बीते अतीत के पन्नों से गुजर रही अचानक ठहर सी गई .......यादें, कारंवा जो अनन्त सपनों के संग, थाम चल रहा था कुछ उम्मीदें , निश्चल आकाश की परछाई , उतर आई थी जो अतल.
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