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New नई कविता और अस्तित्ववाद Status, Photo, Video

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White तुमने अपनी हर नई चाल मुझे बर्बाद करने के लिए चली है जो दोस्त बचपन से मेरे साथ थे. आज भी मेरे साथ है उन्हें मेरा दुश्मन बनाने की कोशिश तुम्हारी कभी कामयाब नही होंगी ©Parasram Arora

#कविता  White तुमने अपनी हर नई 
चाल मुझे बर्बाद 
करने के लिए  चली है 


जो दोस्त बचपन से मेरे साथ थे.
आज भी मेरे साथ है 
उन्हें मेरा दुश्मन  बनाने की 
कोशिश  तुम्हारी  कभी 
कामयाब नही होंगी

©Parasram Arora

नई चाल

15 Love

White रात का अंधेरा कभी तो छंटेगा, एक नई सुबह नया सूरज उगेगा। दुखों का बादल जरूर हटेगा, एक दिन खुशियों के पंख लगेगा। खुशहाल जीवन आगे बढ़ेगा, सोया मानव जरूर जागेगा। देख प्रकृति को सब हर्षाएँगे, हर किसी के चेहरे पर मुस्कान देख पाएंगे। ©Shishpal Chauhan

#कविता #नई  White रात का अंधेरा कभी तो छंटेगा,
एक नई सुबह नया सूरज उगेगा।
दुखों का बादल जरूर हटेगा,
एक दिन खुशियों के पंख लगेगा।
खुशहाल जीवन आगे बढ़ेगा,
सोया मानव जरूर जागेगा।
देख प्रकृति को सब हर्षाएँगे,
हर किसी के चेहरे  पर मुस्कान देख पाएंगे।

©Shishpal Chauhan

#नई सुबह

13 Love

White मैं और मेरी तनहाई अक्सर ख्यालों में तुझे याद किया करतीं हैं मैं और मेरी परछाई अक्सर राहों में तेरा साथ ढुंढा करतीं हैं मैं और तेरी अधूरी बातें अक्सर तुझसे बातें करना चाहतीं हैं मैं और तेरी यादें हमेशा तेरा साथ चाहतीं हैं। ©Sarita Kumari Ravidas

#कविता #love_shayari #poem  White मैं और मेरी तनहाई 
अक्सर ख्यालों में तुझे याद किया करतीं हैं
मैं और मेरी परछाई 
अक्सर राहों में तेरा साथ ढुंढा करतीं हैं 
मैं और तेरी अधूरी बातें 
अक्सर तुझसे बातें करना चाहतीं हैं 
मैं और तेरी यादें 
हमेशा तेरा साथ चाहतीं हैं।

©Sarita Kumari Ravidas

#love_shayari मैं और मेरी तनहाई #Nojoto #poem कविताएं कविता कोश हिंदी कविता प्रेम कविता प्यार पर कविता

12 Love

#तस्वीर #कविता #नई

निर्भया - नई हरयाणवी रागणी  वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं  करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं  मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया  मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या  गया  मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया  बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया  इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं  दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै  लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै  कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै  घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै  लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे  हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे   पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे   आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं  हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै  औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै  सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै  तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै  गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya

#निर्भया #कविता #Thinking #nirbhaya  निर्भया - नई हरयाणवी रागणी 

वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं 
करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं 

मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया 
मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या  गया 
मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया 
बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया 
इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं 

दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै 
लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै 
कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै 
घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै 
लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं

बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे
सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे 
हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे  
पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे  
आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं 

हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै 
औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै 
सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै 
तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै 
गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya

#Thinking #निर्भया #nirbhaya निर्भया नई हरयाणवी रागनी हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश

11 Love

पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी  तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है  तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है  तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए  पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है  तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई  खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई  तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है  धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया  पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया  उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है  कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा  पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा  कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया  के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया  उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण #कविता  पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी 

तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है 
तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है 

तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए 
पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए
उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है 

तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई 
खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई 
तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है 

धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया 
पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया 
उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है 

कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा 
पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा 
कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है

गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया 
के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया 
उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता

12 Love

White तुमने अपनी हर नई चाल मुझे बर्बाद करने के लिए चली है जो दोस्त बचपन से मेरे साथ थे. आज भी मेरे साथ है उन्हें मेरा दुश्मन बनाने की कोशिश तुम्हारी कभी कामयाब नही होंगी ©Parasram Arora

#कविता  White तुमने अपनी हर नई 
चाल मुझे बर्बाद 
करने के लिए  चली है 


जो दोस्त बचपन से मेरे साथ थे.
आज भी मेरे साथ है 
उन्हें मेरा दुश्मन  बनाने की 
कोशिश  तुम्हारी  कभी 
कामयाब नही होंगी

©Parasram Arora

नई चाल

15 Love

White रात का अंधेरा कभी तो छंटेगा, एक नई सुबह नया सूरज उगेगा। दुखों का बादल जरूर हटेगा, एक दिन खुशियों के पंख लगेगा। खुशहाल जीवन आगे बढ़ेगा, सोया मानव जरूर जागेगा। देख प्रकृति को सब हर्षाएँगे, हर किसी के चेहरे पर मुस्कान देख पाएंगे। ©Shishpal Chauhan

#कविता #नई  White रात का अंधेरा कभी तो छंटेगा,
एक नई सुबह नया सूरज उगेगा।
दुखों का बादल जरूर हटेगा,
एक दिन खुशियों के पंख लगेगा।
खुशहाल जीवन आगे बढ़ेगा,
सोया मानव जरूर जागेगा।
देख प्रकृति को सब हर्षाएँगे,
हर किसी के चेहरे  पर मुस्कान देख पाएंगे।

©Shishpal Chauhan

#नई सुबह

13 Love

White मैं और मेरी तनहाई अक्सर ख्यालों में तुझे याद किया करतीं हैं मैं और मेरी परछाई अक्सर राहों में तेरा साथ ढुंढा करतीं हैं मैं और तेरी अधूरी बातें अक्सर तुझसे बातें करना चाहतीं हैं मैं और तेरी यादें हमेशा तेरा साथ चाहतीं हैं। ©Sarita Kumari Ravidas

#कविता #love_shayari #poem  White मैं और मेरी तनहाई 
अक्सर ख्यालों में तुझे याद किया करतीं हैं
मैं और मेरी परछाई 
अक्सर राहों में तेरा साथ ढुंढा करतीं हैं 
मैं और तेरी अधूरी बातें 
अक्सर तुझसे बातें करना चाहतीं हैं 
मैं और तेरी यादें 
हमेशा तेरा साथ चाहतीं हैं।

©Sarita Kumari Ravidas

#love_shayari मैं और मेरी तनहाई #Nojoto #poem कविताएं कविता कोश हिंदी कविता प्रेम कविता प्यार पर कविता

12 Love

#तस्वीर #कविता #नई

निर्भया - नई हरयाणवी रागणी  वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं  करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं  मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया  मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या  गया  मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया  बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया  इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं  दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै  लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै  कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै  घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै  लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे  हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे   पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे   आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं  हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै  औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै  सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै  तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै  गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya

#निर्भया #कविता #Thinking #nirbhaya  निर्भया - नई हरयाणवी रागणी 

वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं 
करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं 

मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया 
मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या  गया 
मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया 
बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया 
इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं 

दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै 
लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै 
कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै 
घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै 
लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं

बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे
सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे 
हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे  
पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे  
आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं 

हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै 
औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै 
सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै 
तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै 
गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं

कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25

©Anand Kumar Ashodhiya

#Thinking #निर्भया #nirbhaya निर्भया नई हरयाणवी रागनी हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश

11 Love

पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी  तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है  तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है  तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए  पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है  तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई  खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई  तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है  धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया  पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया  उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है  कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा  पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा  कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया  के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया  उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya

#पर्यावरण #कविता  पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी 

तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है 
तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है 

तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए 
पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए
उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है 

तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई 
खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई 
तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है 

धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया 
पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया 
उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है 

कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा 
पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा 
कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है

गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया 
के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया 
उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है

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12 Love

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