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#SAD

Sabar संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु Rakhie.. "दिल की आवाज़" @Anshu writer

99 View

#Life_experience #bachapan

#bachapan #Life_experience @* shree ...* @Sethi Ji @MRS SHARMA संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

126 View

#HeartfeltMessage

#HeartfeltMessage Mohammed. samshad @pramodini Mohapatra @Arshad Siddiqui @angel rai संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

216 View

White **समंदर और तन्हाई** समंदर की लहरों में उलझे मेरे जज़्बात, जैसे दिल में हो दर्द, पर कोई नहीं साथ। हर लहर आती है, छू कर चली जाती है, ठीक वैसे ही जैसे तेरी यादों में डूब जाता हूँ। किनारे पे बैठा, अकेला सा मैं, तेरी तलाश में जैसे खो गया हूँ कहीं। समंदर की गहराई, मेरे दिल सी लगती है, जो ऊपर से शांत, अंदर से बेचैन रहती है। तू दूर है, पर तेरी आवाज़ लहरों में सुनाई देती है, तेरी यादें, हर बूँद में बसी मिलती हैं। चांदनी रात में समंदर भी उदास लगता है, शायद उसे भी मेरी तरह तेरा इंतज़ार रहता है। इस तन्हा समंदर में दिल बहलाता हूँ, तेरी यादों के संग आंसू छुपाता हूँ। बस एक तू नहीं, बाकि सब कुछ है यहाँ, फिर भी इस समंदर में खोया-खोया सा हूँ। ©AARPANN JAIIN

#lifeexperience #positive #shyari  White  **समंदर और तन्हाई**  

समंदर की लहरों में उलझे मेरे जज़्बात,  
जैसे दिल में हो दर्द, पर कोई नहीं साथ।  
हर लहर आती है, छू कर चली जाती है,  
ठीक वैसे ही जैसे तेरी यादों में डूब जाता हूँ।  

किनारे पे बैठा, अकेला सा मैं,  
तेरी तलाश में जैसे खो गया हूँ कहीं।  
समंदर की गहराई, मेरे दिल सी लगती है,  
जो ऊपर से शांत, अंदर से बेचैन रहती है।  

तू दूर है, पर तेरी आवाज़ लहरों में सुनाई देती है,  
तेरी यादें, हर बूँद में बसी मिलती हैं।  
चांदनी रात में समंदर भी उदास लगता है,  
शायद उसे भी मेरी तरह तेरा इंतज़ार रहता है।  

इस तन्हा समंदर में दिल बहलाता हूँ,  
तेरी यादों के संग आंसू छुपाता हूँ।  
बस एक तू नहीं, बाकि सब कुछ है यहाँ,  
फिर भी इस समंदर में खोया-खोया सा हूँ।

©AARPANN JAIIN

#positive #Life #lifeexperience #shyari * shree राधा...* @LiteraryLion @Sethi Ji अदनासा- संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

25 Love

"A Glimpse of Bliss" Suddenly, I saw you, and time stood still My eyes locked on yours, my heart's thrill Like a dream that I've longed to see You materialized, and my soul was free With eyes closed, I've envisioned your face But reality surpassed that sacred space Your smile, a radiant work of art Captivated me, and my heart took part In that instant, the world faded away Leaving only you, in a warm, golden ray I laughed, and my soul felt alive Drinking in the beauty that you thrive That glimpse of you became my bliss A memory etched, forever to kiss Your presence, a gift from above A treasure I cherish, a labor of love ©Author kunal

#Moment #poem  "A Glimpse of Bliss"


Suddenly, I saw you, and time stood still
My eyes locked on yours, my heart's thrill


Like a dream that I've longed to see
You materialized, and my soul was free


With eyes closed, I've envisioned your face
But reality surpassed that sacred space


Your smile, a radiant work of art
Captivated me, and my heart took part


In that instant, the world faded away
Leaving only you, in a warm, golden ray


I laughed, and my soul felt alive
Drinking in the beauty that you thrive


That glimpse of you became my bliss
A memory etched, forever to kiss


Your presence, a gift from above
A treasure I cherish, a labor of love

©Author kunal

#Moment #poem अदनासा- संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु @puja udeshi @Meenakshi Sharma @Aj stories

22 Love

दसलक्षण पर्व का दूसरा दिन है उत्तम मार्दव दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन को उत्तम मार्दव के रूप में मनाया जाता है। यह व्यक्ति के अभिमान को दूर करके उसे व्यवहार में मृदुता लाने के लिए प्रेरित करता है। कई बार व्यक्ति धन, दौलत व पद पाकर अहंकारी और अभिमानी बन जाता है। वह खुद को सर्वोपरि व दूसरों को छोटा समझता है। लेकिन वास्तव में यह सभी चीजें नश्वर हैं और एक दिन आप इन चीजों से दूर हो जाएंगे। ऐसे में इन नश्वर चीजों के पीछे भागने या फिर उनका अहंकार करने के स्थान पर हर किसी से विनम्र भाव से पेश आएं और सब जीवों के प्रति मैत्री भाव रखें। ©AARPANN JAIIN

#Life_experience #jainfestival #jainism  दसलक्षण पर्व का दूसरा दिन है उत्तम मार्दव


दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन को उत्तम मार्दव के रूप में मनाया जाता है। यह व्यक्ति के अभिमान को दूर करके उसे व्यवहार में मृदुता लाने के लिए प्रेरित करता है। कई बार व्यक्ति धन, दौलत व पद पाकर अहंकारी और अभिमानी बन जाता है। वह खुद को सर्वोपरि व दूसरों को छोटा समझता है। लेकिन वास्तव में यह सभी चीजें नश्वर हैं और एक दिन आप इन चीजों से दूर हो जाएंगे। ऐसे में इन नश्वर चीजों के पीछे भागने या फिर उनका अहंकार करने के स्थान पर हर किसी से विनम्र भाव से पेश आएं और सब जीवों के प्रति मैत्री भाव रखें।

©AARPANN JAIIN

#jainism #jainfestival #Life_experience @nayan संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु @Sethi Ji @LiteraryLion @Pooja verma

26 Love

#SAD

Sabar संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु Rakhie.. "दिल की आवाज़" @Anshu writer

99 View

#Life_experience #bachapan

#bachapan #Life_experience @* shree ...* @Sethi Ji @MRS SHARMA संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

126 View

#HeartfeltMessage

#HeartfeltMessage Mohammed. samshad @pramodini Mohapatra @Arshad Siddiqui @angel rai संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

216 View

White **समंदर और तन्हाई** समंदर की लहरों में उलझे मेरे जज़्बात, जैसे दिल में हो दर्द, पर कोई नहीं साथ। हर लहर आती है, छू कर चली जाती है, ठीक वैसे ही जैसे तेरी यादों में डूब जाता हूँ। किनारे पे बैठा, अकेला सा मैं, तेरी तलाश में जैसे खो गया हूँ कहीं। समंदर की गहराई, मेरे दिल सी लगती है, जो ऊपर से शांत, अंदर से बेचैन रहती है। तू दूर है, पर तेरी आवाज़ लहरों में सुनाई देती है, तेरी यादें, हर बूँद में बसी मिलती हैं। चांदनी रात में समंदर भी उदास लगता है, शायद उसे भी मेरी तरह तेरा इंतज़ार रहता है। इस तन्हा समंदर में दिल बहलाता हूँ, तेरी यादों के संग आंसू छुपाता हूँ। बस एक तू नहीं, बाकि सब कुछ है यहाँ, फिर भी इस समंदर में खोया-खोया सा हूँ। ©AARPANN JAIIN

#lifeexperience #positive #shyari  White  **समंदर और तन्हाई**  

समंदर की लहरों में उलझे मेरे जज़्बात,  
जैसे दिल में हो दर्द, पर कोई नहीं साथ।  
हर लहर आती है, छू कर चली जाती है,  
ठीक वैसे ही जैसे तेरी यादों में डूब जाता हूँ।  

किनारे पे बैठा, अकेला सा मैं,  
तेरी तलाश में जैसे खो गया हूँ कहीं।  
समंदर की गहराई, मेरे दिल सी लगती है,  
जो ऊपर से शांत, अंदर से बेचैन रहती है।  

तू दूर है, पर तेरी आवाज़ लहरों में सुनाई देती है,  
तेरी यादें, हर बूँद में बसी मिलती हैं।  
चांदनी रात में समंदर भी उदास लगता है,  
शायद उसे भी मेरी तरह तेरा इंतज़ार रहता है।  

इस तन्हा समंदर में दिल बहलाता हूँ,  
तेरी यादों के संग आंसू छुपाता हूँ।  
बस एक तू नहीं, बाकि सब कुछ है यहाँ,  
फिर भी इस समंदर में खोया-खोया सा हूँ।

©AARPANN JAIIN

#positive #Life #lifeexperience #shyari * shree राधा...* @LiteraryLion @Sethi Ji अदनासा- संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

25 Love

"A Glimpse of Bliss" Suddenly, I saw you, and time stood still My eyes locked on yours, my heart's thrill Like a dream that I've longed to see You materialized, and my soul was free With eyes closed, I've envisioned your face But reality surpassed that sacred space Your smile, a radiant work of art Captivated me, and my heart took part In that instant, the world faded away Leaving only you, in a warm, golden ray I laughed, and my soul felt alive Drinking in the beauty that you thrive That glimpse of you became my bliss A memory etched, forever to kiss Your presence, a gift from above A treasure I cherish, a labor of love ©Author kunal

#Moment #poem  "A Glimpse of Bliss"


Suddenly, I saw you, and time stood still
My eyes locked on yours, my heart's thrill


Like a dream that I've longed to see
You materialized, and my soul was free


With eyes closed, I've envisioned your face
But reality surpassed that sacred space


Your smile, a radiant work of art
Captivated me, and my heart took part


In that instant, the world faded away
Leaving only you, in a warm, golden ray


I laughed, and my soul felt alive
Drinking in the beauty that you thrive


That glimpse of you became my bliss
A memory etched, forever to kiss


Your presence, a gift from above
A treasure I cherish, a labor of love

©Author kunal

#Moment #poem अदनासा- संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु @puja udeshi @Meenakshi Sharma @Aj stories

22 Love

दसलक्षण पर्व का दूसरा दिन है उत्तम मार्दव दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन को उत्तम मार्दव के रूप में मनाया जाता है। यह व्यक्ति के अभिमान को दूर करके उसे व्यवहार में मृदुता लाने के लिए प्रेरित करता है। कई बार व्यक्ति धन, दौलत व पद पाकर अहंकारी और अभिमानी बन जाता है। वह खुद को सर्वोपरि व दूसरों को छोटा समझता है। लेकिन वास्तव में यह सभी चीजें नश्वर हैं और एक दिन आप इन चीजों से दूर हो जाएंगे। ऐसे में इन नश्वर चीजों के पीछे भागने या फिर उनका अहंकार करने के स्थान पर हर किसी से विनम्र भाव से पेश आएं और सब जीवों के प्रति मैत्री भाव रखें। ©AARPANN JAIIN

#Life_experience #jainfestival #jainism  दसलक्षण पर्व का दूसरा दिन है उत्तम मार्दव


दसलक्षण पर्व के दूसरे दिन को उत्तम मार्दव के रूप में मनाया जाता है। यह व्यक्ति के अभिमान को दूर करके उसे व्यवहार में मृदुता लाने के लिए प्रेरित करता है। कई बार व्यक्ति धन, दौलत व पद पाकर अहंकारी और अभिमानी बन जाता है। वह खुद को सर्वोपरि व दूसरों को छोटा समझता है। लेकिन वास्तव में यह सभी चीजें नश्वर हैं और एक दिन आप इन चीजों से दूर हो जाएंगे। ऐसे में इन नश्वर चीजों के पीछे भागने या फिर उनका अहंकार करने के स्थान पर हर किसी से विनम्र भाव से पेश आएं और सब जीवों के प्रति मैत्री भाव रखें।

©AARPANN JAIIN

#jainism #jainfestival #Life_experience @nayan संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु @Sethi Ji @LiteraryLion @Pooja verma

26 Love

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