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New जिंदगी की महक नाटक Status, Photo, Video

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White आज देखे हैं मैंने रिश्तों के बेनकाब होते मुखोटे जो कहते रहे कि हम साथ हैं पर सालों से कोई साथ ना दिया, दिया तो अकेलापन मायूसी उदासियां, वक्त अकेला गवाह रहा रिश्तों की चिंदियां उड़ा चले गए अपनापन और मां-बाप के प्यार परवरिश को लंबी गाड़ी में बैठ धुआं बना के उड़ा गए। ©shaanvi

#जिंदगी #कविता  White आज देखे हैं मैंने रिश्तों के बेनकाब होते मुखोटे 
जो कहते रहे कि हम साथ हैं 
पर सालों से कोई साथ ना दिया,
 दिया तो 
अकेलापन मायूसी उदासियां, 
वक्त अकेला गवाह रहा 
रिश्तों की चिंदियां उड़ा चले गए 
अपनापन और मां-बाप के प्यार परवरिश को 
लंबी गाड़ी में बैठ धुआं बना के 
उड़ा गए।

©shaanvi

#जिंदगी की धूप ✍️

16 Love

#शायरी  White यह दुनिया गोलमोल हैं 
जमाने के लोग गोलमोल हैं 
पर परवाह नहीं मुझे किसी की,
 मेरी हिम्मत के आगे 
मेरे सपने अनमोल हैं।

©ANJANA MALI

जिंदगी की राहे

99 View

White एक मुश्त नवाज़ी हैँ खुदा ने तुम्हे जिंदगी की पूंजी तुम इस पूंजी को मुफ्त मे लुटा मत देना बल्कि इसे सोच समझ कर खर्च करना ऐसा कोई हुनर तुमने सिखा नही जो तुमारुी किस्मत को ही बदल दें लेकिन तुम कभी भी सिक्का उचाल कर भग्या को बदलने की कोशिश मत करना ©Parasram Arora

#कविता  White एक मुश्त नवाज़ी हैँ खुदा ने तुम्हे जिंदगी की  पूंजी 

तुम इस पूंजी को मुफ्त मे लुटा मत देना बल्कि इसे सोच समझ कर खर्च करना 

ऐसा कोई हुनर तुमने सिखा नही जो तुमारुी किस्मत को ही बदल  दें

लेकिन तुम कभी भी सिक्का उचाल कर भग्या को बदलने की कोशिश मत करना

©Parasram Arora

जिंदगी की पूंजी

12 Love

White उम्र से सम्मान जरूर मिलता है साहब लेकिन सही आदर तो अच्छे कर्म और अच्छे व्यवहार से ही मिलता है ©santosh uikey

#Motivational #sad_quotes  White उम्र से सम्मान जरूर मिलता है 
साहब 
लेकिन सही आदर तो अच्छे 
कर्म और अच्छे 
व्यवहार से ही मिलता है

©santosh uikey

#sad_quotes जिंदगी की हकीकत

11 Love

White मैं महक गांव की मिट्टी की छोड़कर शहर चला आया गांव के गहरे रिश्तों को तोड़कर शहर में रिश्ते बनाने चला आया हां........सफ़र गांव से शहर का कुछ मीलों का था लेकिन , फांसला अपनों से बहुत दूर का बना आया मेरा हर कदम अब बड़ रहा था बेशर्मी की ओर..... संस्कारों की दुनिया को स्वार्थ के कफ़न से खुद ही ढक आया था मैं महक गांव की मिट्टी की छोड़कर शहर चला आया था चल रहा था सैंकड़ों की भीड़ में फिर भी अकेला था शहर में गांव के अंधेरों में भी साया था अपनो का इन बड़ी बड़ी इमारतों में खुद ही कैद होने को आया था "ललित" अपनों को छोड़ सबसे बहुत दूर चला आया था। महक गांव की मिट्टी की छोड़ शहर चला आया था!!!! ©Lalit Saxena

#मोटिवेशनल #महक  White 
मैं महक गांव की मिट्टी की
छोड़कर शहर चला आया
गांव के गहरे रिश्तों को तोड़कर 
शहर में रिश्ते बनाने चला आया 
हां........सफ़र गांव से शहर का 
कुछ मीलों का था लेकिन ,
फांसला अपनों से 
बहुत दूर का बना आया
मेरा हर कदम अब बड़ रहा था
बेशर्मी  की ओर..... 
संस्कारों की दुनिया को 
स्वार्थ के कफ़न
से खुद ही ढक आया था
मैं महक गांव की मिट्टी की 
छोड़कर शहर चला आया था
चल रहा था सैंकड़ों की भीड़ में
फिर भी अकेला था शहर में
गांव के अंधेरों में भी साया था 
अपनो का
इन बड़ी बड़ी इमारतों में खुद ही कैद 
होने को आया था
"ललित" अपनों को छोड़ सबसे बहुत
दूर चला आया था।
महक गांव की मिट्टी की
छोड़ शहर चला आया था!!!!

©Lalit Saxena

#महक

36 Love

White मेरी ज़िन्दगी की इस किताब के उन शानदार प्रश्नठो मे कही मेरे छाव वाले सुखो का जिक्र है और कहीं धूप मे तपने और मेहनत के पसीनो की भी. चर्चा है ©Parasram Arora

#कविता  White मेरी ज़िन्दगी की इस किताब के 
उन शानदार प्रश्नठो मे 
कही मेरे छाव  वाले सुखो का जिक्र है 
और कहीं धूप मे तपने और मेहनत के पसीनो 
की भी. चर्चा है

©Parasram Arora

जिंदगी की किताब

12 Love

White आज देखे हैं मैंने रिश्तों के बेनकाब होते मुखोटे जो कहते रहे कि हम साथ हैं पर सालों से कोई साथ ना दिया, दिया तो अकेलापन मायूसी उदासियां, वक्त अकेला गवाह रहा रिश्तों की चिंदियां उड़ा चले गए अपनापन और मां-बाप के प्यार परवरिश को लंबी गाड़ी में बैठ धुआं बना के उड़ा गए। ©shaanvi

#जिंदगी #कविता  White आज देखे हैं मैंने रिश्तों के बेनकाब होते मुखोटे 
जो कहते रहे कि हम साथ हैं 
पर सालों से कोई साथ ना दिया,
 दिया तो 
अकेलापन मायूसी उदासियां, 
वक्त अकेला गवाह रहा 
रिश्तों की चिंदियां उड़ा चले गए 
अपनापन और मां-बाप के प्यार परवरिश को 
लंबी गाड़ी में बैठ धुआं बना के 
उड़ा गए।

©shaanvi

#जिंदगी की धूप ✍️

16 Love

#शायरी  White यह दुनिया गोलमोल हैं 
जमाने के लोग गोलमोल हैं 
पर परवाह नहीं मुझे किसी की,
 मेरी हिम्मत के आगे 
मेरे सपने अनमोल हैं।

©ANJANA MALI

जिंदगी की राहे

99 View

White एक मुश्त नवाज़ी हैँ खुदा ने तुम्हे जिंदगी की पूंजी तुम इस पूंजी को मुफ्त मे लुटा मत देना बल्कि इसे सोच समझ कर खर्च करना ऐसा कोई हुनर तुमने सिखा नही जो तुमारुी किस्मत को ही बदल दें लेकिन तुम कभी भी सिक्का उचाल कर भग्या को बदलने की कोशिश मत करना ©Parasram Arora

#कविता  White एक मुश्त नवाज़ी हैँ खुदा ने तुम्हे जिंदगी की  पूंजी 

तुम इस पूंजी को मुफ्त मे लुटा मत देना बल्कि इसे सोच समझ कर खर्च करना 

ऐसा कोई हुनर तुमने सिखा नही जो तुमारुी किस्मत को ही बदल  दें

लेकिन तुम कभी भी सिक्का उचाल कर भग्या को बदलने की कोशिश मत करना

©Parasram Arora

जिंदगी की पूंजी

12 Love

White उम्र से सम्मान जरूर मिलता है साहब लेकिन सही आदर तो अच्छे कर्म और अच्छे व्यवहार से ही मिलता है ©santosh uikey

#Motivational #sad_quotes  White उम्र से सम्मान जरूर मिलता है 
साहब 
लेकिन सही आदर तो अच्छे 
कर्म और अच्छे 
व्यवहार से ही मिलता है

©santosh uikey

#sad_quotes जिंदगी की हकीकत

11 Love

White मैं महक गांव की मिट्टी की छोड़कर शहर चला आया गांव के गहरे रिश्तों को तोड़कर शहर में रिश्ते बनाने चला आया हां........सफ़र गांव से शहर का कुछ मीलों का था लेकिन , फांसला अपनों से बहुत दूर का बना आया मेरा हर कदम अब बड़ रहा था बेशर्मी की ओर..... संस्कारों की दुनिया को स्वार्थ के कफ़न से खुद ही ढक आया था मैं महक गांव की मिट्टी की छोड़कर शहर चला आया था चल रहा था सैंकड़ों की भीड़ में फिर भी अकेला था शहर में गांव के अंधेरों में भी साया था अपनो का इन बड़ी बड़ी इमारतों में खुद ही कैद होने को आया था "ललित" अपनों को छोड़ सबसे बहुत दूर चला आया था। महक गांव की मिट्टी की छोड़ शहर चला आया था!!!! ©Lalit Saxena

#मोटिवेशनल #महक  White 
मैं महक गांव की मिट्टी की
छोड़कर शहर चला आया
गांव के गहरे रिश्तों को तोड़कर 
शहर में रिश्ते बनाने चला आया 
हां........सफ़र गांव से शहर का 
कुछ मीलों का था लेकिन ,
फांसला अपनों से 
बहुत दूर का बना आया
मेरा हर कदम अब बड़ रहा था
बेशर्मी  की ओर..... 
संस्कारों की दुनिया को 
स्वार्थ के कफ़न
से खुद ही ढक आया था
मैं महक गांव की मिट्टी की 
छोड़कर शहर चला आया था
चल रहा था सैंकड़ों की भीड़ में
फिर भी अकेला था शहर में
गांव के अंधेरों में भी साया था 
अपनो का
इन बड़ी बड़ी इमारतों में खुद ही कैद 
होने को आया था
"ललित" अपनों को छोड़ सबसे बहुत
दूर चला आया था।
महक गांव की मिट्टी की
छोड़ शहर चला आया था!!!!

©Lalit Saxena

#महक

36 Love

White मेरी ज़िन्दगी की इस किताब के उन शानदार प्रश्नठो मे कही मेरे छाव वाले सुखो का जिक्र है और कहीं धूप मे तपने और मेहनत के पसीनो की भी. चर्चा है ©Parasram Arora

#कविता  White मेरी ज़िन्दगी की इस किताब के 
उन शानदार प्रश्नठो मे 
कही मेरे छाव  वाले सुखो का जिक्र है 
और कहीं धूप मे तपने और मेहनत के पसीनो 
की भी. चर्चा है

©Parasram Arora

जिंदगी की किताब

12 Love

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