White मयक़दा
है लबों का जाम उस में, मयकदा रुखसार का ।।
दे गई वो इक बहाना ,यार सुन इजहार का!!
तुम समायी धड़कनों में बन रही हो जान भी ,
ना कभी होना जुदा तुम ,साथ देना यार का !!
भौर से ही आज मन में ,...है अनोखा द्वंद क्यों,
कायदा क्या ,हो उसुल अब इश्क के इकरार का!!
आज मन गंभीर हैं ,इक कशमकश भी हैं छिड़ी ,
दिल यही कहता रहे, क्या दे सिला सुन प्यार का !!
नब्ज़ मेरी चल रही है ,आज क्यों कम तर सनम,
चाहतो का बन मसीहा तुम बनो दिलदार का!!
लड़खड़ाये हैं कदम.. राहें बनी हैं अजनबी,
साथ पाकर ...मै करूँगा सामना संसार का !!
है" अपेक्षा" जादू कोई इस ग़ज़ल का आज तो,
हाल पूछेगा जमाना देखना "सरकार "का !!
©Apekshavyas
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