White आसमान में आज मायूसी का माहोल छाया हैं
लगता फिर कोई आशिक मोहब्बत में धोखा पाया हैं
ना जाने कितने दिल टूट गए आज तक हुस्न की नगरी में
यह इश्क़ विश्क़ प्यार व्यार बस दुनिया की मोह माया हैं
खुशनसीब होते हैं वोह लोग , ख़ुदा के करीब होते हैं वोह लोग
जिनके सर पर आज भी पिता का साया हैं
सेवा करो निस्वार्थ भाव से अपने माँ बाप की
उनके चरणों में सृष्टि का हर सुख - चैन समाया हैं
मोहब्बत बस सजा देती हैं , हर महबूब बस दगा देती हैं
मेरे अनुभवों से मुझे यहीं सिखाया हैं
कितना प्यार करता हूँ मैं अपने माँ बाप से
यह मैंने उनको आज अपने गले से लगा कर बताया हैं
जान जाती हैं हमारे दिल की बात बिना समझाएं
ऐ ऊपर वाले तूने हर माँ को कितनी खूबसूरती से बनाया हैं
सुकून मिलता है लिख कर अपने जज़्बात आप सबके सामने
आप सबने यह हमारा यह रिश्ता क्या निभाया हैं
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©Sethi Ji
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