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New आवारा बरसात Status, Photo, Video

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तुमने अभी अभी जो कहा वो अर्ज़ नहीं था, था मैं आवारा पर ख़ुदग़र्ज़ नहीं था। टूटे होंगे कई शीशें महल के अंदर, माना कि था मुझे शिकवा ग़म –ए –हयात का लेकिन मैं मर्ज़ नहीं था। ©Surkh ( سرخ )

#शिकवा #आवारा #अर्ज़ #trending_shayri #loveshayari  तुमने अभी अभी जो कहा वो अर्ज़ नहीं था,
था मैं आवारा पर ख़ुदग़र्ज़ नहीं था।
टूटे होंगे कई शीशें महल के अंदर,
माना कि था मुझे शिकवा ग़म –ए –हयात का
 लेकिन मैं मर्ज़ नहीं था।

©Surkh ( سرخ )

White तुमने बरसात को बरसते हुए देखा होगा, कई लोगों को अपनों के लिए तड़पते हुए देखा होगा। वो झूठे नहीं होते सुर्ख, तुमने भी कभी अपनी ही भरी हुई पलकों से अश्कों को गिरते देखा होगा!! ©Surkh ( سرخ )

#शायरी #बरसात #अश्क #rainy_season  White  


 तुमने बरसात को बरसते हुए देखा होगा,
कई लोगों को अपनों के लिए तड़पते हुए देखा होगा।
वो झूठे नहीं होते सुर्ख,
तुमने भी कभी अपनी ही भरी हुई पलकों से अश्कों को गिरते देखा होगा!!

©Surkh ( سرخ )

बीते दिन बरसात के, फूले कास निहार। बड़ी रात के नाम से, दिवस हुए लाचार।। धीरे-धीरे झॉंक कर, कोहरा कर अनुमान। बीते दिन बरसात के, धुंध नयी मेहमान।। सेवानिवृत्त करैं सभी, विगत ज्यों वर्षा-बात। आज चुनौती हैं नयी, उनको क्या यह ज्ञात।। बीता मौसम मेंह का, प्रकृति न अब उमसाय। आया मौसम शौकिया, सब का मन हर्षाय।। मिलन अश्रु नहिं नयन मॉं, बीत गयी बरसात। अली कली और तितलियॉं, करें मिलन की बात।। ©Shiv Narayan Saxena

#बारिशें  बीते दिन बरसात के, फूले कास निहार।
बड़ी रात के नाम से, दिवस हुए लाचार।।

धीरे-धीरे झॉंक कर, कोहरा कर अनुमान।
बीते दिन बरसात के, धुंध  नयी  मेहमान।।

सेवानिवृत्त करैं सभी, विगत ज्यों वर्षा-बात।
आज चुनौती हैं नयी, उनको क्या यह ज्ञात।।

बीता मौसम मेंह का, प्रकृति न अब उमसाय।
आया  मौसम  शौकिया, सब का  मन हर्षाय।।

मिलन  अश्रु  नहिं  नयन  मॉं, बीत गयी बरसात।
अली कली और तितलियॉं, करें मिलन की बात।।

©Shiv Narayan Saxena

#बारिशें बीते दिन बरसात के..... hindi poetry on life

15 Love

चलो आँखों में भर लो पर मुझे सपना नहीं करना किसी भी और को मेरे सिवा अपना नहीं करना चाही है तुम से इतनी वफ़ा बस इतनी वफ़ा मेरी साँसों को आख़िर तक तेरी ही ख़ुश्बू महकाए नहीं ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए... कि जब तक साँस बाक़ी है मिलन की आस बाक़ी है समंदर सामने है पर ये सच है प्यास बाक़ी है हो जाएं चाहे दोनों जुदा, हम-दोनों जुदा यही मेरी दुआ होगी मुझे तू भूल हरसाए मगर ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए... शिक़ायत है मुझे तुमसे तुम्हीं से इश्क-ओ-उल्फ़त है मेरी हर साँस को दिलवर तुम्हारी ही ज़रूरत है बहते इन अश्क़ों की ये है सदा हाँ, ये है सदा भले पत्थर मिलें मुझको,मगर तू फूल ही पाए नहीं ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए.... मूल गीत― समीर ©Ghumnam Gautam

#प्रतिगीत #बरसात #ghumnamgautam #याद #जान  चलो आँखों में भर लो पर मुझे सपना नहीं करना
किसी भी और को मेरे सिवा अपना नहीं करना
चाही है तुम से इतनी वफ़ा बस इतनी वफ़ा
मेरी साँसों को आख़िर तक तेरी ही ख़ुश्बू महकाए
नहीं ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए
तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए...

कि जब तक साँस बाक़ी है मिलन की आस बाक़ी है
समंदर सामने है पर ये सच है प्यास बाक़ी है
हो जाएं चाहे दोनों जुदा, हम-दोनों जुदा
यही मेरी दुआ होगी मुझे तू भूल हरसाए 
मगर ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए
तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए...

शिक़ायत है मुझे तुमसे तुम्हीं से इश्क-ओ-उल्फ़त है
मेरी हर साँस को दिलवर तुम्हारी ही ज़रूरत है
बहते इन अश्क़ों की ये है सदा हाँ, ये है सदा
भले पत्थर मिलें मुझको,मगर तू फूल ही पाए
नहीं ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए
तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए....

मूल गीत― समीर

©Ghumnam Gautam

सावन और मोहब्बत बरसात की अंधेरो में, एक उजाला दिल को छू गया । सड़क भीगा - भीगा, मुझसे कुछ शायरी कह गया।। आज चाँद तो नहीं आया, पर एक प्रकाश ने, मुझे एक संदेश दे गया, मौसम रंगीन, स्वप्न कि दुनिया हो जैसे। मन चंचल, मेरी मोहब्बत, बाहों में सिमटी हो जैसे।। दूर होकर भी , पास होने कि एहसास, मेरी खामोश होठों को, एक प्यारी सी मुस्कान दे गया।। लेखक ; विजय सर जी ©Vijay Kumar

#लव  सावन और मोहब्बत

बरसात की अंधेरो में, एक उजाला दिल को छू गया  । 
सड़क भीगा - भीगा, मुझसे कुछ शायरी कह गया।। 
आज चाँद तो नहीं आया, पर एक प्रकाश ने, 
मुझे एक संदेश दे गया, 
मौसम रंगीन, स्वप्न कि दुनिया हो जैसे। 
मन चंचल, 
मेरी मोहब्बत, बाहों में सिमटी हो जैसे।। 
दूर होकर भी , पास होने कि एहसास, 
मेरी खामोश होठों को, एक प्यारी सी मुस्कान दे गया।। 

लेखक ; विजय सर जी

©Vijay Kumar

बरसात और मोहब्बत लव स्टेटस शायरी लव स्टोरी

11 Love

#कविता

काव्य महारथी प्रवीण पाण्डेय "आवारा", लखनऊ, उत्तरप्रदेश प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविता कविता कोश कविताएं

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तुमने अभी अभी जो कहा वो अर्ज़ नहीं था, था मैं आवारा पर ख़ुदग़र्ज़ नहीं था। टूटे होंगे कई शीशें महल के अंदर, माना कि था मुझे शिकवा ग़म –ए –हयात का लेकिन मैं मर्ज़ नहीं था। ©Surkh ( سرخ )

#शिकवा #आवारा #अर्ज़ #trending_shayri #loveshayari  तुमने अभी अभी जो कहा वो अर्ज़ नहीं था,
था मैं आवारा पर ख़ुदग़र्ज़ नहीं था।
टूटे होंगे कई शीशें महल के अंदर,
माना कि था मुझे शिकवा ग़म –ए –हयात का
 लेकिन मैं मर्ज़ नहीं था।

©Surkh ( سرخ )

White तुमने बरसात को बरसते हुए देखा होगा, कई लोगों को अपनों के लिए तड़पते हुए देखा होगा। वो झूठे नहीं होते सुर्ख, तुमने भी कभी अपनी ही भरी हुई पलकों से अश्कों को गिरते देखा होगा!! ©Surkh ( سرخ )

#शायरी #बरसात #अश्क #rainy_season  White  


 तुमने बरसात को बरसते हुए देखा होगा,
कई लोगों को अपनों के लिए तड़पते हुए देखा होगा।
वो झूठे नहीं होते सुर्ख,
तुमने भी कभी अपनी ही भरी हुई पलकों से अश्कों को गिरते देखा होगा!!

©Surkh ( سرخ )

बीते दिन बरसात के, फूले कास निहार। बड़ी रात के नाम से, दिवस हुए लाचार।। धीरे-धीरे झॉंक कर, कोहरा कर अनुमान। बीते दिन बरसात के, धुंध नयी मेहमान।। सेवानिवृत्त करैं सभी, विगत ज्यों वर्षा-बात। आज चुनौती हैं नयी, उनको क्या यह ज्ञात।। बीता मौसम मेंह का, प्रकृति न अब उमसाय। आया मौसम शौकिया, सब का मन हर्षाय।। मिलन अश्रु नहिं नयन मॉं, बीत गयी बरसात। अली कली और तितलियॉं, करें मिलन की बात।। ©Shiv Narayan Saxena

#बारिशें  बीते दिन बरसात के, फूले कास निहार।
बड़ी रात के नाम से, दिवस हुए लाचार।।

धीरे-धीरे झॉंक कर, कोहरा कर अनुमान।
बीते दिन बरसात के, धुंध  नयी  मेहमान।।

सेवानिवृत्त करैं सभी, विगत ज्यों वर्षा-बात।
आज चुनौती हैं नयी, उनको क्या यह ज्ञात।।

बीता मौसम मेंह का, प्रकृति न अब उमसाय।
आया  मौसम  शौकिया, सब का  मन हर्षाय।।

मिलन  अश्रु  नहिं  नयन  मॉं, बीत गयी बरसात।
अली कली और तितलियॉं, करें मिलन की बात।।

©Shiv Narayan Saxena

#बारिशें बीते दिन बरसात के..... hindi poetry on life

15 Love

चलो आँखों में भर लो पर मुझे सपना नहीं करना किसी भी और को मेरे सिवा अपना नहीं करना चाही है तुम से इतनी वफ़ा बस इतनी वफ़ा मेरी साँसों को आख़िर तक तेरी ही ख़ुश्बू महकाए नहीं ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए... कि जब तक साँस बाक़ी है मिलन की आस बाक़ी है समंदर सामने है पर ये सच है प्यास बाक़ी है हो जाएं चाहे दोनों जुदा, हम-दोनों जुदा यही मेरी दुआ होगी मुझे तू भूल हरसाए मगर ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए... शिक़ायत है मुझे तुमसे तुम्हीं से इश्क-ओ-उल्फ़त है मेरी हर साँस को दिलवर तुम्हारी ही ज़रूरत है बहते इन अश्क़ों की ये है सदा हाँ, ये है सदा भले पत्थर मिलें मुझको,मगर तू फूल ही पाए नहीं ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए.... मूल गीत― समीर ©Ghumnam Gautam

#प्रतिगीत #बरसात #ghumnamgautam #याद #जान  चलो आँखों में भर लो पर मुझे सपना नहीं करना
किसी भी और को मेरे सिवा अपना नहीं करना
चाही है तुम से इतनी वफ़ा बस इतनी वफ़ा
मेरी साँसों को आख़िर तक तेरी ही ख़ुश्बू महकाए
नहीं ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए
तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए...

कि जब तक साँस बाक़ी है मिलन की आस बाक़ी है
समंदर सामने है पर ये सच है प्यास बाक़ी है
हो जाएं चाहे दोनों जुदा, हम-दोनों जुदा
यही मेरी दुआ होगी मुझे तू भूल हरसाए 
मगर ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए
तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए...

शिक़ायत है मुझे तुमसे तुम्हीं से इश्क-ओ-उल्फ़त है
मेरी हर साँस को दिलवर तुम्हारी ही ज़रूरत है
बहते इन अश्क़ों की ये है सदा हाँ, ये है सदा
भले पत्थर मिलें मुझको,मगर तू फूल ही पाए
नहीं ये हो नहीं सकता कि तेरी याद ना आए
तुझे भूलने से पहले मेरी जान चली जाए....

मूल गीत― समीर

©Ghumnam Gautam

सावन और मोहब्बत बरसात की अंधेरो में, एक उजाला दिल को छू गया । सड़क भीगा - भीगा, मुझसे कुछ शायरी कह गया।। आज चाँद तो नहीं आया, पर एक प्रकाश ने, मुझे एक संदेश दे गया, मौसम रंगीन, स्वप्न कि दुनिया हो जैसे। मन चंचल, मेरी मोहब्बत, बाहों में सिमटी हो जैसे।। दूर होकर भी , पास होने कि एहसास, मेरी खामोश होठों को, एक प्यारी सी मुस्कान दे गया।। लेखक ; विजय सर जी ©Vijay Kumar

#लव  सावन और मोहब्बत

बरसात की अंधेरो में, एक उजाला दिल को छू गया  । 
सड़क भीगा - भीगा, मुझसे कुछ शायरी कह गया।। 
आज चाँद तो नहीं आया, पर एक प्रकाश ने, 
मुझे एक संदेश दे गया, 
मौसम रंगीन, स्वप्न कि दुनिया हो जैसे। 
मन चंचल, 
मेरी मोहब्बत, बाहों में सिमटी हो जैसे।। 
दूर होकर भी , पास होने कि एहसास, 
मेरी खामोश होठों को, एक प्यारी सी मुस्कान दे गया।। 

लेखक ; विजय सर जी

©Vijay Kumar

बरसात और मोहब्बत लव स्टेटस शायरी लव स्टोरी

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#कविता

काव्य महारथी प्रवीण पाण्डेय "आवारा", लखनऊ, उत्तरप्रदेश प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविता कविता कोश कविताएं

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