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#AnjaliSinghal #loveshayari #lovestatus #Instagram

"तुम दिल की धड़कन में ऐसे बसे, हर धड़कन तुम ही में रम गई। प्रेम रंग में तुम्हारे रंगकर, प्रेम ग्रंथ सा रच गई।।" #AnjaliSinghal #l

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White महाभारत को लिपिबद्ध करने का अवसर आया। तो वेदव्यास के ध्यान में गणपत का स्मरण हो आया।। प्रथम पूज्य से किया निवेदन,लेखन को संपन्न करो प्रभु। गणपत ने भी शर्त बता दी.... अनवरत करूंगा श्रुतलेखन,ना लेना आप भी विराम। जो रुके बीच में ही छोड़ूंगा,अधूरा रह जाएगा काम।। अनवरत चला लेखन का कार्य तो लेखनी बीच में टूट गई। बार–बार गति अवरोधित हुई,लेखन की गति रुक कई बार गई। फिर तोड़ दंत लिया उसको काम,और ग्रंथ पूर्ण कर पाए। इसी प्रसंग के चलते गणपत एकदंत कहलाए।। ©Rimpi chaube

#गणेश_प्रसंग❤️🙏 #गणेशचतुर्थी #Ganesh_chaturthi #GaneshChaturthi #गणेश  White 

महाभारत को लिपिबद्ध करने का अवसर आया।
तो वेदव्यास के ध्यान में गणपत का स्मरण हो आया।।
प्रथम पूज्य से किया निवेदन,लेखन को संपन्न करो प्रभु।
गणपत ने भी शर्त बता दी....
अनवरत करूंगा श्रुतलेखन,ना लेना आप भी विराम।
जो रुके बीच में ही छोड़ूंगा,अधूरा रह जाएगा काम।।
अनवरत चला लेखन का कार्य तो लेखनी बीच में टूट गई।
बार–बार गति अवरोधित हुई,लेखन की गति रुक कई बार गई।
फिर तोड़ दंत लिया उसको काम,और ग्रंथ पूर्ण कर पाए।
इसी प्रसंग के चलते गणपत एकदंत कहलाए।।

©Rimpi chaube

#गणेश_प्रसंग❤️🙏 महाभारत को लिपिबद्ध करने का अवसर आया। तो वेदव्यास के ध्यान में गणपत का स्मरण हो आया।। प्रथम पूज्य से किया निवेदन,लेखन को संप

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#महेंद्रकपूरजी #मार्गदर्शन #मोटिवेशनल #महाभारत #अदनासा #हिंदी

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://youtube.com/shorts/aPngnjbrhks?si=xrxAvfjl1dmv8CJl #हिंदी #ग्रंथ #महाभारत #श्लोक #गायक #महेंद्

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दोहा :- पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक । रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१ बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज । जाऊँ पीछे आज बस , जहाँ लखन का राज ।।२ राजा बनकर राज कर , बनना नहीं नवाब । पारिजात को भूलकर , खोजे आज गुलाब ।।३ अपना भी इतिहास पढ़, खोल पुराने ग्रंथ । वह बतलायेंगे तुम्हें , सरल सुलभ नित पंथ ।।४ सुनना चाहो आप नित , कोई कहे नवाब । क्या अपने फिर धर्म को , दोगे आप जवाब ।।५ सबको अपने धर्म का , करना चहिये मान । इसीलिए तो जन्म ये , दिया तुम्हें भगवान ।।६ बने सनातन फिर रहे , गली-गली सब लोग । होता ज्ञान अगर तुम्हें , करते उचित प्रयोग ।।७ ज्ञान नहीं है धर्म का ,  भटक रहे सब लोग । तब ही तो तुम कर रहे , अनुचित यहां प्रयोग ।।८ हुआ तुम्हारे कर्म से , धर्म अगर बदनाम । याद रखो बख्शे नहीं , तुम्हें कभी भी राम ।।९ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक ।
रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१

बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज ।
जाऊँ पीछे आज बस , जहाँ लखन का राज ।।२

राजा बनकर राज कर , बनना नहीं नवाब ।
पारिजात को भूलकर , खोजे आज गुलाब ।।३

अपना भी इतिहास पढ़, खोल पुराने ग्रंथ ।
वह बतलायेंगे तुम्हें , सरल सुलभ नित पंथ ।।४

सुनना चाहो आप नित , कोई कहे नवाब ।
क्या अपने फिर धर्म को , दोगे आप जवाब ।।५

सबको अपने धर्म का , करना चहिये मान ।
इसीलिए तो जन्म ये , दिया तुम्हें भगवान ।।६

बने सनातन फिर रहे , गली-गली सब लोग ।
होता ज्ञान अगर तुम्हें , करते उचित प्रयोग ।।७

ज्ञान नहीं है धर्म का ,  भटक रहे सब लोग ।
तब ही तो तुम कर रहे , अनुचित यहां प्रयोग ।।८

हुआ तुम्हारे कर्म से , धर्म अगर बदनाम ।
याद रखो बख्शे नहीं , तुम्हें कभी भी राम ।।९
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक । रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१ बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज । जाऊँ पीछे आज बस ,

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#AnjaliSinghal #loveshayari #lovestatus #Instagram

"तुम दिल की धड़कन में ऐसे बसे, हर धड़कन तुम ही में रम गई। प्रेम रंग में तुम्हारे रंगकर, प्रेम ग्रंथ सा रच गई।।" #AnjaliSinghal #l

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White महाभारत को लिपिबद्ध करने का अवसर आया। तो वेदव्यास के ध्यान में गणपत का स्मरण हो आया।। प्रथम पूज्य से किया निवेदन,लेखन को संपन्न करो प्रभु। गणपत ने भी शर्त बता दी.... अनवरत करूंगा श्रुतलेखन,ना लेना आप भी विराम। जो रुके बीच में ही छोड़ूंगा,अधूरा रह जाएगा काम।। अनवरत चला लेखन का कार्य तो लेखनी बीच में टूट गई। बार–बार गति अवरोधित हुई,लेखन की गति रुक कई बार गई। फिर तोड़ दंत लिया उसको काम,और ग्रंथ पूर्ण कर पाए। इसी प्रसंग के चलते गणपत एकदंत कहलाए।। ©Rimpi chaube

#गणेश_प्रसंग❤️🙏 #गणेशचतुर्थी #Ganesh_chaturthi #GaneshChaturthi #गणेश  White 

महाभारत को लिपिबद्ध करने का अवसर आया।
तो वेदव्यास के ध्यान में गणपत का स्मरण हो आया।।
प्रथम पूज्य से किया निवेदन,लेखन को संपन्न करो प्रभु।
गणपत ने भी शर्त बता दी....
अनवरत करूंगा श्रुतलेखन,ना लेना आप भी विराम।
जो रुके बीच में ही छोड़ूंगा,अधूरा रह जाएगा काम।।
अनवरत चला लेखन का कार्य तो लेखनी बीच में टूट गई।
बार–बार गति अवरोधित हुई,लेखन की गति रुक कई बार गई।
फिर तोड़ दंत लिया उसको काम,और ग्रंथ पूर्ण कर पाए।
इसी प्रसंग के चलते गणपत एकदंत कहलाए।।

©Rimpi chaube

#गणेश_प्रसंग❤️🙏 महाभारत को लिपिबद्ध करने का अवसर आया। तो वेदव्यास के ध्यान में गणपत का स्मरण हो आया।। प्रथम पूज्य से किया निवेदन,लेखन को संप

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#महेंद्रकपूरजी #मार्गदर्शन #मोटिवेशनल #महाभारत #अदनासा #हिंदी

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://youtube.com/shorts/aPngnjbrhks?si=xrxAvfjl1dmv8CJl #हिंदी #ग्रंथ #महाभारत #श्लोक #गायक #महेंद्

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दोहा :- पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक । रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१ बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज । जाऊँ पीछे आज बस , जहाँ लखन का राज ।।२ राजा बनकर राज कर , बनना नहीं नवाब । पारिजात को भूलकर , खोजे आज गुलाब ।।३ अपना भी इतिहास पढ़, खोल पुराने ग्रंथ । वह बतलायेंगे तुम्हें , सरल सुलभ नित पंथ ।।४ सुनना चाहो आप नित , कोई कहे नवाब । क्या अपने फिर धर्म को , दोगे आप जवाब ।।५ सबको अपने धर्म का , करना चहिये मान । इसीलिए तो जन्म ये , दिया तुम्हें भगवान ।।६ बने सनातन फिर रहे , गली-गली सब लोग । होता ज्ञान अगर तुम्हें , करते उचित प्रयोग ।।७ ज्ञान नहीं है धर्म का ,  भटक रहे सब लोग । तब ही तो तुम कर रहे , अनुचित यहां प्रयोग ।।८ हुआ तुम्हारे कर्म से , धर्म अगर बदनाम । याद रखो बख्शे नहीं , तुम्हें कभी भी राम ।।९ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक ।
रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१

बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज ।
जाऊँ पीछे आज बस , जहाँ लखन का राज ।।२

राजा बनकर राज कर , बनना नहीं नवाब ।
पारिजात को भूलकर , खोजे आज गुलाब ।।३

अपना भी इतिहास पढ़, खोल पुराने ग्रंथ ।
वह बतलायेंगे तुम्हें , सरल सुलभ नित पंथ ।।४

सुनना चाहो आप नित , कोई कहे नवाब ।
क्या अपने फिर धर्म को , दोगे आप जवाब ।।५

सबको अपने धर्म का , करना चहिये मान ।
इसीलिए तो जन्म ये , दिया तुम्हें भगवान ।।६

बने सनातन फिर रहे , गली-गली सब लोग ।
होता ज्ञान अगर तुम्हें , करते उचित प्रयोग ।।७

ज्ञान नहीं है धर्म का ,  भटक रहे सब लोग ।
तब ही तो तुम कर रहे , अनुचित यहां प्रयोग ।।८

हुआ तुम्हारे कर्म से , धर्म अगर बदनाम ।
याद रखो बख्शे नहीं , तुम्हें कभी भी राम ।।९
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- पढ़ा लिखा इतिहास का , दो अब सारे फेक । रहे सनातन याद बस , काम यही है नेक ।।१ बढ़ती दुनिया देखकर  , मन करता है आज । जाऊँ पीछे आज बस ,

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