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White फिक्र ना कर उम्र ए ढलान की। रहलत ने बक्शी है उम्र सौ साल की।। होगे पूरे जब उम्र सौ साल की आयोजन करना महफिल ए यारॉ की। नज्म जब छिङेगे महफिल मे यारो की मधुर आवाज गूॅजेगी महफिल यारो की।। गूॅजेगी तालियॉ महफिल मे यारो की। ©रघुराम

#कविता #good_night  White फिक्र ना कर उम्र ए ढलान की।
रहलत ने बक्शी है उम्र सौ साल की।।
होगे पूरे जब उम्र सौ साल की
आयोजन करना महफिल ए यारॉ की।
नज्म जब छिङेगे महफिल मे यारो की
मधुर आवाज गूॅजेगी महफिल यारो की।।
गूॅजेगी तालियॉ महफिल मे यारो की।

©रघुराम

#good_night सौ साल

12 Love

#जितेन्द्रसिंहविकल #विचार

#जितेन्द्रसिंहविकल सिर्फ 104 साल के है।

144 View

#मिला #love_shayari #sumeetworld #sumeetraj #foryou #लव  White मिला था एक दिल जो दे दिया तुमको,
हजारों भी होते तो तेरे लिए होते।

©sumeet raj

#love_shayari #मिला था एक दिल जो दे दिया तुमको, हजारों भी होते तो तेरे लिए होते। #foryou #sumeetraj #sumeetworld

117 View

#वीडियो

महा आरती में जुटे हजारों लोग

135 View

White हर साल एक साल बीत जाता है, फिर भी लोगों को‌ लगता है उनकी उम्र बढ़ रही है..! ©Himanshu Prajapati

#विचार #Sad_Status #hpstrange #36gyan  White हर साल एक साल बीत जाता है,
फिर भी लोगों को‌ लगता है 
उनकी उम्र बढ़ रही है..!

©Himanshu Prajapati

#Sad_Status हर साल एक साल बीत जाता है, फिर भी लोगों को‌ लगता है उनकी उम्र बढ़ रही है..! #hpstrange #36gyan

14 Love

#मोटिवेशनल  आज़ से पचीस साल पूर्व 
ढेर सारी नसीहतो के साथ 
पापा ने मुझे पटना तब भेजा था 
ज़ब गांव का सामान्य आदमी 
शायद हीं हिम्मत जुटा पाता था 
पापा ने बस स्टैंड तक छोड़ा था 
और भाई भागलपुर स्टेशन तक 
हम दो भाइयों को ट्रेन मे छोड़ने 
बोला नहीं था कुछ लेकिन 
नजरो से एक वादा ले लिया था 
जाओ आप पापा के सपने बनाना 
मंझला था बोला हमें नहीं पढ़ना 
तब हम नहीं समझ पाए थे 
लगा ये शैतानी कर रहा है 
अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा है 
आज ज़ब समझा तो लगा की हम 
बड़े होकर भी कितने छोटे हप गए 
और मेरा छोटा कितना बड़ा हप गया 
ठीक 25साल बाद वही नजारा सामने था 
बस स्टेशन दूसरा था मुझे नहीं 
मै छोड़ने आया था अपने दोनों बेटों को 
लेकिन इस बार नसीहत मेरे थे 
और उम्मीदों को बोझ बेटों पर 
उदास ट्रेन मे सवार पटना जाने के लिए 
एक तपस्या के लिए घर से दूर 
हा बेटे यही है दस्तूर हा यही है दस्तूर

©ranjit Kumar rathour

पचीस साल बाद

144 View

White फिक्र ना कर उम्र ए ढलान की। रहलत ने बक्शी है उम्र सौ साल की।। होगे पूरे जब उम्र सौ साल की आयोजन करना महफिल ए यारॉ की। नज्म जब छिङेगे महफिल मे यारो की मधुर आवाज गूॅजेगी महफिल यारो की।। गूॅजेगी तालियॉ महफिल मे यारो की। ©रघुराम

#कविता #good_night  White फिक्र ना कर उम्र ए ढलान की।
रहलत ने बक्शी है उम्र सौ साल की।।
होगे पूरे जब उम्र सौ साल की
आयोजन करना महफिल ए यारॉ की।
नज्म जब छिङेगे महफिल मे यारो की
मधुर आवाज गूॅजेगी महफिल यारो की।।
गूॅजेगी तालियॉ महफिल मे यारो की।

©रघुराम

#good_night सौ साल

12 Love

#जितेन्द्रसिंहविकल #विचार

#जितेन्द्रसिंहविकल सिर्फ 104 साल के है।

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#मिला #love_shayari #sumeetworld #sumeetraj #foryou #लव  White मिला था एक दिल जो दे दिया तुमको,
हजारों भी होते तो तेरे लिए होते।

©sumeet raj

#love_shayari #मिला था एक दिल जो दे दिया तुमको, हजारों भी होते तो तेरे लिए होते। #foryou #sumeetraj #sumeetworld

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#वीडियो

महा आरती में जुटे हजारों लोग

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White हर साल एक साल बीत जाता है, फिर भी लोगों को‌ लगता है उनकी उम्र बढ़ रही है..! ©Himanshu Prajapati

#विचार #Sad_Status #hpstrange #36gyan  White हर साल एक साल बीत जाता है,
फिर भी लोगों को‌ लगता है 
उनकी उम्र बढ़ रही है..!

©Himanshu Prajapati

#Sad_Status हर साल एक साल बीत जाता है, फिर भी लोगों को‌ लगता है उनकी उम्र बढ़ रही है..! #hpstrange #36gyan

14 Love

#मोटिवेशनल  आज़ से पचीस साल पूर्व 
ढेर सारी नसीहतो के साथ 
पापा ने मुझे पटना तब भेजा था 
ज़ब गांव का सामान्य आदमी 
शायद हीं हिम्मत जुटा पाता था 
पापा ने बस स्टैंड तक छोड़ा था 
और भाई भागलपुर स्टेशन तक 
हम दो भाइयों को ट्रेन मे छोड़ने 
बोला नहीं था कुछ लेकिन 
नजरो से एक वादा ले लिया था 
जाओ आप पापा के सपने बनाना 
मंझला था बोला हमें नहीं पढ़ना 
तब हम नहीं समझ पाए थे 
लगा ये शैतानी कर रहा है 
अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहा है 
आज ज़ब समझा तो लगा की हम 
बड़े होकर भी कितने छोटे हप गए 
और मेरा छोटा कितना बड़ा हप गया 
ठीक 25साल बाद वही नजारा सामने था 
बस स्टेशन दूसरा था मुझे नहीं 
मै छोड़ने आया था अपने दोनों बेटों को 
लेकिन इस बार नसीहत मेरे थे 
और उम्मीदों को बोझ बेटों पर 
उदास ट्रेन मे सवार पटना जाने के लिए 
एक तपस्या के लिए घर से दूर 
हा बेटे यही है दस्तूर हा यही है दस्तूर

©ranjit Kumar rathour

पचीस साल बाद

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