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New पलके झुका Status, Photo, Video

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#AnjaliSinghal #loveshayari

"हम उनके देखने की अदा देखते हैं, कि भरी महफ़िल में वो हममें क्या देखते हैं! झुका लेते हैं अपनी नज़रों को वो फ़ौरन, जब देखते हैं वो कि हम उन

162 View

ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े  शीश चरणों में उनके झुका दीजिए  जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए  फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए  बाप का फर्ज जो भूल पाये नही  मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ  बात बेटों को इतनी बता दीजिए  घर में आई बहू है हमारे नई  आप नज़रे न उसको लगा दीजिए  इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ । जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए  मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको  उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए  साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें बात इतनी तो जग को बता दीजिए  हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की  आप राहों में रोड़े लगा दीजिए  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए ।
बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।।
थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े 
शीश चरणों में उनके झुका दीजिए 
जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए 
फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए 
बाप का फर्ज जो भूल पाये नही 
मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए
हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ 
बात बेटों को इतनी बता दीजिए 
घर में आई बहू है हमारे नई 
आप नज़रे न उसको लगा दीजिए 
इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ ।
जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए 
मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको 
उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए 
साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें
बात इतनी तो जग को बता दीजिए 
हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की 
आप राहों में रोड़े लगा दीजिए 
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े  शीश चरणों में उनके झुका दीजिए  जख़्

11 Love

 White एक पत्नी ने अपने पति से बड़े प्यार से कहा,
"सनम, क्या मेरे हुस्न में अब वो बात नहीं?
क्या अब तुझे मेरी कोई याद, कोई प्यार नहीं?

पहले तो तू मुझसे मीठी मीठी बातें करता था,
क्या अब हमारी बातों में वो मिठास नहीं?

क्या अब तेरे दिल में मेरे लिए वो जज़्बात नहीं?
या तेरे प्यार का इज़हार करने का अंदाज़ बदल गया है?"

पति ने खामोशी से नजरें झुका लीं,
शायद उनके दिल में कुछ और ही था,
पत्नी की आँखों में आँसू आ गए,
शायद अब उनके प्यार में कोई बात नहीं रही।

वो प्यार जो कभी आँखों में चमक लाता था,
अब वही आँखें नम हो गई थीं,
शायद वक्त ने उनके रिश्ते की मिठास को चुरा लिया,
या शायद अब उस प्यार का कोई पता नहीं रहा।

©#Mr.India

एक पत्नी ने अपने पति से बड़े प्यार से कहा, "सनम, क्या मेरे हुस्न में अब वो बात नहीं? क्या अब तुझे मेरी कोई याद, कोई प्यार नहीं? पहले तो तू

144 View

#शिक्षा #सिखाते #कविता #अधूरा #ज्ञान #महिमा  White 
,, हम गुरु चरणों में शीश झुकाएँ ,,
 

गुरु शरण नित शीश झुका कर,
अंतस सुख पा जाइए ।
मिलता अनुपम ज्ञान जहाँ से,
जीवन को सुखी यही बनाइए ।

भक्ति का सार सिखाते गुरु वर,
प्रभु मिलन की राह बनाइए।
नर देह धरी प्रभु ने जो धरा पर,
गुरु शरण में शीश झुकाया था ।

गुरु की महिमा का ज्ञान हमें,
गुरु शिक्षा से सिखलाया था।
भव सागर से तर जाने को,
जप नाम का मार्ग दिखाया था ।

गुरु बिन ज्ञान अधूरा होता,
यह गुर( तरीका)हमको सिखलाया था।
मात - पिता,गुरु,बंधु,सखा,
'गुरु ' सम ज्ञान की सीढ़ी हैं ।

गुरु मान इन्हें नित शीश झुका,
अंतस में इन्हें बिठाइए।
गुरु शरण नित शीश झुकाइए ।

©बेजुबान शायर shivkumar

#guru_purnima #Nojoto ,, हम #गुरु चरणों में शीश झुकाएँ ,,

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#AnjaliSinghal #loveshayari

"हम उनके देखने की अदा देखते हैं, कि भरी महफ़िल में वो हममें क्या देखते हैं! झुका लेते हैं अपनी नज़रों को वो फ़ौरन, जब देखते हैं वो कि हम उन

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ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े  शीश चरणों में उनके झुका दीजिए  जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए  फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए  बाप का फर्ज जो भूल पाये नही  मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ  बात बेटों को इतनी बता दीजिए  घर में आई बहू है हमारे नई  आप नज़रे न उसको लगा दीजिए  इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ । जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए  मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको  उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए  साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें बात इतनी तो जग को बता दीजिए  हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की  आप राहों में रोड़े लगा दीजिए  महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए ।
बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।।
थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े 
शीश चरणों में उनके झुका दीजिए 
जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए 
फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए 
बाप का फर्ज जो भूल पाये नही 
मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए
हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ 
बात बेटों को इतनी बता दीजिए 
घर में आई बहू है हमारे नई 
आप नज़रे न उसको लगा दीजिए 
इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ ।
जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए 
मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको 
उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए 
साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें
बात इतनी तो जग को बता दीजिए 
हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की 
आप राहों में रोड़े लगा दीजिए 
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े  शीश चरणों में उनके झुका दीजिए  जख़्

11 Love

 White एक पत्नी ने अपने पति से बड़े प्यार से कहा,
"सनम, क्या मेरे हुस्न में अब वो बात नहीं?
क्या अब तुझे मेरी कोई याद, कोई प्यार नहीं?

पहले तो तू मुझसे मीठी मीठी बातें करता था,
क्या अब हमारी बातों में वो मिठास नहीं?

क्या अब तेरे दिल में मेरे लिए वो जज़्बात नहीं?
या तेरे प्यार का इज़हार करने का अंदाज़ बदल गया है?"

पति ने खामोशी से नजरें झुका लीं,
शायद उनके दिल में कुछ और ही था,
पत्नी की आँखों में आँसू आ गए,
शायद अब उनके प्यार में कोई बात नहीं रही।

वो प्यार जो कभी आँखों में चमक लाता था,
अब वही आँखें नम हो गई थीं,
शायद वक्त ने उनके रिश्ते की मिठास को चुरा लिया,
या शायद अब उस प्यार का कोई पता नहीं रहा।

©#Mr.India

एक पत्नी ने अपने पति से बड़े प्यार से कहा, "सनम, क्या मेरे हुस्न में अब वो बात नहीं? क्या अब तुझे मेरी कोई याद, कोई प्यार नहीं? पहले तो तू

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#शिक्षा #सिखाते #कविता #अधूरा #ज्ञान #महिमा  White 
,, हम गुरु चरणों में शीश झुकाएँ ,,
 

गुरु शरण नित शीश झुका कर,
अंतस सुख पा जाइए ।
मिलता अनुपम ज्ञान जहाँ से,
जीवन को सुखी यही बनाइए ।

भक्ति का सार सिखाते गुरु वर,
प्रभु मिलन की राह बनाइए।
नर देह धरी प्रभु ने जो धरा पर,
गुरु शरण में शीश झुकाया था ।

गुरु की महिमा का ज्ञान हमें,
गुरु शिक्षा से सिखलाया था।
भव सागर से तर जाने को,
जप नाम का मार्ग दिखाया था ।

गुरु बिन ज्ञान अधूरा होता,
यह गुर( तरीका)हमको सिखलाया था।
मात - पिता,गुरु,बंधु,सखा,
'गुरु ' सम ज्ञान की सीढ़ी हैं ।

गुरु मान इन्हें नित शीश झुका,
अंतस में इन्हें बिठाइए।
गुरु शरण नित शीश झुकाइए ।

©बेजुबान शायर shivkumar

#guru_purnima #Nojoto ,, हम #गुरु चरणों में शीश झुकाएँ ,,

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