हे विघ्नहर्ता
किस्से कई पढ़े हैं हमने,
तुम्हारी अद्भुत भक्ति और शक्तियों के ऊपर!
हे गजानन
जंगलों में चंदन कि लकड़ियों को ढोते-ढोते
तुम कब मसीहा से चंदन तस्कर पुष्पा बन गए!
हे विकट
तुम तो स्वयं के अस्तित्व की
रक्षा नही कर पा रहे, फिर भक्तो का क्या ही कहें!
हे गणाध्यक्ष
अपना धर्म बदल तुम कब ?
टोपी पहन नेताओं जैसी, गणेश से गजानुद्दीन खान हो गए!
हे हेरंब
शायद इसीलिए शोषितों कि पुकार को अनसुनी कर
तुम मन भर मोदक और लड्डू खाने में ही अति व्यस्त हो गए!
हे मोरया
स्टुअर्ट लिटिल देख सारे चूहे कर गए प्रस्थान हॉलीवुड
इसीलिए मानव निर्मित फरफटी में बैठ, हो गए तुम सुपर हिट!
हे धूम्रकेतू
धुआं धुआं हो रहा है ये सारा जहां
अब तो अपना चमत्कार दिखाओ, सब ढूंढे तुमको यहां वहां!
हे कपिल
फैंसी ड्रेस कि हो चुकी अब बहुत सारी प्रतियोगिताएं
धरलो रूपों में एक सारभूत रूप, लौट आओ बनकर अब शांति के दूत!
©rajeshwari Thakur
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