Apekshavyas

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ग़ज़ल में सनम की इनायत लिखी हैं। मुहब्बत मुहब्बत मुहब्बत लिखी हैं।। करम जो हो अगर मिले साथ तेरा , अपेक्षा की हमने इबादत लिखी हैं।। ©Apekshavyas

#shayari❤️se #शायरी #nojoto_poetry #nojothindi #foryoupage  ग़ज़ल में सनम की इनायत लिखी हैं।
मुहब्बत मुहब्बत मुहब्बत लिखी हैं।।
करम जो हो अगर मिले साथ तेरा ,
अपेक्षा की हमने इबादत लिखी हैं।।

©Apekshavyas

White बीते अतीत के पन्नों से गुजर रही अचानक ठहर सी गई .......यादें, कारंवा जो अनन्त सपनों के संग, थाम चल रहा था कुछ उम्मीदें , निश्चल आकाश की परछाई , उतर आई थी जो अतल सागर पर, हिलौरे लेते स्वपन की तरह ...... और मैं समेट रही थी उन ख्वाबों को जो #हर_ख्वाब_सलीके_से_बिखरा_मेरे_आगे। चंद ख्वाहिशें जो दामन मे समेट लाई संग , ए काश! कोई तो हो जो कहे ........ मै हूँ ना। खोल लो अपनी मुट्ठी , और दे दो अपने ख़्वाब जो अब साकार करने है मुझे तुम संग , अपुर्ण ता को छोड़ पुर्णता को , मैं और मेरे ख़्वाब चल पड़े , संग उस के एक नई "निविद" ।। Apeksha vyas ©Apekshavyas

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बीते अतीत के पन्नों से गुजर रही
अचानक ठहर सी गई .......यादें,
कारंवा जो अनन्त सपनों के संग,
थाम चल रहा था कुछ उम्मीदें ,
निश्चल आकाश की परछाई ,
उतर आई थी जो अतल सागर पर,
हिलौरे लेते स्वपन की तरह ......
और मैं समेट रही थी उन ख्वाबों को 
जो #हर_ख्वाब_सलीके_से_बिखरा_मेरे_आगे।

चंद ख्वाहिशें जो दामन मे समेट लाई संग ,
ए काश! कोई तो हो जो कहे ........
मै हूँ ना। खोल लो अपनी मुट्ठी ,
और दे दो अपने ख़्वाब जो अब 
साकार करने है मुझे तुम संग ,
अपुर्ण ता को छोड़ पुर्णता को ,
मैं और मेरे ख़्वाब चल पड़े ,
संग उस के एक नई "निविद" ।।
Apeksha vyas

©Apekshavyas

बीते अतीत के पन्नों से गुजर रही अचानक ठहर सी गई .......यादें, कारंवा जो अनन्त सपनों के संग, थाम चल रहा था कुछ उम्मीदें , निश्चल आकाश की परछाई , उतर आई थी जो अतल सागर पर, हिलौरे लेते स्वपन की तरह ...... और मैं समेट रही थी उन ख्वाबों को जो #हर_ख्वाब_सलीके_से_बिखरा_मेरे_आगे। चंद ख्वाहिशें जो दामन मे समेट लाई संग , ए काश! कोई तो हो जो कहे ........ मै हूँ ना। खोल लो अपनी मुट्ठी , और दे दो अपने ख़्वाब जो अब साकार करने है मुझे तुम संग , अपुर्ण ता को छोड़ पुर्णता को , मैं और मेरे ख़्वाब चल पड़े , संग उस के एक नई "निविद" ।। Apeksha ©Apekshavyas

#हर_ख्वाब_सलीके_से_बिखरा_मेरे_आगे #nojoto🖋️🖋️ #शायरी #sad_shayari #foryoypage  बीते अतीत के पन्नों से गुजर रही
अचानक ठहर सी गई .......यादें,
कारंवा जो अनन्त सपनों के संग,
थाम चल रहा था कुछ उम्मीदें ,
निश्चल आकाश की परछाई ,
उतर आई थी जो अतल सागर पर,
हिलौरे लेते स्वपन की तरह ......
और मैं समेट रही थी उन ख्वाबों को 
जो #हर_ख्वाब_सलीके_से_बिखरा_मेरे_आगे।

चंद ख्वाहिशें जो दामन मे समेट लाई संग ,
ए काश! कोई तो हो जो कहे ........
मै हूँ ना। खोल लो अपनी मुट्ठी ,
और दे दो अपने ख़्वाब जो अब 
साकार करने है मुझे तुम संग ,
अपुर्ण ता को छोड़ पुर्णता को ,
मैं और मेरे ख़्वाब चल पड़े ,
संग उस के एक नई "निविद" ।।
Apeksha

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ग़ज़ल फासला जैसे की सजा कोई । जो मिले ग़र सनम अत़ा कोई।। अब नज़र भी झुकी झुकी सी हैं , थाम कर हाथ मेरा मिला कोई ।। क्यूँ थमी सी लगे हमे साँसे , टल गया फिर से हादसा कोई।। दौर थम सा गया वफाओ का , मोहबत में अजी रूठा कोई।। ना अपेक्षा छुपा कलम तेरी , लिख ग़जल मे तू दुआ कोई ।। Apeksha Vyas ©Apekshavyas

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फासला जैसे की सजा कोई ।
जो मिले ग़र सनम अत़ा कोई।।

अब नज़र भी झुकी झुकी सी हैं ,
थाम कर हाथ मेरा मिला कोई ।।

क्यूँ थमी सी लगे हमे साँसे ,
टल गया फिर से हादसा कोई।।

दौर थम सा गया वफाओ का ,
मोहबत में अजी रूठा कोई।।

ना अपेक्षा छुपा कलम तेरी ,
लिख ग़जल मे तू दुआ कोई ।।
Apeksha Vyas

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नज़र से नज़र ने जाने क्या कहा? दिल ये हमारा दिल्लगी कर बैठा। ©Apekshavyas

#my📓my🖋️ #शायरी #nojatoshayari #Nojoto2liner #foryoupage  नज़र से नज़र ने जाने क्या कहा?
दिल ये हमारा दिल्लगी कर बैठा।

©Apekshavyas
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