अद्भुत उपलब्धि पर बधाई! प्रेरणादायी कविता हिंदी #Paris_Olympics_2024 #viral #Nojoto #Comment #Like #sandeeplguru

567 View

हरी-भरी ये धरती प्यारी, फूलों से सजी बगिया न्यारी। नीला अम्बर, सूरज की किरण, पंछियों की मीठी छवि न्यारी।नदी की बहती निर्मल धारा, पर्वत की ऊँची चोटी प्यारा। सांझ का सुंदर सजीव दृश्य, चाँदनी रात की शीतल छाया।वृक्षों की छाया, हवा की सरगम, बारिश की बूँदें, झरनों का संगम। प्रकृति का हर एक रूप निराला, इसमें बसी है सृष्टि की माया।धरती माँ का ये अनुपम उपहार, हम सबको इसे सहेजना है प्यार। प्रकृति के रंग में रंग जाना, इसका सौंदर्य हमें बचाना। ©Gobind Kumar

#कविता  हरी-भरी ये धरती प्यारी, फूलों से सजी बगिया न्यारी। नीला अम्बर, सूरज की किरण, पंछियों की मीठी छवि न्यारी।नदी की बहती निर्मल धारा, पर्वत की ऊँची चोटी प्यारा। सांझ का सुंदर सजीव दृश्य, चाँदनी रात की शीतल छाया।वृक्षों की छाया, हवा की सरगम, बारिश की बूँदें, झरनों का संगम। प्रकृति का हर एक रूप निराला, इसमें बसी है सृष्टि की माया।धरती माँ का ये अनुपम उपहार, हम सबको इसे सहेजना है प्यार। प्रकृति के रंग में रंग जाना, इसका सौंदर्य हमें बचाना।

©Gobind Kumar

हिंदी कविता... हिंदी कविता

7 Love

मेरी माता जी श्रीमती शशि वर्मा जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं...🌺 जय श्री राम ©Divyanjli Verma

#विचार  मेरी माता जी श्रीमती शशि वर्मा जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं...🌺

जय श्री राम

©Divyanjli Verma

मेरी माता जी श्रीमती शशि वर्मा जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं...🌺 जय श्री राम

13 Love

विशिष्टता के लिए.. विभिन्न आयामों खुद के अंदर होनी चाहिए.. ( मेरे गुरु जी में है) इसी पंक्ति के साथ..सर जन्मदिन की हार्दिक बधाई 🥳🤗🙏 ©Dev Rishi

#जन्मदिन #विचार  विशिष्टता के लिए..  विभिन्न आयामों खुद के अंदर होनी चाहिए.. 
( मेरे गुरु जी में है) इसी पंक्ति के साथ..सर जन्मदिन की हार्दिक बधाई 🥳🤗🙏

©Dev Rishi

ऐसा पहली बार हुआ हैं 16-17 सालो मे लव कुश हर्ष हर्षित भोलू छोटू क्षितिज अक्षांश अलग अलग एक पटना दूसरा गोड्डा मे ©ranjit Kumar rathour

#कविता  ऐसा पहली बार हुआ हैं 
16-17 सालो मे 
लव कुश 
हर्ष हर्षित 
भोलू छोटू 
क्षितिज अक्षांश 
अलग अलग 
एक पटना 
दूसरा गोड्डा 
मे

©ranjit Kumar rathour

जुदा जुदा जन्मदिन

13 Love

White मिले.. शब्दों के अंदर से.... हाथों का स्पर्श, अपनत्व सा था.. रखें आशीर्वाद के उन शब्द में...... मातृत्व के... आंचल सा था....!! मेरे...एहसास की गंगा प्रफुल्लित सी हो गयी है मन के आंगन में आज.. झमाझम बारिश भी हो गयी है जलज के उपर पर दीप जलें है... झंझावातों के आगे.... क्यों कि....  हर्षुल सा वक्ष है उन का... सहारे की लाढी बने...भाई अल्पज्ञ खड़े.......!! तो, बताओं... चेहरों की...  लालिमा पर.. संचित आशंका... आखिर क्यों भरे...? अरे, हक है कि लड़कपन ले आऊं उन में..., हक़ है कि, वसंत.. सावन... की गीत सुनीं उन से...!! समाहित मेरे शब्दों में अधुरापन भी है एक... याद आने की स्मृति..... नहीं है कोई  एक ... बंद लिफाफे में... उन्हें भी कुछ कहना होगा... शिकायत शब्द रहेंगी, बस इतना ही कहना होगा...!! और  मैं कुछ नहीं.. , आवाज और शब्दों का भूखा हूं बधाई हो राधे मां जन्मदिन की, बस यही मैं कहता हूं..!! ©Dev Rishi

#जन्मदिन #राधेमां #कविता  White मिले.. शब्दों के अंदर से....
हाथों का स्पर्श, अपनत्व सा था..
रखें आशीर्वाद के उन शब्द में......
मातृत्व के... आंचल सा था....!!

मेरे...एहसास की गंगा प्रफुल्लित सी हो गयी है 
मन के आंगन में आज.. झमाझम बारिश भी हो गयी है 
जलज के उपर पर दीप जलें है... झंझावातों के आगे....
क्यों कि....  हर्षुल सा वक्ष है उन का...
सहारे की लाढी बने...भाई अल्पज्ञ खड़े.......!!

तो, बताओं... चेहरों की...  लालिमा पर..
संचित आशंका... आखिर क्यों भरे...? 
अरे, हक है कि लड़कपन ले आऊं उन में...,
हक़ है कि, वसंत.. सावन... की गीत सुनीं उन से...!!

समाहित मेरे शब्दों में अधुरापन भी है एक...
याद आने की स्मृति..... नहीं है कोई  एक ...
बंद लिफाफे में... उन्हें भी कुछ कहना होगा...
शिकायत शब्द रहेंगी, बस इतना ही कहना होगा...!!

और  मैं कुछ नहीं.. , आवाज और शब्दों का भूखा हूं 
बधाई हो राधे मां जन्मदिन की, बस यही मैं कहता हूं..!!

©Dev Rishi
#Paris_Olympics_2024 #कविता #sandeeplguru #Comment #viral #Like  White पेरिस की भूमि पर बढ़ाया कदम, 
सपनों की उड़ान भरी संग दम। 
संघर्ष की राहों पर चलकर, 
जीत का दीपक जलाया हरदम।
सपनों की आंखों में चमक दिखी, 
मेहनत की बूँदों से कहानी लिखी। 
हर कदम पर तुमने दिखाई ताकत, 
साहस की राह पर न छोड़ी आदत।
पसीने की बूंदें बनीं तुम्हारी पहचान, 
जीवन के हर पल को बना दिया महान। 
ओलंपिक की धारा में बहा दिए सपने, 
तुम्हारी कहानी अब हर दिल में बसने।
उड़ान भरते रहो ऐसे ही अनंत, 
तुम्हारी जीत का दीप जले अनवरत।

©Sandeep Lucky Singh

पेरिस ओलंपिक में आपकी अद्भुत उपलब्धि पर बधाई! प्रेरणादायी कविता हिंदी #Paris_Olympics_2024 #viral #Nojoto #Comment #Like #sandeeplguru

567 View

हरी-भरी ये धरती प्यारी, फूलों से सजी बगिया न्यारी। नीला अम्बर, सूरज की किरण, पंछियों की मीठी छवि न्यारी।नदी की बहती निर्मल धारा, पर्वत की ऊँची चोटी प्यारा। सांझ का सुंदर सजीव दृश्य, चाँदनी रात की शीतल छाया।वृक्षों की छाया, हवा की सरगम, बारिश की बूँदें, झरनों का संगम। प्रकृति का हर एक रूप निराला, इसमें बसी है सृष्टि की माया।धरती माँ का ये अनुपम उपहार, हम सबको इसे सहेजना है प्यार। प्रकृति के रंग में रंग जाना, इसका सौंदर्य हमें बचाना। ©Gobind Kumar

#कविता  हरी-भरी ये धरती प्यारी, फूलों से सजी बगिया न्यारी। नीला अम्बर, सूरज की किरण, पंछियों की मीठी छवि न्यारी।नदी की बहती निर्मल धारा, पर्वत की ऊँची चोटी प्यारा। सांझ का सुंदर सजीव दृश्य, चाँदनी रात की शीतल छाया।वृक्षों की छाया, हवा की सरगम, बारिश की बूँदें, झरनों का संगम। प्रकृति का हर एक रूप निराला, इसमें बसी है सृष्टि की माया।धरती माँ का ये अनुपम उपहार, हम सबको इसे सहेजना है प्यार। प्रकृति के रंग में रंग जाना, इसका सौंदर्य हमें बचाना।

©Gobind Kumar

हिंदी कविता... हिंदी कविता

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