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New रज़िया सुल्तान जलता है बदन Status, Photo, Video

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हम तो बस हो लिए हैं शोख़ बदन के पीछे हमको मालूम कहाँ है कि किधर जाते हैं! ©Ghumnam Gautam

#शायरी #ghumnamgautam #बदन  हम तो बस हो लिए हैं शोख़ बदन के पीछे
हमको मालूम कहाँ है कि किधर जाते हैं!

©Ghumnam Gautam
#दुश्वारियां #घर_आंगन #अंधकार #सवेरों #आरियां #कोट्स  White ,,,,,,,,,,,,,वक्त पर चल रही हैं आरियां ,,,,,,,,,,,,

,,,,,,,,,,,जीने नहीं दे रही हैं ये दुश्वारियां ,,,,,,,,,

अंधकार फैला हुआ है रातों के बिना

दिन ये शुरू हो रहा है सावरों के बिना

सूना सूना घर आंगन है 

सूना सूना तन मन है

सुने पड़े दिल के खाली खाली कोनों में 

 टूटता ये मेरा बदन है 

,,,,,,,,जीने नहीं दे रही हैं ये दुश्वारियां ,,,,,,

,,,,,,,,,,वक्त पर चल रही हैं आरियां ,,,,,,,

©Rakesh frnds4ever

#वक्त पर चल रही हैं #आरियां ,,,,,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,जीने नहीं दे रही हैं ये #दुश्वारियां ,,,,,,,,, #अंधकार फैला हुआ है रातों के बिना द

135 View

White चलना है विश्राम नहीं है.... ------------------------------ चलना है विश्राम नहीं है। व्यर्थ में करना आराम नहीं है। अमूल्य समय गंवाने से, बनता कोई काम नहीं है। समय जो एक बार चला जाएगा। वापस वह लौट कर नहीं आएगा। चाहे तुम जितना जोर लगा लो, समय का चक्र तो ना घूम पाएगा। जीवन को ना समझो सुमन-पथ। यह तो है ;बिन पहियों का रथ। खींच कर तुमको ले जाना है, और पार करना है यह अग्निपथ। संकल्प और स्वाभिमान जीवन पथ पर संगी होंगे। तभी तो पूर्ण जीवन के हर एक सपने होंगे। अनवरत हो आगे ही आगे जब तुम बढ़ते जाओगे, तो कांटे भी इस पथ के फूलों से कोमल होंगे। स्वरचित और मौलिक रियंका आलोक मदेशिया ©Riyanka Alok Madeshiya

#चलना  White चलना है विश्राम नहीं है.... 
------------------------------

चलना है विश्राम नहीं है। 
व्यर्थ में करना आराम नहीं है। 
अमूल्य समय गंवाने से, 
बनता कोई काम नहीं है। 

समय जो एक बार चला जाएगा। 
वापस वह लौट कर नहीं आएगा। 
चाहे तुम जितना जोर लगा लो, 
समय का चक्र तो ना घूम पाएगा। 

जीवन को ना समझो  सुमन-पथ। 
यह तो है ;बिन पहियों का रथ। 
खींच कर तुमको ले जाना है, 
और पार करना है यह अग्निपथ। 

 संकल्प और स्वाभिमान जीवन पथ पर संगी होंगे। 
तभी तो पूर्ण जीवन के हर एक सपने होंगे। 
अनवरत हो आगे ही आगे जब तुम बढ़ते जाओगे, 
तो कांटे भी इस पथ के फूलों से कोमल होंगे। 

स्वरचित और मौलिक

रियंका आलोक मदेशिया

©Riyanka Alok Madeshiya

#चलना है विश्राम नहीं है

10 Love

White छिप भी जाता है नज़र आता है.. चाँद है हुश्न पे इतराता है.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY

#चाँद  White  छिप भी जाता है नज़र आता है..

चाँद है हुश्न पे इतराता है..


यूसुफ आर खान...

©F M POETRY

#चाँद है हुश्न पे इतराता है....

20 Love

शाम भी सुहागन होना चाहती हैं दिवाकर के इश्क में खोना चाहती हैं दिन भर वो भी जलता रहता जुदाई में फिर मौका देख मांग भर देता चुपके से तन्हाई में डूबते डूबते दे जाता है ऐसा खामोश प्यार जिसका शाम , सुबह से ही करने लगती है इंतजार ©s गोल्डी

 शाम भी सुहागन होना चाहती हैं 
दिवाकर के इश्क में खोना चाहती हैं
दिन भर वो भी जलता रहता जुदाई में 
फिर मौका देख मांग भर देता
 चुपके से तन्हाई में 
डूबते डूबते दे जाता है 
ऐसा खामोश प्यार
जिसका शाम , सुबह से ही 
करने लगती है इंतजार

©s गोल्डी

शाम भी सुहागन होना चाहती हैं दिवाकर के इश्क में खोना चाहती हैं दिन भर वो भी जलता रहता जुदाई में फिर मौका देख मांग भर देता चुपके से तन्हा

12 Love

#शुमार  White जुदा होकर भी उसका इंतज़ार है तो है 
उस ज़ालिम से आज भी प्यार है तो है
 ख़बर है मुझे उसकी नज़र अंदाज़ी की मगर उसे देखने को दिल बेकरार है तो है 
वो करते रहे गैरो सा सलूक हम से मगर वो मेरे अपनो में शुमार है तो है
 नफरत की दीवार, चाहे खड़ी कर दें तो नफरत मगर फिर भी उस पे जां निसार है तो हे बेशक़ मोहब्बत आज भी उसी से है धड़कनें आज भी उसकी तलबगार है तो है…

©Vic@tory

#शुमार है तो है

90 View

हम तो बस हो लिए हैं शोख़ बदन के पीछे हमको मालूम कहाँ है कि किधर जाते हैं! ©Ghumnam Gautam

#शायरी #ghumnamgautam #बदन  हम तो बस हो लिए हैं शोख़ बदन के पीछे
हमको मालूम कहाँ है कि किधर जाते हैं!

©Ghumnam Gautam
#दुश्वारियां #घर_आंगन #अंधकार #सवेरों #आरियां #कोट्स  White ,,,,,,,,,,,,,वक्त पर चल रही हैं आरियां ,,,,,,,,,,,,

,,,,,,,,,,,जीने नहीं दे रही हैं ये दुश्वारियां ,,,,,,,,,

अंधकार फैला हुआ है रातों के बिना

दिन ये शुरू हो रहा है सावरों के बिना

सूना सूना घर आंगन है 

सूना सूना तन मन है

सुने पड़े दिल के खाली खाली कोनों में 

 टूटता ये मेरा बदन है 

,,,,,,,,जीने नहीं दे रही हैं ये दुश्वारियां ,,,,,,

,,,,,,,,,,वक्त पर चल रही हैं आरियां ,,,,,,,

©Rakesh frnds4ever

#वक्त पर चल रही हैं #आरियां ,,,,,,,,,,,, ,,,,,,,,,,,जीने नहीं दे रही हैं ये #दुश्वारियां ,,,,,,,,, #अंधकार फैला हुआ है रातों के बिना द

135 View

White चलना है विश्राम नहीं है.... ------------------------------ चलना है विश्राम नहीं है। व्यर्थ में करना आराम नहीं है। अमूल्य समय गंवाने से, बनता कोई काम नहीं है। समय जो एक बार चला जाएगा। वापस वह लौट कर नहीं आएगा। चाहे तुम जितना जोर लगा लो, समय का चक्र तो ना घूम पाएगा। जीवन को ना समझो सुमन-पथ। यह तो है ;बिन पहियों का रथ। खींच कर तुमको ले जाना है, और पार करना है यह अग्निपथ। संकल्प और स्वाभिमान जीवन पथ पर संगी होंगे। तभी तो पूर्ण जीवन के हर एक सपने होंगे। अनवरत हो आगे ही आगे जब तुम बढ़ते जाओगे, तो कांटे भी इस पथ के फूलों से कोमल होंगे। स्वरचित और मौलिक रियंका आलोक मदेशिया ©Riyanka Alok Madeshiya

#चलना  White चलना है विश्राम नहीं है.... 
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चलना है विश्राम नहीं है। 
व्यर्थ में करना आराम नहीं है। 
अमूल्य समय गंवाने से, 
बनता कोई काम नहीं है। 

समय जो एक बार चला जाएगा। 
वापस वह लौट कर नहीं आएगा। 
चाहे तुम जितना जोर लगा लो, 
समय का चक्र तो ना घूम पाएगा। 

जीवन को ना समझो  सुमन-पथ। 
यह तो है ;बिन पहियों का रथ। 
खींच कर तुमको ले जाना है, 
और पार करना है यह अग्निपथ। 

 संकल्प और स्वाभिमान जीवन पथ पर संगी होंगे। 
तभी तो पूर्ण जीवन के हर एक सपने होंगे। 
अनवरत हो आगे ही आगे जब तुम बढ़ते जाओगे, 
तो कांटे भी इस पथ के फूलों से कोमल होंगे। 

स्वरचित और मौलिक

रियंका आलोक मदेशिया

©Riyanka Alok Madeshiya

#चलना है विश्राम नहीं है

10 Love

White छिप भी जाता है नज़र आता है.. चाँद है हुश्न पे इतराता है.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY

#चाँद  White  छिप भी जाता है नज़र आता है..

चाँद है हुश्न पे इतराता है..


यूसुफ आर खान...

©F M POETRY

#चाँद है हुश्न पे इतराता है....

20 Love

शाम भी सुहागन होना चाहती हैं दिवाकर के इश्क में खोना चाहती हैं दिन भर वो भी जलता रहता जुदाई में फिर मौका देख मांग भर देता चुपके से तन्हाई में डूबते डूबते दे जाता है ऐसा खामोश प्यार जिसका शाम , सुबह से ही करने लगती है इंतजार ©s गोल्डी

 शाम भी सुहागन होना चाहती हैं 
दिवाकर के इश्क में खोना चाहती हैं
दिन भर वो भी जलता रहता जुदाई में 
फिर मौका देख मांग भर देता
 चुपके से तन्हाई में 
डूबते डूबते दे जाता है 
ऐसा खामोश प्यार
जिसका शाम , सुबह से ही 
करने लगती है इंतजार

©s गोल्डी

शाम भी सुहागन होना चाहती हैं दिवाकर के इश्क में खोना चाहती हैं दिन भर वो भी जलता रहता जुदाई में फिर मौका देख मांग भर देता चुपके से तन्हा

12 Love

#शुमार  White जुदा होकर भी उसका इंतज़ार है तो है 
उस ज़ालिम से आज भी प्यार है तो है
 ख़बर है मुझे उसकी नज़र अंदाज़ी की मगर उसे देखने को दिल बेकरार है तो है 
वो करते रहे गैरो सा सलूक हम से मगर वो मेरे अपनो में शुमार है तो है
 नफरत की दीवार, चाहे खड़ी कर दें तो नफरत मगर फिर भी उस पे जां निसार है तो हे बेशक़ मोहब्बत आज भी उसी से है धड़कनें आज भी उसकी तलबगार है तो है…

©Vic@tory

#शुमार है तो है

90 View

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