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तुम्हे प्यार है मुझसे,पर कब तक! जब तक......!!

144 View

White पल्लव की डायरी अनकही जिंदगी है तरह तरह से रोज रोज सताती है उगते,अस्त होते,चाँद सूरज पड़ाव उम्रो के हम कितने चढ़ जाते है मलते रहते ख्वाहिश के सपने मेहनत कर कर मर जाते है उसूलो वाले संसार की जमात में हम जैसे नेक सत्यवादी पनप नही पाते है सज्जनता का यहाँ ना कोई मोल घुट कर जलील सब करते जाते है पाप के सब बाप है यहाँ हर हिस्से ईमानदार के खाये जाते है नीयत और नैतिकता की आड़ लिये शिकार सबको बनाये जाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
अनकही जिंदगी है 
तरह तरह से रोज रोज सताती है
उगते,अस्त होते,चाँद सूरज
पड़ाव उम्रो के हम कितने चढ़ जाते है
मलते रहते ख्वाहिश के सपने
मेहनत कर कर मर जाते है
उसूलो वाले संसार की जमात में
हम जैसे नेक सत्यवादी पनप नही पाते है
  सज्जनता का यहाँ ना कोई मोल
 घुट कर जलील सब करते जाते है
पाप के सब बाप है यहाँ
हर हिस्से ईमानदार के खाये जाते है
नीयत और नैतिकता की आड़ लिये
शिकार सबको बनाये जाते है
                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes पाप के सब बाप है यहाँ

17 Love

झूठ की चमक पल भर की है, सच्चाई का आलोक सदियों तक बरकरार रहता है। ©Srinivas

#कोट्स  झूठ की चमक पल भर की है, सच्चाई का आलोक सदियों तक बरकरार रहता है।

©Srinivas

झूठ की चमक पल भर की है, सच्चाई का आलोक सदियों तक बरकरार रहता है।

10 Love

White यहाँ कितने सारे घर है, फिर भी तनहा हम है, ए कैसा अपशुगुन है। ©Sunil Kumar Sharma

#nojotohindistory #alone_sad_shayri #यहाँ #Quotes  White यहाँ कितने सारे घर है, फिर भी तनहा हम है, ए कैसा अपशुगुन है।

©Sunil Kumar Sharma
#कविता #nojotohindi #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
मानसिकता के दाँव पेच है
निजी जिंदगियां यहाँ सुलग रही है
हाथ हमारे कुछ भी नही आता
मगर निजी आजादी के नाम पर
ढांचा समाज और परिवार का टूटा जाता है
राजा हो या सियासत उनको
दुकड़े कर करके,बाटते रहना
सत्ता बचाने का ये ही फार्मूला आता है
फले ना फूले कोई
अराजकता की चिंगारी लगाना आता है
जाति धर्म औजार बन गये इनके
मानवता का मर्म इन्हें नही सुहाता है
हुनरमंद बनाकर काबलियत पाना
आज की सियासत को नही भाता है
                                          प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes निजी जिंदगियां यहाँ सुलग रही है #nojotohindi

198 View

#मेरी #meradil #लव  यहाँ से कहाँ तक
वहाँ से यहाँ तक
मेरे दिल में तू है
जहाँ से यहाँ तक...!!
#मेरी रुह©

#meradil यहाँ से कहाँ तक वहाँ से यहाँ तक मेरे दिल में तू है जहाँ से यहाँ तक...!! #मेरी रुह©

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तुम्हे प्यार है मुझसे,पर कब तक! जब तक......!!

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White पल्लव की डायरी अनकही जिंदगी है तरह तरह से रोज रोज सताती है उगते,अस्त होते,चाँद सूरज पड़ाव उम्रो के हम कितने चढ़ जाते है मलते रहते ख्वाहिश के सपने मेहनत कर कर मर जाते है उसूलो वाले संसार की जमात में हम जैसे नेक सत्यवादी पनप नही पाते है सज्जनता का यहाँ ना कोई मोल घुट कर जलील सब करते जाते है पाप के सब बाप है यहाँ हर हिस्से ईमानदार के खाये जाते है नीयत और नैतिकता की आड़ लिये शिकार सबको बनाये जाते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव"

#कविता #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
अनकही जिंदगी है 
तरह तरह से रोज रोज सताती है
उगते,अस्त होते,चाँद सूरज
पड़ाव उम्रो के हम कितने चढ़ जाते है
मलते रहते ख्वाहिश के सपने
मेहनत कर कर मर जाते है
उसूलो वाले संसार की जमात में
हम जैसे नेक सत्यवादी पनप नही पाते है
  सज्जनता का यहाँ ना कोई मोल
 घुट कर जलील सब करते जाते है
पाप के सब बाप है यहाँ
हर हिस्से ईमानदार के खाये जाते है
नीयत और नैतिकता की आड़ लिये
शिकार सबको बनाये जाते है
                                            प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes पाप के सब बाप है यहाँ

17 Love

झूठ की चमक पल भर की है, सच्चाई का आलोक सदियों तक बरकरार रहता है। ©Srinivas

#कोट्स  झूठ की चमक पल भर की है, सच्चाई का आलोक सदियों तक बरकरार रहता है।

©Srinivas

झूठ की चमक पल भर की है, सच्चाई का आलोक सदियों तक बरकरार रहता है।

10 Love

White यहाँ कितने सारे घर है, फिर भी तनहा हम है, ए कैसा अपशुगुन है। ©Sunil Kumar Sharma

#nojotohindistory #alone_sad_shayri #यहाँ #Quotes  White यहाँ कितने सारे घर है, फिर भी तनहा हम है, ए कैसा अपशुगुन है।

©Sunil Kumar Sharma
#कविता #nojotohindi #sad_quotes  White पल्लव की डायरी
मानसिकता के दाँव पेच है
निजी जिंदगियां यहाँ सुलग रही है
हाथ हमारे कुछ भी नही आता
मगर निजी आजादी के नाम पर
ढांचा समाज और परिवार का टूटा जाता है
राजा हो या सियासत उनको
दुकड़े कर करके,बाटते रहना
सत्ता बचाने का ये ही फार्मूला आता है
फले ना फूले कोई
अराजकता की चिंगारी लगाना आता है
जाति धर्म औजार बन गये इनके
मानवता का मर्म इन्हें नही सुहाता है
हुनरमंद बनाकर काबलियत पाना
आज की सियासत को नही भाता है
                                          प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"

#sad_quotes निजी जिंदगियां यहाँ सुलग रही है #nojotohindi

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#मेरी #meradil #लव  यहाँ से कहाँ तक
वहाँ से यहाँ तक
मेरे दिल में तू है
जहाँ से यहाँ तक...!!
#मेरी रुह©

#meradil यहाँ से कहाँ तक वहाँ से यहाँ तक मेरे दिल में तू है जहाँ से यहाँ तक...!! #मेरी रुह©

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