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New हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा Status, Photo, Video

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White मेरी तस्वीरों को जैसे सहेजा है उसने अगर उसकी किस्मत में लिखे होते, तो ना जिंदगी से शिकायत होती ना खुद से मलाल होता।। 🖤 ©BAWA

#life_quotes  White मेरी तस्वीरों को जैसे सहेजा है उसने 
अगर उसकी किस्मत में लिखे होते, 
तो ना जिंदगी से शिकायत होती
 ना खुद से मलाल होता।। 🖤

©BAWA

मेरी तस्वीरों को जैसे सहेजा है उसने अगर उसकी किस्मत में लिखे होते, तो ना जिंदगी से शिकायत होती ना खुद से मलाल होता।। 🖤 #life_quotes

14 Love

White मुझ में या तुझ में बस फर्क यही मैं ना रहूं तूम नारायण हो मैं हूं संसार के हाथों में अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में जय श्री राम जय बजरंग बली ©Bhupendrakumar

#विचार  White मुझ में या तुझ में बस फर्क यही मैं ना रहूं 
तूम नारायण हो मैं हूं संसार  के हाथों में 
अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार
 तुम्हारे हाथों में
जय श्री राम 
जय बजरंग बली

©Bhupendrakumar

इस पोस्ट में लिखे थोड़ा टाइम देते हुए इसे 2 मिनट पढ़ने जय श्री राम

6 Love

White जिस तरह चाहे नचा ले तू इशारे पे मुझे ऐ मालिक तेरे ही लिखे हुए अफसाने का किरदार हूँ मैं ©Sarfaraj idrishi

#Sad_Status  White जिस तरह चाहे नचा ले तू इशारे पे मुझे ऐ मालिक
 तेरे ही लिखे हुए अफसाने का किरदार हूँ मैं

©Sarfaraj idrishi

#Sad_Status जिस तरह चाहे नचा ले तू इशारे पे मुझे ऐ मालिक तेरे ही लिखे हुए अफसाने का किरदार हूँ मैं बाबा ब्राऊनबियर्ड @Golden Navbharat sheh

8 Love

White "जय", समझो, तुम्हारे बाद शायद वो खुश है बहुत । उनके बाद मुझे किसी बात की खुशी नहीं हुई ।। (Read in caption) ©Jayesh gulati

#शायरी #GoodMorning  White 

"जय", समझो, तुम्हारे बाद शायद वो खुश है बहुत ।
उनके बाद मुझे किसी बात की खुशी नहीं हुई ।।

(Read in caption)

©Jayesh gulati

मुझे यार कभी मोहब्बत नहीं हुई । हां। मतलब उनके अलावा किसी से नहीं हुई।। किया नहीं इज़हार इस हाल-ए-दिल का कभी । मिला लूं उनसे नज़रे ऐसी जुर्

15 Love

White दोहा :- विषय  हिंदी  हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।। गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार । हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।। वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार । बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।। कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार । तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।। हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद । गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द । हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान । हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।। सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार । आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।। हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान । ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White दोहा :- विषय  हिंदी 
हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार ।
हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।।
जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार ।
अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।।
गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार ।
हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।।
वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार ।
बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।।
कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार ।
तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।।
हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद ।
गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द ।
हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान ।
हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।।
सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार ।
आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।।
हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान ।
ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- विषय  हिंदी  हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब

11 Love

White मेरी तस्वीरों को जैसे सहेजा है उसने अगर उसकी किस्मत में लिखे होते, तो ना जिंदगी से शिकायत होती ना खुद से मलाल होता।। 🖤 ©BAWA

#life_quotes  White मेरी तस्वीरों को जैसे सहेजा है उसने 
अगर उसकी किस्मत में लिखे होते, 
तो ना जिंदगी से शिकायत होती
 ना खुद से मलाल होता।। 🖤

©BAWA

मेरी तस्वीरों को जैसे सहेजा है उसने अगर उसकी किस्मत में लिखे होते, तो ना जिंदगी से शिकायत होती ना खुद से मलाल होता।। 🖤 #life_quotes

14 Love

White मुझ में या तुझ में बस फर्क यही मैं ना रहूं तूम नारायण हो मैं हूं संसार के हाथों में अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में जय श्री राम जय बजरंग बली ©Bhupendrakumar

#विचार  White मुझ में या तुझ में बस फर्क यही मैं ना रहूं 
तूम नारायण हो मैं हूं संसार  के हाथों में 
अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार
 तुम्हारे हाथों में
जय श्री राम 
जय बजरंग बली

©Bhupendrakumar

इस पोस्ट में लिखे थोड़ा टाइम देते हुए इसे 2 मिनट पढ़ने जय श्री राम

6 Love

White जिस तरह चाहे नचा ले तू इशारे पे मुझे ऐ मालिक तेरे ही लिखे हुए अफसाने का किरदार हूँ मैं ©Sarfaraj idrishi

#Sad_Status  White जिस तरह चाहे नचा ले तू इशारे पे मुझे ऐ मालिक
 तेरे ही लिखे हुए अफसाने का किरदार हूँ मैं

©Sarfaraj idrishi

#Sad_Status जिस तरह चाहे नचा ले तू इशारे पे मुझे ऐ मालिक तेरे ही लिखे हुए अफसाने का किरदार हूँ मैं बाबा ब्राऊनबियर्ड @Golden Navbharat sheh

8 Love

White "जय", समझो, तुम्हारे बाद शायद वो खुश है बहुत । उनके बाद मुझे किसी बात की खुशी नहीं हुई ।। (Read in caption) ©Jayesh gulati

#शायरी #GoodMorning  White 

"जय", समझो, तुम्हारे बाद शायद वो खुश है बहुत ।
उनके बाद मुझे किसी बात की खुशी नहीं हुई ।।

(Read in caption)

©Jayesh gulati

मुझे यार कभी मोहब्बत नहीं हुई । हां। मतलब उनके अलावा किसी से नहीं हुई।। किया नहीं इज़हार इस हाल-ए-दिल का कभी । मिला लूं उनसे नज़रे ऐसी जुर्

15 Love

White दोहा :- विषय  हिंदी  हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।। गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार । हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।। वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार । बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।। कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार । तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।। हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद । गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द । हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान । हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।। सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार । आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।। हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान । ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White दोहा :- विषय  हिंदी 
हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार ।
हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।।
जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार ।
अब कहते बच्चे पढ़े , अंग्रेजी अख़बार ।।
गुरुकुल के उस ज्ञान से , विस्तृत थे संस्कार ।
हिंदी का भी मान था , संस्कृति थी आधार ।।
वन टू थ्री अब याद है, भूले दो दो चार ।
बदल रहे दिन-दिन यहाँ , सबके आज विचार ।।
कब हिंदी दुश्मन हुई , और रुका व्यापार ।
तब भी तो द चली , सत्ता पक्ष सरकार ।।
हिंदी को दो मान्यता , तब आये आनंद ।
गीत ग़ज़ल दोहा लिखे , लिखें मधुर सब छन्द ।
हिंदी हिंदी कर रहे , हिंदी का गुणगान ।
हिंदी चाहे हिंद से , फिर अपना अभिमान ।।
सुबह-शाम जो पढ़ रहे , थे गीता का सार ।
आज उन्हें अब चाहिए , अंग्रेजी अख़बार ।।
हिंदी नंबर प्लेट पर , कट जाते चालान ।
ऐसे हिंदुस्तान में , हिंदी का गुणगान ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- विषय  हिंदी  हिंदी भाषा का हमें , दोगे कब अधिकार । हम भी तो हैं चाहतें , हो इसका विस्तार ।। जो कहते थे मंच पर , हम हिंदी परिवार । अब

11 Love

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