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बेशक़ एक वफादार दोस्त दस हजार रिस्तेदारो से बेहतर होता है ©Sarfaraj idrishi

#Friendship  बेशक़
एक वफादार दोस्त
 दस हजार रिस्तेदारो से बेहतर होता है

©Sarfaraj idrishi

#Friendship बेशक एक वफादार दोस्त दस हजार दोस्तो से बेहतर होता है @Frame Matter @Sethi Ji @Ayesha Aarya Singh @Suraj Maurya @Yadav Ravi Isl

13 Love

=============================== समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी =============================== शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है, माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा। महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप, क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।। शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए। माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर, स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।। नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की, प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी। दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।। नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों, इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।। अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे, अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।। माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी, कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति। सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो, सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।। कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को, स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।। चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे, समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।। =========================== ©बेजुबान शायर shivkumar

#चंद्रघंटा #नवरात्रि #ब्रह्मा #महागौरी #विष्णु #भक्ति  ===============================
      समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी
===============================

शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है,
माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा।
महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप,
क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।।

शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, 
अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए।
माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर,
स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।।

नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की,
प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी।
दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, 
तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।।

नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों,
इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।।
अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे,
अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।।

माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी,
कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति।
सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो,
सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।।




कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को,
स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।।
चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे,
समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।।

===========================

©बेजुबान शायर shivkumar
#कविता  White दस दिन के दस धर्म।
सिखाते है कैसे काटे कर्म।।
जीवन के चक्र भंवर से।
कैसे जाये भव से  तर।।
क्या रखा है,जीवन में।
रे मानव स्व कल्याण कर।।
कब तक रहेंगे जीवन में।
हम खुद को संवार कर ।।
पुण्य कर्म कमा, क्यू ना जीले।
अपना आत्मकल्याण कर।।
पाप कमाते कितना हम।
मान अहंकार में डूब कर।
बुरे के साथ बुरा करके हम।
क्या पा लेंगे सत धर्म कर।।
मन में क्षमादान के भाव रख।
मांग क्षमा तू सत्य धर्म कर।।
ना रख बैर,न रख अहम।
जिसे तू,जो तुझे पसंद नही।
ना बैर,ना प्रेम व्यबाहर कर।।
मांग ले क्षमा उससे भी हाथ जोड़कर।
मन को अपने तू बोझ से हल्का कर।।
साधना अपनी पूर्णकर खुद को तपाकर।
तोड़ दे अहंकार सारे उत्तम क्षमा मांगकर।।

©chahat

दस धर्म......

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बेशक़ एक वफादार दोस्त दस हजार रिस्तेदारो से बेहतर होता है ©Sarfaraj idrishi

#Friendship  बेशक़
एक वफादार दोस्त
 दस हजार रिस्तेदारो से बेहतर होता है

©Sarfaraj idrishi

#Friendship बेशक एक वफादार दोस्त दस हजार दोस्तो से बेहतर होता है @Frame Matter @Sethi Ji @Ayesha Aarya Singh @Suraj Maurya @Yadav Ravi Isl

13 Love

=============================== समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी =============================== शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है, माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा। महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप, क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।। शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए। माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर, स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।। नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की, प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी। दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।। नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों, इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।। अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे, अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।। माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी, कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति। सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो, सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।। कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को, स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।। चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे, समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।। =========================== ©बेजुबान शायर shivkumar

#चंद्रघंटा #नवरात्रि #ब्रह्मा #महागौरी #विष्णु #भक्ति  ===============================
      समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी
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शिव से विवाह कर महागौरी ने धारी है,
माथे पर अर्धचंद्रमाॅं तो कहलाईं चंद्रघंटा।
महिषासुर से ब्रह्मा,विष्णु, महेश के कोप,
क्रोधाग्नि ऊर्जा से प्रगटी है माॅं चंद्रघंटा।।

शिव त्रिशूल,विष्णु चक्र, इंद्र घंटा,सूर्य ने, 
अपना तेज,तलवार,और सिंह सौंप दिए।
माॅंं महिषासुरमर्दिनी आक्राॅंता वध कर,
स्वर्ग में देवों के दूर राक्षसी खौप किए।।

नवरात्रि तृतीय दिवस माॅंं चन्द्रघंटा की,
प्रताप परम शांतिदायक,कल्याणकारी।
दस हाथों में खड्ग,बाण, कमल, धनुष, 
तलवार,त्रिशूल,गदा वअस्त्र-शस्त्र धारी।।

नौ रात्रि माॅं की विलक्षण कहानी भक्तों,
इस विधि कहलाईं है माॅं शिव पटरानी।।
अनन्त-अनादि ब्रम्ह की अद्भुत शक्ति वे,
अखण्ड साधना-तपोबल से हुई वरदानी।।

माता की अलौकिक स्वरूप दिलाएगी,
कलयुगी क्रुर-पापी-पाखण्डि़यों से मुक्ति।
सहृदय माॅं की आराधना-साधना करें तो,
सुझाऍंगी माता कठिन समय नव युक्ति।।




कमल,शंखपुष्पी फूल अर्पित करें माॅंं को,
स्वर्णिम आज शास्वत महाशक्ति दायिनी।।
चंचल मन राक्षस न बने विकृत हो कर रे,
समर्पित माॅं चंद्रघंटा की महिममयी कहानी।।

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©बेजुबान शायर shivkumar
#कविता  White दस दिन के दस धर्म।
सिखाते है कैसे काटे कर्म।।
जीवन के चक्र भंवर से।
कैसे जाये भव से  तर।।
क्या रखा है,जीवन में।
रे मानव स्व कल्याण कर।।
कब तक रहेंगे जीवन में।
हम खुद को संवार कर ।।
पुण्य कर्म कमा, क्यू ना जीले।
अपना आत्मकल्याण कर।।
पाप कमाते कितना हम।
मान अहंकार में डूब कर।
बुरे के साथ बुरा करके हम।
क्या पा लेंगे सत धर्म कर।।
मन में क्षमादान के भाव रख।
मांग क्षमा तू सत्य धर्म कर।।
ना रख बैर,न रख अहम।
जिसे तू,जो तुझे पसंद नही।
ना बैर,ना प्रेम व्यबाहर कर।।
मांग ले क्षमा उससे भी हाथ जोड़कर।
मन को अपने तू बोझ से हल्का कर।।
साधना अपनी पूर्णकर खुद को तपाकर।
तोड़ दे अहंकार सारे उत्तम क्षमा मांगकर।।

©chahat

दस धर्म......

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